मेंटल हेल्थ-स्ट्रेस मैनेजमेंट/मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल

                                              मेंटल हेल्थ-स्ट्रेस मैनेजमेंट/मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल

                                                                                                                                      डॉ0 आर. एस. सेंगर एवं मुकेश शर्मा

                                             

एंग्जायटी यानी चिंता से राहत पाने के लिए होम्योपैथी उपचार

अधिकतर लोगों का मानना है कि चिंता या एंग्जायटी हमारे रोजाना के जीवन का एक अहम और सामान्य हिस्सा है। यानी, किसी बात को लेकर चिंतित रहना या घबरा जाना मनुष्य के नेचर अर्थात प्रकृति का ही एक आवश्यक भाग होता है। लेकिन, कुछ लोगों के लिए एक सामान्य चिंता भी एक गंभीर मामला बन जाती है और इससे उनके रोजाना के कार्यकलाप का जीवन भी कुप्रभावित होता है।

जब चिंता जीवन का एक गंभीर हिस्सा बन जाती है तो उस समय एक छोटा सा काम भी पहाड़ के जितना मुश्किल लगने लगता है। उस समय यह एक मनो-विकार बन जाता है, जिस पर तुरंत ध्यान देने और किसी चिकित्सीय मदद की आवश्यकता होती है।

चिंता या एंग्जायटी से पीड़ित व्यक्ति की मांसपेशियों में तनाव, सिरदर्द, तेजी से सांस लेना, हिलना, भूख में बदलाव और नींद की समस्या जैसे लक्षणों का अनुभव भी किया जा सकता है। तो आज हम अपनी इस ब्लॉग पोस्ट में बात करेंगे चिंता के लिए होम्योपैथी उपचार के बारे में।

यह एक मानसिक विकार है और इस मानसिक विकार के उपचार के लिए एक मनोवैज्ञानिक से सलाह लेना और इसका उचित उपचार कराना सबसे अच्छा विकल्प है। लेकिन, होम्योपैथी भी इसके प्रबन्धन में राहत प्रदान करती है। तो आज हम जानते हैं चिंता के लिए होम्योपैथी उपचार और उनसे प्राप्त होने वाले विभिन्न लाभों के बारे में प्रस्तुत लेख में विस्तार से- 

चिंता और होम्योपैथी

                                           

हममें से प्रत्येक व्यक्ति समय-समय पर चिंता या घबराहट का अनुभव करते हैं। जैसे जब हम परीक्षा देने जाते हैं या स्टेज पर पहली बार जाना, इंटरव्यू आदि। हालांकि, जब यह चुनौतीपूर्ण स्थितियां समाप्त हो जाती हैं तो उसके बाद हम अपने आप को सहज महसूस करने लगते हैं और अपनी सामान्य स्थिति में वापस लौट आते हैं।

हालांकि, कुछ लोग अधिक चिंता के कारण पैनिक अटैक का अनुभव भी करते हैं, जिससे पैनिक डिसऑर्डर या सोशल एंग्जायटी डिसऑर्डर भी हो सकता है। चिंता के लिए होम्योपैथी में चिंता या एंग्जायटी से पीड़ित व्यक्ति के लक्षणों के अनुसार ही उन्हें दवाई लेने की सलाह दी जाती है। हर चिंता के अलग-अलग लक्षण होने पर उन्हें अलग-अलग दवाई ही दी जाती है।

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एंग्जायटी के लक्षणों को दूर करने के लिए होम्योपैथी में हर्बल, खनिज और अन्य प्राकृतिक उत्पादों के मिश्रण का उपयोग किया जाता है। हालांकि, अधिक मात्रा में होम्योपैथिक मिश्रण को लेना कभी-कभी हानिकारक भी हो सकता है। कई लोग चिंता के लिए होम्योपैथी से राहत का अनुभव करते हैं, जबकि दूसरों को लगता है कि अकेले होम्योपैथी उपचार ही पर्याप्त नहीं है।

एंटी-एंग्जायटी दवाएं कुछ लोगों के लिए काम कर सकती हैं। लेकिन, कई लोगों में इनके प्रति कुछ साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं। चिंता के लिए होम्योपैथी का समर्थन करने के लिए बहुत कम वैज्ञानिक साक्ष्य उपलब्ध हैं।

परंतु एंग्जायटी के लिए कई होम्योपैथिक रेमेडीज काफी गुणकारी पायी गयी हैं। हालांकि इसके लिए लक्षण के अनुसार योग्य दवा का उपयोग और उसे सही मात्रा में सेवन कराया जाना भी जरूरी है। इसके लिए, एक ट्रेंड होम्योपैथिक डॉक्टर की सलाह से लेना उचित रहता है।

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चिंता के लिए होम्योपैथिक दवाईया

एंग्जायटी की समस्या को दूर करने के लिए होम्योपैथी में ऐसी बहुत सी दवाईयां उपलब्ध हैं, जिनका उपयोग प्रभावित व्यक्ति के लक्षणों के अनुसार किया जाता है। चिंता के लिए उपयुक्त मानी जाने वाली कुछ कॉमन होम्योपैथिक दवाईयों का विवरण इस प्रकार हैंः-

एकोनाइट (Aconite)

                                               

    चिंता के लिए होम्योपैथिक उपचार में सबसे पहले उपयोग की जाने वाली यह औषधि, जिसका नाम एकोनाइट है, यह वह औषधि है, जो ऐसे लोगों के लिए बेहतरीन काम करती हैं जो चिंता की कारण स्वयं को पूरी तरह से पेनिक महसूस करते हैं। उनका डर, एक झटके या बुरे अनुभव से भी शुरू हो सकता है।

उनकी चिंता की यह भावना तत्काल और तीव्र होती है। उन्हें ऐसा महसूस हो सकता है कि जैसे वे मरने जा रहे हैं और अब वे जीवित नहीं रहेंगे। ये भावनाएं कभी भी महसूस हो सकती हैं, लेकिन रात के समय स्थिति बहुत अधिक खराब हो सकती है। अतः उपरोक्त लक्षण किसी भी मरीज में उपस्थित होने पर इस दवा का व्यवहार करना लाभदयाक रहता है।

आर्जेन्टम-नाइट्रिकम (Argentum Niritcum)

चिंता के लिए होम्योपैथी में जो अगली दवाई है उसका नाम है आर्जेन्टम-नाइट्रिकम। यह उस स्थिति में सबसे अच्छी दवाईयों में से एक हैं, जिस स्थिति में व्यक्ति चिंतित तो होता है, लेकिन वह घबराया हुआ नही होता है। आर्जेण्टम का रोगी को किसी आने वाली घटना को लेकर भी चिंता हो सकती है।

यह भी हो सकता है कि यह हाइट के डर की वजह से हो, फ्लाइंग या क्लौस्ट्रफ़ोबिया की स्थिति में भी ऐसा हो सकता है। इस स्थिति में जब रोगी घबराहट महसूस करते हैं, तो उससे उन्हें कई बार दस्त तक लग सकते हैं।

आर्सेनिकम-एल्बम (Arsenicum Album)

यह दवा चिंता के लिए एक प्रमुख होम्योपैथी औषधि के रूप में जानी जाती है। यह दवाई तब दिमाग में आती है, जब कोई व्यक्ति अधिक चिंता महसूस करता है व जब उसे किसी की कंपनी और आश्वासन की बहुत जरूरत होती है। उनकी चिंताएं भिन्न-भिन्न प्रकार की और तात्कालिक भी हो सकती हैं, या यह उनके स्वास्थ्य जैसे विभिन्न बड़े मुद्दों से संबंधित भी हो सकती हैं। चिंता की स्थिति में वे बेचैन हो जाते हैं और उन्हें शांत कराना मुश्किल हो सकता है।

जेल्सेमियम (Gelsemium)

चिंता के लिए यह होम्योपैथी औषधि ऐसे लक्षणों में सहायक हो सकती है, जब कि रोगी को कोई पूर्वानुमानित चिंता हो। यह किसी परीक्षा या डॉक्टर के पास जाने से जुड़ी भी हो सकती है। यह भी हो सकता है कि किसी सदमे या बुरी खबर के बाद व्यक्ति इस स्थिति में पहुंचा हो। ऐसे लोग अपने आप को अस्थिर और बिलकुल स्तब्ध महसूस कर सकते हैं। उपरोक्त स्थितियों में होम्योपैथी की यह दवाई काम करती है।

लाइकोपोडियम (Lycopodium)

चिंता के लिए होम्योपैथी का एक श्रेष्ठ उपाय है, जिसे लाइकोपोडियम के नाम से जाना जाता है। यह औषधि ऐसे लक्षण वाले रोगियों को दी जाती है जिनके मन की चिंता, किसी आने वाली घटना से जुड़ी होती है। रोगी के मन में किसी आने वाली घटना को लेकर चिंता रहती है जैसे कोई भाषण देने से पहले, मंच पर जाने के दौरान, डॉक्टर के पास जाने या कोई परीक्षा देने के लिए जाने से पहले। ऐसी स्थिति में उन्हें लगता है कि वो उस काम को नहीं कर पाएंगे या स्टेज पर गिर जाएंगे या असफल हो जाएंगे। हालांकि एक बार जब वो उस काम को करना आरम्भ करते हैं तो वे अच्छा प्रदर्शन करते हैं।

काली फॉस्फोरिकम (Kali Phosphoricum)

जब कोई व्यक्ति किसी बीमारी या अधिक काम करने वाली स्थिति से गुजरता है तो वह अधिक चिंता के साथ किसी भी चीज का सामना करने में अपने आप को असमर्थ महसूस करता है। ऐसे स्थिति में काली फॉस्फोरिकम नामक होम्योपैथिक दवा उनकी मदद कर सकती है।

काली फॉस्फोरिकम का मरीज अधिक संवेदनशील होता है और वह सामान्य सी आवाजों से भी चौंक जाता हैं। कोई अप्रिय समाचार सुनने या दुनिया में हो रही की घटनाओं के बारे में सोच कर भी उनकी समस्याएं बढ़ सकती है। काली फॉस्फोरिकम के रोगी अनिद्रा और ध्यान केंद्रित करने में असमर्थ भी रहते हैं। ऐसे में यह चिंता और अनिद्रा के लिए होम्योपैथी उपचार की स्थिति में आराम पहुंचाता है।

चिंता के लिए होम्योपैथिक के इस उपचार की जिन लोगों को आवश्यकता होती है, वह किसी भी चीज के बारे में सोचकर चिंतित हो सकते हैं। दूसरों के प्रति संवेदनशील होते हैं और अधिक थकावट महसूस कर सकते हैं। ऐसे लोग अन्य लोगों का साथ और आश्वासन चाहते हैं।

पल्सेटिला (Pulsetilla)

चिंता के लिए होम्योपैथिक उपचार में अगली है दवाई पल्सेटिला। जिन लोगों को इस होम्योपैथिक उपाय की आवश्यकता होती है, वे निरंतर समर्थन और आराम की आवश्यकता महसूस करते हैं। यही नहीं, वे अक्सर असुरक्षा और जिद्द के रूप में अपनी चिंता व्यक्त करते हैं। ऐसा व्यक्ति भावुक, अशांत, यहां तक की भावनात्मक रूप से अस्थिर भी हो सकते है।

बच्चों के लिए पल्सेटिला एक बहुत ही उपयोगी उपाय है। बहुत गर्म या किसी भरे हुए कमरे में रहना अक्सर पल्सेटिला के रागियों की चिंता को बढ़ा देता है। हार्मानल परिवर्तन जैसे- यौवन, मासिक धर्म या रजोनिवृत्ति) के समय की होने वाली चिंता को दूर करने में अक्सर पल्सेटिला को सेवन करने की सलाह दी जाती है।

विशेषः मुकेश शर्मा होम्योपैथी के एक अच्छे जानकार हैं जो पिछले लगभग 25 वर्षों से इस क्षेत्र में कार्य कर रहे हे। होम्योपैथी के उपचार के दौरान रोग के कारणों को दूर कर रोगी को ठीक किया जाता है। इसलिए होम्योपैथी में प्रत्येक रोगी की दवाए दवा की पोटेंसी तथा उसकी डोज आदि का निर्धारण रोगी की शारीरिक और उसकी मानसिक अवस्था के अनुसार अलग-अलग होती है। अतः बिना किसी होम्योपैथी के एक्सपर्ट की सलाह के बिना किसी भी दवा सेवन कदापि न करें।

इसमें ऐसा भी हो सकता है कि आपकी दवा कोई और भी हो सकती है और कोई दवा आपको फायदा देने के स्थान पर नुकसान भी कर सकती है। अतः बिना चिकित्सीय परामर्श के किसी भी दवा का सेवन न करें। इसके लिए आप फोन न0. 9897702775 पर भी सम्पर्क कर सकते हैं।

डिसक्लेमरः प्रस्तुत लेख में व्यक्त किए गए विचार लेखकगण के अपने हैं।