अशोक का पुष्प (Ashok Flower)

                                                         अशोक का पुष्प (Ashok Flower)

                                                

अशोक का पुष्प (Ashok Flower) का वैज्ञानिक नाम Sarca Asoca है, जो नारंगी एवं लाल रंग का मिश्रण लिए हुए होता है। फरवरी-मार्च के महीने में खिलने वाले यह फूल भारत के सुन्दरतम फूलों में से एक है, जो कि बहुत सुन्दर सुगन्ध से युक्त होता है और इसका वृक्ष काफी बड़ा होता है।

अशोक के फूल को भारत में सीता अशोक का फूल कहकर भी पुकारा जाता है और यह ऐसे फूलों में से एक है जो कि अपने नाम (Flowewr Name) के अनुसार ही गुण भी रखते हैं।

जिस समय लंकाधिपति रावण माता सीता का हरण कर तो उसने माता सीता को अशोक वाटिका में अशोक के पेड़ के नीचे ही रखा था और इसी वृक्ष की छाया में माता सीता ने अपना वह समय व्यतीत किया था। अतः अशोक के वृक्ष को भारत में एक पवित्र वृक्ष की मान्यता प्रदान की गई है।

                                                                 

ऐसा माना जाता है कि जिस जमीन पर अशोक का वृक्ष विद्यमान होता है, वह भूमि एवं घर दोनों ही पवित्र हो जाते हैं। इस वृक्ष की सबसे अनोखी बात तो यह है कि इस वृक्ष के तने पर भी फूल खिलते हैं। अशोक का फूल देखने में मधुमक्खी के छत्ते की तरह दिखता है, भारत में जिसे कई अन्य नामों से भी पुकारा जाता है जैसे कि-

मधुपुष्प और अपशोक का फूल और यह अपने चमत्कारिक औषधीय गुणों के कारण प्रसिद्व है, जो विभिन्न रोगों के उपशमन के काम आता है जैसे-

अशोक के पुष्प का उपयोग त्वचा की विभिन्न समस्याओं को दूर करने के लिए किया जा सकता है। अशोक का फूल आपके चेहरे के दाग-ध्ब्बों को दूर कर आपकी त्वचा को चमकदार बनाता है।

                                                   

असल में अशोक के फूल के अर्क में फ्लेवोनॉयड्स होते हैं, जो त्वचा को जवां बनाए रखने में मदद करते हैं। अशोक के पुष्प का उपयोग करना आपकी स्किन को चमक और आकर्षित बनाने में मदद करता है। 

  • यह रक्त से सम्बन्धित सभी विकारों का शमन करता है।
  • अशोक के वृक्ष की छाल से बना चूर्ण टूटी हुई हड्डियों को जोड़में मदद करता है।