गन्ने में दीमक का कंट्रोल/नियंत्रण और बचाव Publish Date : 06/11/2024
गन्ने में दीमक का कंट्रोल/नियंत्रण और बचाव
प्रोफेसर आर. एस. सेंगर
दीमक के सम्बन्ध में सामान्य जानकारी-
यह एक सामाजिक कीट है जो झुंडो में लाखो की संख्या में रहता है।
ठस कीट को सफेदी चिटी के नाम से भी जाना जाता है, जो गन्ने की फसल को 40 से 50 प्रतिशत तक का नुकसान पहुंचाता है।
पॉली फेगस/बहुभक्षी कीट, जो सामान्यतः अधिकांश फसलीय पौधों जैसे - गेहूं, मक्का, ज्वार, मूंगफली, गन्ना, जंगल के बड़े पेड़, फर्नीचर, गेट, दरवाजे और कागज आदि सभी को खा जाता है।
दीमक रात्रि के समय के दौरान सक्रिय रहती है और दिन में यह दरारो, नीचे गिरी पत्तियों के नीचे या जमीन अंदर सुरंग बनाकर चली जाती है।
दीमक के घर को बमुठा बोला जाता है जिसमें एक नर, एक रानी (7-12 सीएम लम्बी), श्रमिक (90 प्रतिशत), सोल्डर (5 प्रतिशत से कम) होती है।
रानी दीमक एक दिन में 30 हजार अंडे ओर एक साल में 70-80 हजार अंडे देती है। यह दीमक के बमुठे में 0.5 मीटर गहराई पर/2-6 फिट गहराई पर शाही घर में रहती है। यह लगभग 15 साल तक जीवित रहती है।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।