सर्दियों में फसल को पाले से बचाएं Publish Date : 21/12/2024
सर्दियों में फसल को पाले से बचाएं
प्रोफेसर आर. एस. सेंगर
सर्दियों में फसल को पाले और सर्दी के कारण बर्बाद होने से बचाना है तो करें हमारे कृषि विशेषज्ञ के द्वारा बताए गए यह उपाय, और अपनी फसल को पाले से बचाएं किसान-
सर्दियों में किसानों के लिए अपनी फसलों को पाला और कोहरा आदि से बचाना एक कठिन कार्य होता है, अगर वह इसके बचाव के लिए उचित उपाय नहीं करते हैं तो इससे उनकी फसल पूरी तरह से खराब हो सकती है। अब जानते हैं ठंड में अपनी फसल को पाले से कैसे बचाएं अपने कृषि विशेषज्ञ की राय-
सर्दियों में किसानों की एक महत्वपूर्ण समस्या
सर्दियों में खेती किसानी में कई तरह की समस्याएं आती रहती हैं। जिसमें कई किसान भाई अपनी फसल को पाले की मार से नहीं बचा पाते हैं। लेकिन जो किसान सही फैसला सही समय पर ले लेते हैं उन्हें अच्छी खासी कमाई हो जाती है। ऐसे किसानों को उनकी फसलों की कीमत अच्छी मिलती है। जिसमें सबसे पहले इस लेख में हम आपको बताएंगे कि पाला-कोहरा से फसल पर क्या प्रभाव पड़ता है और इससे बचने के कृषि विशेषज्ञ क्या उपाय सुझाते हैं।
पाला से फसल पर क्या प्रभाव पड़ता है
सर्दियों में पाला-कोहरा पड़ने लगता है और इससे रात में ठंड अधिक बढ़ जाती है। तापमान गिरने लगता है। सामान्य जगह पर चार डिग्री तक तापमान गिर रहा है। रात के समय ओस की बूंदे बर्फ बनने लगती हैं। सुबह भी लंबे समय तक धुंध छायी रहती है। रात में जब तापमान का स्तर बहुत अधिक गिरने लगता है तो उस समय फसलीय पौधों की पत्तियों के अंदर जो पानी उपलब्ध होता है वह भी बर्फ बन जाता है। जिसके कारण फसल में बहुत अधिक नुकसान पहुंचता है। फसल कमजोर होती है और धीरे-धीरे खराब हो जाती है। उत्पादन में कमी भी देखने को मिलती है तो चलिए जानते हैं पाला-कोहरा से फसल को कैसे-कैसे बचा सकते हैं।
पाला-कोहरा से फसल कैसे बचाएं
नीचे लेकर बिंदुओं के अनुसार पाले कोहरे से फसल को बचाने के उपाय-
पाले से फसल को बचाने के लिए विभिन्न उपाय किए जाते हैं। जिसमें से एक उपाय यह भी है कि शाम के समय फसल की हल्की सिंचाई कर दे। हल्की सिंचाई करने से मिट्टी के भीतर का तापमान ज्यादा नही गिरता है और पाला-कोहरा फसल की जड़ में नहीं पड़ता है।
इसके अलावा किसान जब नई फसल की खेती करते हैं तो रोपाई-बुवाई आदि कार्य करते हैं उस समय जिंक, सल्फेट, पोटाश, सुपर सल्फर जैसे सूक्ष्म तत्व उर्वरक डाल सकते हैं। जिससे जमीन में गर्मी बनी रहेगी।
इसके अलावा किसान अगर इस समस्या का परमानेंट उपाय करना चाहते है तो खेतों के अगल-बगल पेड़ों पर बड़े ऊंचे, शहतूत, शीशम जैसे पेड़ लगाए जिससे ठंडी हवाएं खेतों में सीधे प्रवेश ही न कर पाए।
इसके अलावा आसपास जो की सूखी घास होती है उसे शाम के समय जलाएं। लेकिन फसल से दूरी पर ताकि धुएं से थोड़ा गर्माहट भरा माहौल बन सके।
इसके लिए किसान ठंडी राख का छिड़काव भी अपनी फसलों में कर सकते हैं। जैसा कि सब्जियों की फसलों में बैगन आदि में इससे भी पत्तियों को पाला-कोहरा से बचा सकते हैं। राख होने से पत्तियों में और ओस की बूंदे ज्यादा प्रभाव नहीं डाल पाती हैं।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।