जोड़ों के दर्द एवं सूजन के लिए होम्योपैथिक उपचार

                                                        जोड़ों के दर्द एवं सूजन के लिए होम्योपैथिक उपचार

                                                                                                                                            डाॅ0 आर. एस. सेंगर एवं मुकेश शर्मा

                                                                

यदि आप जोड़ों के दर्द तथा सूजन आदि से परेशान हैं और आप इसके उपचार के लिए किसी प्रभावी तरीके की तलाश में हैं, तो इसके लिए आप होम्योपैथिक उपचार को अपना सकते हैं, जिसे जोड़ो के दर्द एवं सूजन के उपचार के लिए आदर्श माना जाता है, क्योकि होम्योपैथिक का कोई साइड-इफ्ेक्ट नही होता है। जब जोड़ों में किसी प्रकार की चोट अथवा किसी अन्य कारण से जोड़ों में सुखापन आ जाता है तो इसकी वजह हमे जोड़ों में दर्द का अनुभव होता है। एजिंग तथा अन्य विभिन्न प्रकार के रोगों जैसे कि गठिया, आस्टियोआर्थराइटिस तथा रूमेटोइड गठिया आदि जोड़ों में सूजन तथा दर्द के आम कारण होते हैं। जोड़ों में दर्द तथा सुजन आदि के उपचार के लिए होम्योपैथी की अनेक दवाएं प्रयोग की जाती हैं। जिनमें से कुछ चयनित दवाओं का विवरण हम इस प्रोस्ट में दे रहे हैं तो आइए जानते हैं इन दवाओं और उनके लक्षणों के बारे में-  

1. रस-टाक्सः- जोड़ों के दर्द के उपचार में सर्वाधिक प्रयोग की जाने वाली दवाओं में रस-टाॅक्स बहुत ही प्रभावशाली दवा है, क्योंकि रस टाॅक्स को होम्योपैथिक में दर्द निवरक औषधियों का दर्जा दिया जाता है। इस दवा का प्रयोग करने से गम्भीर एवं पुराने दर्द भी ठीक हो जाते है। जब रोगी के जोड़ों में अधिक दर्द के साथ ही जोड़ों में कठोरता भी होती है तो इस दवा का उपयोग किया जाता है। इस दवा का उपयोग सभी प्रकार के जोड़ों के दर्द का उपचार किया जाता है जब कि रोगी के दर्द में कुछ देर चलने के बाद उसे कुछ आराम महसूस होता है।

                                                       

2. सेंगुइनिया कैन एवं फेरम मैटः- सेंगुइनिया नामक होम्योपैथी दवा का उपयोग व्यक्ति के कन्धों में होने वाली संयुक्त पीड़ाओं के उपचार के लिए किया जाता है। हालांकि यह दवा दाएं कन्धे के जोड़ में होने वाले दर्द में सर्वाधिक प्रभावी होती है। इसके रोगी को अपने दाएं कन्धें में कठोरता का अनुभव होता है और दर्द की स्थिति किसी भी प्रकार की गति से अधिक विकृत हो जाता है और यह दर्द रात्री के दौरान बढ़ जाता है। वहीं दूसरी ओर बाएं कन्धे के दर्द के लिए फेरम मेट नामक होम्योपैथिक दवा का उपयोग किया जाता है, जब रोगी को अपने बाएं कन्धें में कठोरता तथा क्रैकिंग का अनुभव होता है। इस दवा का रोगी जब अपनी बाजू को उठाता है या वह अन्य कोई भी गति करता है तो उसका दर्द उस गति के साथ ही बढ़ जाता है।     

3. ब्रायोनिया एवं रूटाः- होम्योपैथिकी की इन दवाओं का उपयोग कोहनी के जोड़ में दर्द के प्रबन्धन के लिए किया जाता है। जब कोहनी के जोड़ का दर्द बिना किसी गतिविधि के भी बढ़ता है तो ब्रायोनिया नामक होम्योपैथी की दवा का उपयोग किया जाता है, जिसका नियमित रूप से प्रयोग करना दर्द से राहत प्रदान करता है। कोहनी के जोड़ में कठोरता एवं सूजन के साथ दर्द में भी इसका उपयोग किया जा सकता है। रूटा एक प्रभावी होम्योपैथिक दवाओं में से एक है जिसका उपयो कोहनी के जोड़ के दर्द के प्रबन्धन के लिए किया जाता है। दर्द जब विशेष रूप से कन्डिल्स के समीप स्थित होता है, बाजू को उठाना अथवा खींचना दर्द को बढ़ा देता है। इस दवा का उपयोग कोहनी के जोड़ के पास की सूजन तथा गले आदि की सूजन में भी उपयोग किया जाता है। 

                                               

4. कोलचिकमः- जब जोड़ों का दर्द गतिविधि एवं गर्म वातावरण के दोरान बढ़ जाता है तो कोलचिकम नामक होम्योपैथी की दवा का उपयोग किया जाता है।

5. लैकेसिसः- जब रोगी को पूरे समय के दौरान जोड़ो की कठोरता तथा उनमें सहिष्णुता का अनुभव होता है तो उस समय लैकेसिस नामक होम्योपैथी की लैकेसिस नामक दवा का उपयोग करना असरदार साबित होता हैं।
    इसी प्रकार होम्योपैथी की अन्य दवाओं जैसे एक्टिया स्पाकाटा तथा रोडोर्डेंड्रान आदि का उपयोग कलाई के जोड़ के दर्द में किया जाता है।

    
विशेषः मुकेश शर्मा होम्योपैथी के एक अच्छे जानकार हैं जो पिछले लगभग 25 वर्षों से इस क्षेत्र में कार्य कर रहे हे। होम्योपैथी के उपचार के दौरान रोग के कारणों को दूर कर रोगी को ठीक किया जाता है। इसलिए होम्योपैथी में प्रत्येक रोगी की दवा, दवा की पोटेंसी तथा उसकी डोज आदि का निर्धारण रोगी की शारीरिक और उसकी मानसिक अवस्था के अनुसार अलग-अलग होती है। अतः बिना किसी होम्योपैथी के एक्सपर्ट की सलाह के बिना किसी भी दवा सेवन कदापि न करें।
इसमें ऐसा भी हो सकता है कि आपकी दवा कोई और भी हो सकती है और कोई दवा आपको फायदा देने के स्थान पर नुकसान भी कर सकती है। अतः बिना चिकित्सीय परामर्श के किसी भी दवा का सेवन न करें। इसके लिए आप फोन न0- 9897702775 पर भी सम्पर्क कर सकते हैं।

डिसक्लेमरः प्रस्तुत लेख में व्यक्त किए गए विचार लेखकगण के अपने हैं।