जिंक खाद का महत्व      Publish Date : 06/11/2024

                             जिंक खाद का महत्व

                                                                                                                                              प्रोफेसर आर. एस. सेंगर

यह अतिसूक्ष्म पोषक तत्वों की सूची में आती है

जिंक का काम पोधे में क्लोरोफिल व कार्बोहाइड्रेट का निर्माण करना है। जिससे पौधे को भोजन बनाने में सहायता प्राप्त होती हैं और पोधे को ताकत मिलती हैं और पौधे की अच्छी बढ़वार होती हैं।

यह पोधे में हॉर्मोन्स की वृद्धि करता है

                                                              

आपको याद होगा हमने आपको मैग्नेशियम के बारे मे समझाते हुए बताया था कि मैग्नेशियम क्लोरोफिल को एक पत्ते से दूसरे पत्ते मैं ट्रांसफर करता है और जिंक इस काम को करने में मैग्नीशियम कि सहायता करती है।

जिंक से पौधों में प्रकाश संश्लेषण कि क्रिया तेज हो जाती हैं 

                                                                              

यह अगर बुवाई के समय फसल में 1 किलो प्रति बीघा डाली जाए तो भी पर्याप्त होती है लेकिन अगर इसकी कमी से पौधे खराब होने पर यदि 6 किलो प्रति बीघा की दर से भी डाले तो यह मात्रा भी कम पड़ जाती हैं।

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल   कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।