स्वयं से प्रेम करना भी जरूरी है

                                                              स्वयं से प्रेम करना भी जरूरी है

                                                             

    इसके सम्बन्ध में मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि जितना प्रेम आप दूसरों से करते हैं, उतना ही जरूरी है स्वयं अपने आप से प्रेम करना। इसके लिए आपको कहीं बाहर जाने की आवश्यकता नही पड़ती है और न ही किसी विशेष प्रयास की। आप अपने रोजमर्रा के कार्यों को करते हुए अभी से अपने लिए समय निकालना आरम्भ करें।

किताबों को पढ़ना रहता सबसे अधिक लाभदायक

    कहते हैं कि किताबे हमारी सबसे अच्छी दोस्त होती हैं और किताबों के साथ बिताया गया समय कभी व्यर्थ नही जाता है। अतः आपको प्रतिदिन की व्यस्तताओं के मध्य से इतना समय अवश्य ही निकलना चाहिए कि आप अपने दिमाग को तरोताजा करने वाली पुस्तकों का अध्ययन कर सकें। किताब पढ़ने से हमारी सोच सही रहती है और हमारे दिमाग में नकारात्मक विचार नही आते हैं। यदि आपको महापुरूषों की जीवनी पढ़ना अच्छा लगता है तो आप इन्हें पढ़ सकते है अथवा आप चाहें तो लोगों के यात्रा वृतांत भी पढ़ सकते हैं।

                                                                

    किताबे हमारे ज्ञान में वृद्वि करने का काम करती हैं और इसके लिए आप कहानी, कविता, गीत-संगीत, खेल-कूद और मनोरंजन से जुड़ी किताबों का अध्ययन भी कर सकते हैं। यदि आपको उपन्यास पढ़ना पसंद है तो आप एतिहासिक उपन्यास पढ़कर अपने ज्ञान में वृद्वि कर सकते हैं, क्योंकि किताबें वास्तव में हमारी सच्ची पथ प्रदर्शक होती हैं।

योग और व्यायाम करना भी आवश्यक है-

अपने दैनिक क्रिया-कलापों को अधिक कुशलतापूर्वक पूरा करने के लिए यह आवश्यक हे कि आप शारीरिक एवं मानसिक दोनों ही स्तरों पर स्वस्थ्य रहें। इसके लिए आप प्रतिदिन सुबह और शाम दोनों ही समय अपने घर पर ही कुछ योगा एवं व्यायाम के जैसी क्रिया नियमित रूप से करते रहें। इसके अलावा यदि आप चाहें तो आप एरोबिक या जुम्बा आदि भी कर सकते हैं।

                                                                           

वर्तमान समय में इंटरनेट के विभिन्न माध्यमों की सहायता से इन क्रियाओं को असानी के साथ सीखा जा सकता हैं। इसके लिए यदि आप चाहें तो किसी कुशल विशेषज्ञ से परामर्श भी ले सकते हैं। योग एवं व्यायाम आदि करने से न केवल हमारी रोग-प्रतिरोधक क्षमता में पर्याप्त वृद्वि होती है, बल्कि हमारा शरीर अपने आप ही अनेक प्रकार की शारीरिक एवं मानसिक परेशानियों को दूर रखने में भी समर्थ हो जाता है।

आप अपनी दिनचर्या के अनुसार सुबह और शाम टहलने अथवा साईकिल चलाने का काम भी कर सकते हैं। इसके साथ ही आप अपनी मांसपेशियों की सक्रियता को सुचारू रखने के लिए प्रतिदिन कुछ किलोमीटर पैदल चलना भी आवश्यक है।

स्वयं की किसी के साथ तुलना न करें-

    अपने आप से प्रेम करने के दौरान यह भी आवश्यक है कि आप किसी भी अन्य व्यक्ति के साथ अपनी तुलना कदापि न करें। फिर चाहे वह आपका व्यवहार हो, आपका रंग रूप हो या फिर धन-दौलत हो। क्योंकि ऐसा करने से आपके मन में स्वाभाविक रूप हीनभावना का विकास हो सकता है।

इसलिए आप हमेशा इस बात पर गर्व का अनुभव करें कि आप जैसे भी है सबसे अच्छे हैं हालांकि, इसके सन्दर्भमें एक दूसरी बात का धन रखना भी बहुत आवश्यक है कि कभी भी आप अपने स्वयं के सम्बन्ध किसी प्रकार की कोई गलतफहमी का शिकार भी न रहें। यदि आप कभी अपने अन्दर किसी कमी का अनुभव करें अथवा आपका कोई शुभचिन्तक आपको इसके सबन्ध में अवगत कराता है कि आप में कुछ कमियाँ हैं तो आप अपनी उन कमियों को शीघ्रातिशीघ्र दूर करने का प्रयत्न करें। ऐसा हो सकता है कि आपकी ये कमियाँ आने वाले समय में एक बोझ बनकर रह जाएं और आपको इनसे हानि उठानी पड़ सकती है।

अपनी देखभाल स्वयं करना

    आपका रंग-रूप और कद-काठी जैसी भी है, यह आपकी अपनी है, इसलिए आपको इस पर भी ध्यान देना चाहिए, फिर चाहे वह आपका सौन्दर्य हो या फिर आपका पहनावा आदि कुछ भी क्यों न हो। क्योंकि समय एवं अवसर के अनुसार परिधान धारण करना भी अपने आप में एक कला होती है। इसके साथ ही वस्त्र धारण करते समय इस बात का भी ध्यान रखना अनिवार्य है कि जो परिधान आपको शूट न करते हो अथवा जिन्हें धारण करने के बाद आप कम्फर्ट महसूस न करें ऐसे परिधान का परित्याग करना ही अच्छा है।

सबसे जरूरी एवं आवश्यक बात

    यह हम सबने कहीं न कहीं अवश्य ही सुना होगा कि जो लोग कम बोलते हैं और दूसरों की अधिक सुनते हैं, वे सबसे सुखी और प्रसन्न रहते हैं। हालांकि इसके सन्दर्भ में एक जरूरी बात यह भी है कि आपको ऐसे लोगों की बातें बिलकुल भी नही सुननी चाहिए जो लोग सदैव ही दूसरो में कमीं निकालते रहते हैं अथवा सदैव ही नकारात्मक बातें किया करते हैं, या फिर सदैव किसी न किसी रूप में आपको कमजोर बनाने की कोशिश करते रहते हैं। जबकि सही एवं सकारात्मक बाते करने वाले लोगों की बाते सुनन से हमें अत्याधिक लाभ प्राप्त होता है।