नीम के तेल से होने वाले लाभ तथा उसके उपयोग

नीम का वृक्ष की गणना ऐसे चुनिंदा वृक्षों में की जाती है जिसका प्रत्येक भाग अपने आप में औषधीय गुणों से भरपूर होता है। प्राचीन काल से ही नीम के पत्तो, उसके फलों (निबोलियों), छाल तथा उसकी जड़ों आदि का उपयोग स्वास्यि के लिए आंयुर्वेदिक दवाईयों को बनाने में किया जाता रहा है। जो कि विशेष रूप से त्वचा के विभिन्न विकारों के लिए रामबाण उपाय माना जाता है। जिनमें विशेषतौर पर नीम के तेल को ही प्राथमिकता दी जाती रही है। दोस्तों, प्रस्तुत लेख में हम नीम के तेल के लाभ की चर्चा, हम इसका उपयोग अपने शरीर की कौन-कौन सी समस्याओं के अन्त के लिए कर सकते है पर विस्तारपूर्वक चर्चा कने वाले हैं-
नीम के तेल के लाभ- 
    नीम के तेल का उपयोग करने से विभिन्न प्रकार के लाभ प्राप्त हो सकते हैं, जिनको इस लेख में अलग-अलग श्रेणी के अन्तर्गत समझाया गया है-
    तो आइये जानते है नीम के तेल के लाभों के विषय में।
सेहत/स्वास्थ नीम के तल से होने वाले लाभ- 
नीम के तेल के माध्यम से विभिन्न प्रकार की शारीरिक समस्याओं को दूर करने के लिए इसका उपयोग किया जा सकता है, जिनका विवरण कुछ इस प्रकार से है-
गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रोग
    गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल से जुड़ी विभिन्न समस्याओं को दूर करने के लिए किस प्रकार कार्य करता है, इस पर अभी कोई ठोस प्रमाण उपलब्ध नही हैं। वैसे एक शोध के अनुसार नीम की छाल के अर्क में गैस्ट्रो प्रोटेक्टिव तथा एन्टी-अल्सर के गुण उपलब्ध होते हैं, जिसके कारण पेट से सम्बन्धित विभिन्न समस्याओं के निर्वाणार्थ इसके सेवन की सलाह दी जाती है। कहने का अर्थ है कि नीम की छाल का अर्क गैस्ट्रि, हाइपर एसिडिटी और अल्सर आदि समस्याओं को ठीक करने में सहायता कर सकता है, यद्यपि इस सम्बन्ध में अभी पर्याप्त शोध करने की आवश्यकता है। इसी प्रकार दक्षिण भारत में उगादि नामक एक पर्व मानाया जाता है, इस अवसर पर नीम के पुष्पों से तैयार यहाँ का पारम्परिक व्यन्जन पचड़ी के सेवन करने का विधान है। इस व्यंजन का सेवन करना पाचन तन्त्र के लिए तो लाभदायक होता ही है, इसके अतिरिक्त इसकिा सेवन करने से हमारी इम्यूनिटी भी मजबूत हो जाती है। 
दाँतों के लिएः- नीम का तेल दाँतों की विभिन्न प्रकार की समस्याओं के लिए भी लाभदायक रहता है। चूँकि यह तेल एन्टीबैक्टीरियल गुणों से समृद्व होता है जो दाँतों के प्लाॅक को दूर करने में सहायता करता है। हालांकि, इस विषय में एक बार डाॅक्टर से परामर्श अवश्य कर लेना चाहिए। इसके अतिरिक्त, नीम की शाखा का उपयोग मुँह की दुर्गन्ध को दूर करने, दाँत के दर्द एवं दाँतों की सफाई के लिए भी उपयोग सदियो से किया जाता रहा है।
मलेरियाः- नीम के तेल का उपयोग मलेरिया जैसी खरनाक बीमारी से बचाव के लिए भी किया जा सकता है। एक शोध के अनुसार, नीम का अर्क मलेरिया को प्रसारित करने वाले मच्छरों से भी मानव की सुरक्षा करता है। इसके लिए विभिन्न कीटनाशकों को बनाने में नीम तेल का उपयोग व्यापक पैमाने पर किया जाता है। मच्छरों के प्रकोप से बचने के लिए, नीम के तेल का उपयोग शरीर की बाहरी त्वचा अथवा रूम डिफ्ूजर के रूप में भी किया जाता है।
वायरसः- नीम के तेल का उपयोग करने से वायरल इंफेक्शन को दूर किया जा सकता है। इसके उपयोग से चिकन पाक्स, फाउल पाक्स तथा स्किन इंफेशन आदि से बचाव होता हैं, जो कि इसके तेल में पाए जाने वाले एंन्टी वायरल गुणों के आणार पर ही सम्भव होता है। इन्हीं गुणों के आधार पर कहा जा सकता है कि नीम के तेल का उपयोग वायरस को दूर करने के लिए किया जा सकता है। हालांकि इस पर अभी और शोध-कार्य किया जाना बाकी है। चिकन पाॅक्स के हो जाने पर गरम पानी में नीम के पत्तो को कुछ देर तक रखने पर, इसी पानी से स्नान करने पर होने वाली खुजली से राहत मिलती है। नीम में एंटीवायरल गुणों के उपलब्ध होने के कारण यह त्वचा सम्बधी विकारों में राहत प्रदान करता है।
अल्सरः- एक अध्ययन में बताया गया है कि नीम का उपयोग कर अल्सर नामक रोग को भी दूर किया जा सकता है, क्योंकि इसमें एंटीअल्सर गुण भी पाए जाते हैं। नाम का तेल अल्सर पर सीधेतौर पर किस प्रकार से कार्य करता है इसके सम्बन्ध में अभी तक कोई ठोस वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नही है। 
विभिन्न प्रकार की दवाईयों को बनाने मेंः- त्वचा सम्बन्धित रोगों के उपचार के काम में आने वाली आयुर्वेदिक के निर्माण में नीम का उपयोग प्राचीन काल से किया जाता रहा है। विशेष रूप से त्वचा की समस्याओं जैसे कि मुहांसे, सोरायसिस, एक्जिमा तथा दाद आदि सहित अन्य त्वचा के विकारों के उपचार हेतु प्रयोग की जाने वाली दवाओं को बनाने में नीम का प्रयोग किया जाता है। 
एंटीसेप्टिक गुणः- नीम में वैसे तो बहुत से गुण पाए जाते हैं, जिनमें से एंटीसेप्टिक गुण भी है। अपने एंटीसेप्टिक तथा अन्य गुणों के चलते नीम का उपयोग कर अनेक दवाईयाँ तथा कास्टमेटिक उत्पादों को बनाने में किया जाता है। अतः कहा जा सकता है कि नीम प्रकृति के द्वारा मानव को दिया गया अनुपम उपहार है।

नीम के तेल का उपयोग किस प्रकार करें-
    नीम के तेल को जैतून के तेल के साथ मिलाकर शरीर के किसी भी प्रकार के घाव पर लगाया जा सकता है।
    मच्छरों को दूर करने के लिए नीम के तेल का उपयोग शरीर पर बाहरी तौर पर लगाया जा सकता है। 
    मच्छरो एवं अन्य कीड़ों को दूर करने के लिए नीम के तेल का छिड़काव घर में किया जा सकता है।
    बढ़ती उम्र के प्रभाव को कम करने के लिए नीम के तेल का प्रयोग त्वचा पर लगाने के लिए किया जाता है।
    दन्त रोग विशेषज्ञ की सलाह पर नीम के तेल का उपयोग दाँतों की सेहत के लिए किया जा सकता है।
    अपने बालों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए नीम के तल का उपयोग बालों में लगाने के लिए किया जा सकता हैं  


लेखकः सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के जैव-प्रौद्योगिकी विभाग के विभागध्यक्ष तथा सीनियर साइंटिस्ट हैं।