कृषि विश्वविद्यालय में महिला अध्ययन केंद्र का शुभारंभ

                                                             कृषि विश्वविद्यालय में महिला अध्ययन केंद्र का शुभारंभ

                                                                

                                                                        पढ़ी-लिखी नारी फिर दिक्कत कहां आ रही

ग्रामीण महिलाओं और छात्र-छात्राओं के हुनर को और बढ़ाया जाए कुलपति प्रोफेसर केके सिंह-

सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में आज महिला अध्ययन केंद्र का उद्घाटन कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर के के सिंह के द्वारा कार्यक्रम के दौरान मौलिक विज्ञान विभाग में किया गया, कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति ने कहा कि समाज के उत्थान में महिलाओं का जागरूक व अग्रणी रहना अतिआवश्यक है।

                                                               

कुलपति महोदय ने अपने संबोधन में बताया कि महिलाओं को जागरूक व साक्षर बनाने में महिला अध्ययन केंद्र एक महत्वपूर्ण एवं प्रमुख भूमिका निभा सकता है। समय-समय पर यहां आयोजित होने वाले कार्यक्रमों के माध्यम से महिलाओं को उनके स्वास्थ्य, व्यवसाय, विभागीय कार्यशैलियों तथा उनके अधिकारों के संबंध में आवश्यक जानकारियां प्रदान की जाएगी। उन्होंने कृषि विश्वविद्यालय में पढ़ने वाली छात्राओं के लिए भी विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित करने के लिए महिला अध्ययन केंद्र को आदेशित किया। कुलपति डॉक्टर के के सिंह ने कहा कि यहां पर महिलाओं के कोशल को बढ़ाने के लिए कार्यक्रम आयोजित की जाएं, जिससे महिला तुरंत अपने हुनर के माध्यम से अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर सके।

                                                       

कुलसचिव डॉक्टर रामजी सिंह ने कहा कि महिलाओं का भारत के विकास में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्होंने महिलाओं से अपील की कि वह अधिक से अधिक संख्या में महिलाओं को अध्ययन केंद्र से जोड़कर उन्हें विभिन्न विषयों की जानकारी प्रदान करें और उन्हें आत्मनिर्भर बनाएं, साथ ही साथ अन्य लोगों को भी रोजगार प्रदान करें।

अधिष्ठाता कृषि डॉ विवेक धामा ने स्वागत भाषण दिया तथा विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ रश्मि ने महिला अध्ययन केंद्र द्वारा किए जा रहे क्रियाकलापों और भविष्य की योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की।

डॉ रश्मि ने अपने संबोधन में कहा कि ‘‘हमें अपने हौसलों से नई भर रही ऊंची उड़ान से न तो कोई शिकायत है और न ही कोई थकान। महिलाओं को दे शिक्षा का उजियारा पढ़ लिखकर करें रोशन जग सारा’’ इन शब्दों के साथ उन्होंने महिलाओं की खूबियों के बारे में सबके सामने अपनी प्रस्तुति दी।

कार्यक्रम का संचालन डॉ अर्चना आर्य द्वारा किया गया तथा अतिथियों का धन्यवाद डॉ रेखा दीक्षित द्वारा दिया गया।

                                   

उद्घाटन समारोह के उपरांत महिला अध्ययन केंद्र द्वारा महिला जागरूकता विषयक एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन भी किया गया। कार्यक्रम में डॉ रीना विश्नोई, प्राध्यापक विधिक, सुभारती विश्वविद्यालय मेरठ, के द्वारा महिलाओं को उनके कानूनी अधिकारों तथा अन्य योजनाओं से संबंधित विशेष जानकारी दी गई। इस कार्यक्रम में सिरोली गांव की महिलाओं तथा विश्वविद्यालय परिसर में शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक महिलाओं ने भागीदारी की। कार्यक्रम का आयोजन मौलिक विज्ञान विभाग में किया गया था।

इस कार्यक्रम में अधिष्ठाता कृषि, डॉक्टर विवेक धामा, अधिष्ठाता बायोटेक्नोलॉजी डॉक्टर रविंद्र कुमार, निदेशक ट्रेंनिंग आफ प्लेसमेंट प्रोफेसर आर एस सेंगर, अधिष्ठाता हॉर्टिकल्चर डॉक्टर बिजेंद्र सिंह, प्रोफेसर बी सिंह, प्रोफेसर पंकज कुमार, प्रोफ़ेसर दीपक सिसोदिया, प्रोफेसर रश्मि, प्रोफेसर शालिनी गुप्ता, प्रोफेसर विनीता, संगीता शर्मा और रेखा सतपुरी आदि के अलावा लगभग 100 से अधिक महिलाओं ने भाग लिया।