हाइड्रोजन सोलर पैनल: कम खर्च में ज्यादा बिजली      Publish Date : 15/10/2024

                हाइड्रोजन सोलर पैनल: कम खर्च में ज्यादा बिजली

                                                                                                                                      प्रोफेसर आर. एस. सेंगर एवं इंजी0 कार्तिकेय

हाइड्रोजन सोलर पैनल क्या होते हैं?

                                                                   

वर्तमान समय में जहाँ पारंपरिक तकनीक के उपकरण अक्सर महंगे और कम कुशल होते जा रहे हैं वहीं आधुनिक तकनीकी उपकरण अत्यधिक विकसित होते हैं जो दीर्घकालिक लाभ प्रदान करते हैं। अब ऐसी ही एक उन्नत सोलर पैनल और हाइड्रोजन पैनल की तकनीक आई है जिसे हाईड्रोजन सोलर पैनल कहते है। यह सोलर पैनल ऊर्जा क्षेत्र में काफी क्रांतिकारी बदलाव लाने की क्षमता रखता है।

यह पैनल ऐसी बिजली पैदा कर सकते हैं, जिसका उपयोग 10 से 100 साल तक किया जा सकता है। हाइड्रोजन सोलर पैनल से आप ऊर्जा पैदा कर सकते हैं और उसे स्टोर भी कर सकते हैं और फिर कभी भी और कहीं भी उसका उपयोग कर सकते हैं।

आज के अपने इस लेख में हम बात करेंगे हाइड्रोजन सोलर पैनल के बारे में और जानेंगे इनके ऊर्जा भंडारण और पूरी जानकारी के बारे में। तो आइए अब जानते हैं इन सोलर पैनलों के बारे में विस्तार से-

हाइड्रोजन सोलर पैनल

                                                                 

हाइड्रोजन सोलर पैनल के अंतर्गत सोलर एनर्जी का उपयोग करके हाइड्रोजन गैस उत्पन्न करते हैं। यह पैनल पारंपरिक फोटोवोल्टिक सोलर पैनल के समान ही होते हैं लेकिन इनमें बिजली के तारों के स्थान पर गैस ट्यूब के माध्यम से जुड़े होते हैं। हाइड्रोजन सोलर पैनल न केवल दिन में बल्कि रात में भी वायुमंडल में पानी से हाइड्रोजन को अलग करके बिजली पैदा करने की क्षमता रखते हैं। इससे ऑफ-ग्रिड क्षेत्रों में भी 24 घंटे बिजली उत्पादन की अनुमति मिलती है।

हाइड्रोजन सोलर पैनल के घटक

सोलर पैनल एक सोलर सिस्टम का प्राथमिक घटक जो सूर्य के प्रकाश को अवशोषित करता है और वह फिर इसे विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करता है। वे सोलर विकिरण को कैप्चर करके ऊर्जा स्रोत के रूप में कार्य करते हैं। जल वितरण सिस्टम एक प्रमुख घटक जहां इलेक्ट्रोलाइज़र पानी को हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में विभाजित करता है।

यह सिस्टम सोलर एनर्जी का उपयोग करके हाइड्रोजन गैस का उत्पादन करने में मदद करती है। ईंधन सेल हाइड्रोजन गैस को ऊर्जा में परिवर्तित करती हैं। हाइड्रोजन और ऑक्सीजन को नियंत्रित तरीके से संयोजित करके ऊर्जा उत्पन्न की जाती है, जिसका उपयोग बिजली उत्पादन और परिवहन आदि के लिए किया जा सकता है।

हाइड्रोजन सोलर पैनल कैसे काम करते हैं?

                                                                  

सोलर पैनल सूर्य के प्रकाश को अवशोषित करता है और इसे ऊर्जा में परिवर्तित करता है। जितना अधिक सूर्य का प्रकाश उतनी ही अधिक हाइड्रोजन गैस का उत्पादन होता है। यह पैनल हवा में नमी से पानी के अणुओं को कैप्चर है और उन्हें हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में विभाजित करने के लिए सोलर एनर्जी का उपयोग करता है।

यह प्रक्रिया दिन-रात चलती रहती है जिससे ऊर्जा की निरंतर और अबाध आपूर्ति सुनिश्चित होती है। यह सिस्टम केबल के बजाय गैस ट्यूब का उपयोग करता है। जिससे कम दबाव पर शुद्ध ग्रीन हाइड्रोजन उत्पन्न होती है जिसे विभिन्न अनुप्रयोगों के लिए संग्रहीत या परिवहन भी किया जा सकता है।

हाइड्रोजन सोलर पैनल का उपयोग आवासीय, वाणिज्यिक, कृषि क्षेत्रों, परिवहन, खाना पकाने और ऑफ-ग्रिड स्थानों में भी आसानी से किया जा सकता है। वे जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को काफी कम कर सकते हैं और स्वच्छ, नवीकरणीय ऊर्जा भविष्य की ओर हमें ले जा सकते हैं।

हाइड्रोजन सोलर पैनल के लाभ

                                                     

यह बिजली और हाइड्रोजन दोनों का उत्पादन करने के लिए सूर्य के प्रकाश और वायुमंडलीय नमी का उपयोग करते हैं। 2 किलोवाट का हाइड्रोजन सोलर पैनल 40 प्रतिशत दक्षता की दर के साथ 200 लीटर तक हाइड्रोजन गैस का उत्पादन कर सकता है। शेष 60 प्रतिशत ऊष्मा में परिवर्तित हो जाता है, जिसका उपयोग ठंडे क्षेत्रों में खाना पकाने या गर्म करने के लिए किया जा सकता है।

यह वायु प्रदूषण को कम करते हैं और एक स्थायी ऊर्जा स्रोत प्रदान करके ग्लोबल वार्मिंग से निपटने में भी मदद करते हैं। पारंपरिक सौर पैनलों के विपरीत, हाइड्रोजन सोलर पैनलों को ऊर्जा भंडारण के लिए बैटरी बैकअप की आवश्यकता नहीं होती है जो निरंतर ऊर्जा आपूर्ति प्रदान करते हैं।

भविष्य की संभावनाएं: हाइड्रोजन से चलने वाले वाहन जल्द ही एक वास्तविकता बन सकते हैं, जो इन पैनलों से हाइड्रोजन को ईंधन के रूप में उपयोग कर सकेंगे।

हाइड्रोजन सोलर पैनल की कमियाँ

हाइड्रोजन सोलर पैनल मुख्य रूप से प्रत्यक्ष बिजली उत्पादन के स्थान पर ईंधन उत्पादन पर ध्यान केंद्रित करते हैं। हाइड्रोजन के भंडारण और परिवहन के लिए बड़ी भंडारण प्रणालियों की आवश्यकता होती है जिससे यह एक महंगी और रखरखाव-गहन प्रक्रिया बन जाती है। हाइड्रोजन का उत्पादन और परिवहन महंगा है जिससे समग्र प्रणाली पारंपरिक सौर पैनलों की तुलना में अधिक महंगी हो जाती है।

पारंपरिक सौर पैनलों को हाइड्रोजन सौर पैनलों में कैसे बदलें?

                                                                

एक नियमित सौर पैनल को हाइड्रोजन सौर पैनल में बदलने के लिए हाइड्रोजन के लिए भंडारण टैंक, इनवर्टर और जनरेटर जैसे विशेष उपकरणों के साथ जोड़ने की आवश्यकता होती है। हाइड्रोजन एक अत्यधिक ज्वलनशील गैस है इसलिए अतिरिक्त सुरक्षा सिस्टम की आवश्यकता भी होती है, जिससे यह एक जटिल और महंगी प्रक्रिया बन जाती है।

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल   कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।