अतिरिक्त फसल के लिए किसानों को बांटे जा रहे हैं निशुल्क बीज

मौसम के प्रभाव से किसानों को होने वाली हानियों से किसानों को कैसे बचाया जाए। इस पर प्रदेश की योगी सरकार ने दूरगामी सोच दिखाई और ऐसे क्षेत्रों में अतिरिक्त फसल के लाभ से नुकसान की भरपाई करने की दिशा में कदम उठाया गया है। सरकार का प्रयास है कि खरीफ एवं रबी के बीच कृषि क्षेत्र और स्थानीय बाजार की मांग के अनुसार एकत्रित फसल लेकर किसानों को मौसम से हुई क्षति को न्यूनतम किया जा सके। जिन जिलों में समय से बारिश नहीं हुई है वहां योगी सरकार किसानों को दलहन, तिलहन और सब्जी के मुफ्त बीज उपलब्ध करा रही है साथ ही तोरिया के बीज की मिनी किट भी निशुल्क बाटी जा रही है।   कृषि एवं उद्यान विभाग के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस एवं मिनी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस से किसानों को गोभी, टमाटर तथा मिर्च आदि सीजनल सब्जियों की बेहतर प्रजाति के अगेती पौधों के बीज उपलब्ध कराए गए हैं। सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में नियंत्रित तापमान एवं नमी में नर्सरी तैयार की जाती है, जिससे पौधे निरोग होते हैं। किसान नर्सरी डालने के व्यय और उसके जोखिमों से बच जाते हैं।तथा इसमें गुणवत्ता की गारंटी अलग से होती है। ऐसे में सरकार की यह पहल अगेती सब्जी की खेती के लिए उत्तम साबित हो रही है।   
आंकड़ों के मुताबिक खरीफ मौसम में मौसम के प्रभाव के कारण राज्य में लगभग 2,00,000 हेक्टेयर क्षेत्र में फसलों की बुवाई समय से पूरी नहीं की जा सकी है। उन क्षेत्रों में रबी फसलों के पहले किसानों को खाली खेतों में कमजोर मानसून से नुकसान की भरपाई हो सके। इसके लिए अतिरिक्त फसल के लिए निशुल्क बीज उपलब्ध कराए जा रहे हैं। उदाहरण के लिए तोरिया एक कम दिन की फसल है। गेहूं की बुवाई से पहले तोरिया की फसल तैयार हो जाती है इसके बाद किसान आसानी से गेहूं की बुवाई कर सकता है। इस योजना के तहत 100 प्रतिशत राज्य सहायता के आधार पर 2 किलो प्रति पैकेट यूरिया 20 मिनी किट किसानों को निशुल्क वितरित किया जा रहा है। तोरिया के निशुल्क के बीज मिनी किट के वितरण में पारदर्शिता बनी रहे इसके लिए सरकार ने ग्राम पंचायतों एवं जनप्रतिनिधियों के सहयोग एवं उनकी उपस्थिति में तोरियां का मिनी किट का  वितरण किया जा रहा है। तोरिया के निशुल्क के बीच मिनी किट का वितरण में 25 प्रतिशत अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के किसानों को प्राथमिकता दी जाएगी और शेष अन्य किसानों को दिया जाएगा। वितरण में यह प्रयास भी किया जाएगा कि चयनित किसानों में 30 प्रतिशत महिला किसानों की भागीदारी सुनिश्चित हो। सरकार को अनुमान है कि योजना के क्रियान्वयन से लगभग 4,00,000 क्विंटल अतिरिक्त तोरिया का उत्पादन होगा जिससे किसानों को औसत ₹8000 प्रति हेक्टेयर का लाभ मिलेगा। तोरिया की तरह ही अन्य फसलों के बीज भी किसानों को निशुल्क वितरित किए जा रहे हैं। कई क्षेत्रों में सब्जी उत्पादन पर जोर दिया जा रहा है। इसके लिए मौसमी सब्जियों के बेहतर प्रजाति के अगेती पौधे के बीज किसानों को दिए गए हैं जो पहले से उपचारित होते हैं और उत्पादन भी बेहतर होता है।