मधुमक्खी पालन उपकरण सस्ती दरों पर उपलब्ध Publish Date : 21/01/2025
मधुमक्खी पालन उपकरण सस्ती दरों पर उपलब्ध
प्रोफेसर आर. एस. सेंगर एवं डॉ0 वर्षा रानी
अबमधु मक्खी पालन से जुड़े किसानों को इस व्यवसाय से सम्बन्धित उपकरणों की दरें हरियाणा सरकार के द्वारा निर्धारित कर दी गई हैं। अब मधु मक्खी पालन से जुड़े उपकरण किसानों को सस्ती दरों पर उपलब्ध होंगे। हरियाणा की ‘‘हाई पॉवर परचेज कमेटी’’ की बैठक में लगभग 6.5 करोड़ रूपये की लागत के ऐसे उपकरणों की दरे निर्धारित कर दी गई हैं। यह किसानों की लम्बे समय से चली आ रही माँग ‘‘मधु मक्खी पालन के काम आने वाले उपकरणों की गुणवत्ता और उनकी दरें निधारित की जानी चाहिए’’ के अनुसार किया गया है।
‘हाईपॉवर परचेज कमेटी’ चेयरमैन एवं कृषि मंत्री कंवर पाल ने बैठक पूरी हो जाने बाद यह जानकारी साझा की कि प्रदेश सरकार की ओर से जारी किसान हितैषी नीतियों की बदौलत राज्य में पिछले 10 वर्षों में मधु मक्खी पालन का व्यवसाय तेजी से प्रगति कर रहा है। प्रदेश के विभिन्न किसानों ने इस व्यवसाय को अपनाकर कृषि विविधता की ओर अपने कदम बढ़ाएं हैं, कहा जा सकता है कि कृषि जोत के लगातार कम होले जाने के इस दौर में यह एक अच्छी पहल है।
पिछले वर्ष राज्य में मधुमक्खी पालकों के द्वारा 5,000 मीट्रिक टन शहद का उत्पादन किया गया था, जिसकी बाजारू कीमत लगभग 55 करोड़ रूपये होती है। राज्य सरकार मधुमक्खी पालकों को शहद एकत्र करने और इस व्यवसाय से सम्बन्धित अन्य प्रकार के उपकरणों की खरीद पर 80 प्रतिशत तक का अनुदान देती आ रही है।
मधुमक्खी पालक किसानों की अक्सर शिकायत रहती थी कि मधुमक्खी पालन से सम्बन्धित उपकरण पहले तो बाजार में मिल ही नही पाते हैं और अगर यह मिलते भी हैं तो बहुत मंहगी दरों पर निम्न क्वालिटी के मिल पाते हैं, जिसे मधुमक्खी पालक की आय पर खराब प्रभाव पड़ रहा है।
प्रदेश के जिले कुरूक्षेत्र के रामनगर में इजराइल और भारत सरकार का ‘‘एकीकृत मधुमक्खी विकास केन्द्र’’ स्थापित किया गया है। इस केन्द्र में किसानों को मधुमक्खी पालन के लिए प्रशिक्षण तथा अन्य जाकारियाँ प्रदान की जाती है।
सलाह है कि उक्त केन्द्र में ही निर्धारित दरों वाली कुछ दुकानों की शुरूआत की जानी चाहिए, जिनमें मधुमक्खी पालन से सम्बन्धित उपकरण किसनों को आसानी से प्राप्त हो सकें। एक परिसर की छत के नीचे किसानों को उत्तम गुणवत्ता युक्त ‘‘बी बैक्स’’, ‘‘बी टूलकिट’’, ‘‘बी ब्रश’’, ‘‘बी ग्लवस’’, ‘‘बी फीडर’’, ‘‘रानी मक्खी का पिंजरा’’ और शहद निकालने वाली मशीन आदि के सहित अन्य सभी प्रकार के उपकरण उपलब्ध हो सकेंगे।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।