सब्जी की खेती करने की वैज्ञानिक विधि बढ़ाएगी किसानों की आय Publish Date : 16/10/2024
सब्जी की खेती करने की वैज्ञानिक विधि बढ़ाएगी किसानों की आय
प्रोफेसर आर. एस. सेंगर एवं डॉ0 वर्षा रानी
भारत के अधिकतर किसान परंपरागत तरीके से धान-गेहूं जैसी फसलों की ही खेती करते हैं, जिससे उन्हें उतना लाभ नहीं हो पाता है जितनीा कि वे आशा करते हैं। ऐसे में किसान विभिन्न प्रकार की सब्जियों की खेती कर अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। बहुत सारी सब्जियां ऐसी हैं, जो समय पर नहीं हो पाती हैं। ऐसे में किसान उन सब्जियों की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
आज की अपनी इस ब्लॉब पोस्ट में हमारे कृषि विशेषज्ञ आपको बताने जा रहे हैं कि किस तरह से किसान कौन सी सब्जी की फसल तैयार करें, जिससे कि उनकी अच्छी कमाई हो सके।
कृषि वैज्ञानिक प्रोफेसर राकेश सिंह सेंगर ने बताया कि इन दिनों किसान बहुत सारी ऐसी सब्जियों की खेती कर सकते हैं, जो उन्हें काफी अच्छा मुनाफा दे सकती हैं। इन सब्जियों में प्रमुख रूप से अगर हम पत्तीदार सब्जियों की बात करें तो उनमें पालक, मेथी और सरसो आदि को शामिल किया जा सकता है इनको किसान इस समय पर लगा सकते हैं।
इसके साथ ही फूल गोभी, बंद गोभी और ब्रोकली सहित आदि बहुत सी सब्जियों को तैयार कर सकते हैं, इन सब्जियों से किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
डॉ0 सेंगर ने बताया कि इस समय किसान प्याज की पौध तैयार करके भी अच्छी कमाई कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि किसान इस समय आलू की फसल को भी लगा सकते हैं, जिसमें पुखराज वगैरा आलू की अन्य किस्मों की खेती कर सकते हैं, जो लगभग 60 से 80 दिनों में तैयार हो जाती है।
इसके बाद जो आने वाली प्रजातियां हैं. चाहे वह चिपसोना हो, चाहे या 37, 97 हो। इसी प्रकार से किसान गाजर की फसल को भी अगर समय से लगाएंगे, तो किसानों को समय पर उसकी फसल मिल जाएगी. जिससे अच्छा मुनाफा उन्हें हो सकता है।
डॉ0 सेंगर ने कहा कि किसानों को सबसे अधिक समस्या पौध तैयार करने की होती है. क्योंकि इस समय वर्षा ऋतु चल रही होती है और ऐसे में खुले में जब किसान बीज की बुआई करते हैं तो वह अकसर खराब हो जाती है।
इस प्रकार किसान भाइयों को चाहिए कि वह एक छोटा सा पॉलीहाउस और एक टर्नल बना लें, जिसके अंदर आसानी से किसी भी मौसम में पौध तैयार की जा सकती है। साथ ही समय से किसान उन पौध को तैयार कर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।