होम्योपैथी की दवाओं के भी साईड इफेक्ट्स होते हैं

                                        होम्योपैथी की दवाओं के भी साईड इफेक्ट्स होते हैं

                                         

यह एक बड़ा कारण होता है बीमारी की स्थिति को और बिगाड़ देने के पीछे। जरा सोचिए यदि सिर्फ दवाओं के नाम और असर जान लेने भर से इलाज हो जाया करता तो डॉक्टरों की जरूरत ही क्या होती भला? चलिए बात करते हैं होम्योपैथी के संदर्भ में, जिसकी दवाएं अक्सर लोग इस लाइन के साथ लेते हैं, अरे खा लो, कुछ नहीं होता, इसके साइड इफेक्ट्स थोड़े ही न होते हैं बहुत बड़ी भ्रांति है ये लोगों के दिमाग में।  

“सर्दी-खांसी के लिए कफ सीरप खरीदने दुकान पर खड़े आजिंक्य को पास खड़े एक अंकल ने टोका। बेटा-इसके साथ ये वाली (होम्योपैथी की एक दवाई) भी ले लो। मैं अपने घर में यही इस्तेमाल करता हूं। आजिंक्य को हिचकिचाते देख अंकल ने फिर सलाह दी- अरे दिन में दो बार खा लेना। होम्योपैथी की गोलियां ही तो हैं। कौन सा साइड इफेक्ट होना है इसका!”

“शीतल के पेट में रात से दर्द था। जैसे तैसे घर के काम निपटाए। अजवाइन से लेकर गर्म पानी की थैली तक घरेलू उपाय करने के बाद भी आराम नहीं मिल रहा था। पास वाली भाभी ने घर पर रखी होम्योपैथी की गोलियां यह कहते हुए पकड़ा दीं कि उनके बेटे को पिछले महीने डॉक्टर ने यही दवाई दी थी। शीतल का दर्द तो ठीक नहीं हुआ। डॉक्टर के पास गए तो पता चला अपेंडिक्स है, जिसका ऑपरेशन करना पड़ेगा।“

दिमाग से निकालिए ये धारणा

एक होम्योपैथ होने के नाते मैं सबसे पहली बात कहूंगा कि खुद डॉक्टर बनने से बचें। ये हमारे यहां सबसे बड़ी समस्या है। मेरे पास कई बार ऐसे पेशेंट्स आते हैं, जिनको बहुत सामान्य बीमारी हुई होती है, लेकिन अपने मन से दवाई ले ले कर वे उसको बढ़ा लेते हैं। खासकर होम्योपैथी की दवाइयां तो लोग ऐसे लेते-देते हैं जैसे चॉकलेट्स बांट रहे हों। यह धारणा मन से निकालना जरूरी है कि होम्योपैथी दवाइयों के साइड इफेक्ट्स नहीं होते।

                                                     

ये एक बेसिक फैक्ट है कि जिस भी चीज का इफेक्ट होगा, उसके साइड इफेक्ट्स भी होंगे ही। इसको एक सिंपल चीज से समझिए। जैसे हल्दी एक गुणकारी मसाला है, लेकिन अगर आप किसी ऐसे व्यक्ति को हल्दी खिलाएंगे, जिसके शरीर को इसकी अतिरिक्त मात्रा नुकसान पहुंचा सकती है तो उसके लिए तो यह दवाई की जगह जहर बन जाएगी। इसी तरह होम्योपैथी की दवाइयां विभिन्न प्राकृतिक संसाधनों के मिश्रण और उचित प्रक्रिया के साथ बनाई जाती हैं, ऐसे में बिना परामर्श इनका सेवन उलटा असर भी कर सकता है।

बढ़ भी सकती है समस्या

किसी भी दवाई के बारे में एक बेसिक बात ध्यान रखिए। कोई भी दवाई आपकी शारीरिक स्थिति, आपकी बीमारी के लक्षणों और आपकी उम्र आदि के हिसाब से डॉक्टर द्वारा प्रिस्क्राइब की जाती है। एक डॉक्टर को अपनी डिग्री पूरी करने के बाद प्रैक्टिस के साथ यह सीखने का मौका मिलता है कि कौन सी दवाई किस पेशेंट को कब दी जानी चाहिए। आप चाहे किसी भी पैथी से इलाज करवाएं, सही डॉक्टर और सही दवाई का होना हमेशा जरूरी है।

जांच कर लें दवाई

होम्योपैथी दवाइयों को लेकर पिछले कुछ सालों में लोगों में विश्वास बढ़ा है। ये दवाएं बाकायदा रिसर्च के बाद बनाई जाती हैं और चूंकि इनके स्रोत अधिकांशतः प्राकृतिक होते हैं, अतः इनके असर एलोपैथी दवाइयों की तुलना में धीमा भी हो सकता है, लेकिन होम्योपैथी में कई बीमारियों का सटीक इलाज मौजूद है।

                                                       

अभी कोरोना काल मे भी होम्योपैथी दवाइयों के अच्छे परिणाम देखने को मिले हैं। यहां तक कि इस पैथी में बीमारी के बाद के असर और लक्षणों के लिए भी विशेष दवाइयां हैं, लेकिन उसके लिए जरूरी है कि सही समय पर, सही तरीके से इलाज हो। इसलिए अपने मन से होम्योपैथी दवाई खरीदने और प्रयोग में लाने से बचें, दवाई खरीदते समय इसकी एक्सपायरी डेट जरूर चेक करें और डॉक्टर द्वारा दी गई सलाह पर अमल करें।