चैटजीपीटी का विकल्प गूगल बार्ड

                                                    

                                                             चैटजीपीटी का विकल्प गूगल बार्ड

                                                                                                                   डॉ0 आर. एस. सेंगर, डॉ0 रेशु चौधरी एवं मुकेश शर्मा

  प्रत्येक प्रकार के विषयो पर कंटेंट तैयार करना हो या अलग अलग भाषाओं में अनुवाद अथवा अपने प्रश्नों के सटीक जवाब की तलाश तो यह सभी कार्य गूगल के बार्ड या चैटजीपीटी के माध्यम से आसानी के साथ किए जा रहे हैं। इनके उपयोग की तकनीकों के सम्बन्ध में बता रहे हैं डॉ0 आर. एस. सेंगर-

गूगल बार्ड के उपयोग करने का तरीका-

  गूगल बार्ड का उपयोग करने के लिए इसकी अधिकारिक वेबसाईट https://bard google.com पर जाकर इसका निःशुल्क उपयोग किया जा सकता है, जहाँ पर डाक्यूमेन्टेशन और विभिन्न ट्यूटोरियल भी दिये गये हैं।

                                                                

स्टैप 1: गूगल के नए ब्राउजर को ओपन करें और इसके बाद गूगल बार्ड की अधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।

स्टैप 2: वेबसाइट में साइन-इन करें। साइन-इन करने के लिए अपनी जीमेल आईडी का उपयोग करें।

स्टैप 3: साइन-इन करने के बाद गूगल बार्ड एआई पर पहुँच जाएंगे।  यहाँ पर सवाल पूछने के लिए दिए गए बॉक्स में अपने सवाल टाईप करें। जाकर इस दिए गए इसके बाद कुछ ही सेकेण्ड्स में बार्ड के जवाब चैटबॉकस में उपलब्ध होगा।

पहले इसके पेज पर नीचे दिए गए ‘‘मुझे आजमाए’’ विकल्प पर क्लिक करे। इसके साथ ही पेज पर दिए गए ‘‘मै सहमत हूँ’’ पर क्लिक करके गूगल बार्ड की गोपनीयता नीति से सहमति जताएं।

इस प्रकार से गूगल बार्ड का उपयोग किया जा सकता है। चैटबॉक्स में उपलब्ध कुछ बुनियादी विकल्पों पर भी ध्यान देना होगा, जिसके बांई ओर रीसेट चैट, बोर्ड एक्टिविटी, हेल्प और एक्सेपटेंस, अपडेट और एफएक्यू भी होगे। इसमें चैट रीसैट कर एक बार में सभी चैट्स को खत्म किया जा सकता हैं यहाँ ध्यान देने की जरूरतें हैं कि बार्ड के पास एक से अधिक चैट नही किया जा सकता है।

चैटजीपीटी और गूगल बार्ड एआई में अन्तर

यह अप-टू-डेट जानकारी उपलब्ध कराने में सक्षम है।

                                                               

  • बार्ड इंटरनेट से जुड़कर नवीनतम शोधों तक पहुँच बनाए रखता है। उसके पास गूगल सर्च इंजन से जानकारी एकत्र करने के लिए अधिक डेटा उपलब्ध है। माइक्रोसॉफ्ट इंजन बिंग से चैटजीपीटी के पास इस सुविधा का स्तर कुछ कम है।
  • चैटजीपीटी कुछ तथ्यात्मक गलतियाँ कर जवाब को तोड़-मरोड़ भी सकता है, वहीं बार्ड की जानकारी को अधिक विश्वशनीय माना जा रहा है।
  • इनमें एक विशेष अंतर पूछे गए सवाल को सर्च वॉक्स में डालने से लेकर है। चैटजीपीटी में इसे टैक्सट के रूप में टाइप करना होता है, जबकि गूगल बार्ड में इसे बोलकर भी दर्ज किया जा सकता है।
  • गूगल बार्ड में ‘‘गूगल इट’’ बटन दिया गया है, जिससे इसके बाहरी सर्च को भी जारी रखने के लिए इन लाइन का लिंक प्राप्त होता है। गूगल बार्ड एक अन्य विशेषता ‘‘ड्रॉफ्ट’’ है। ‘‘बार्ड एक्टिविटी’’ पर क्लिक कर दर्ज किए गए समस्त विवरणों को देख जा सकता हैं या इन्हें हिस्ट्री से हटाया भी जा सकता है।
  • चैटजीपीटी मुफ्त और 20 हजार रूपये प्रतिमाह के भुगतान के साथ उपलब्ध है, जबकि गूगल बार्ड फिलहाल निःशुल्क सहायता कर रहा है।

व्हाट्सअप मैसेजेज को करे एडिट

  व्हाट्सअप के द्वारा एडिट मैसेज फीचर का आरम्भ किया गया है। मैसेज को सेंड करने के 15 मिनट के अंदर उसे एडिट किया जा सकेगा। ऐसा करने के लिए मैसेज को प्रेस कर होल्ड कर एडिट के ऑप्शन पर टैप करना होगा। एडिट किए गए मैसेज पर एडिट मैसेज टैग होगा। हालांकि यूजर एडिट किए गए मैसेज से पहले वाले मैसेज को नही देख पाएंगे।

  अभी तक मैसेज को एडिट करने के लिए पूरे मैसेज को ही डिलीट करना होता था। फिलहाल कुछ ही यूजर्स के लिए इस फीचर की शुरूआत की गई हैं और आने वाले समय में यह सुविधा सभी यूजर्स के लिए उपलब्ध होगी। इससे पहले ट्विटर ने कुछ माह पूर्व अपने पेड यूजर्स के लिए मैसेज एडिट फीचर को आरम्भ किया था।

एआई में शुरूआत के लिए करे तैयारी

  एआई का उपयोग अब बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। इस तकनीक में अधिक मांग वाली नौकरियों से सम्बन्धित आवश्यक स्किल्स की जानकारी छात्रों के भविष्य को एक सुदृढ़ आधार प्रदान करेगी।

  भविष्य में एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस विभिन्न नौकरियों के स्वरूप परिवर्तन करने जा रही है, परन्तु विशेषज्ञ भी यह मानते हैं कि यह बदलाव केवल ऐसे ही लोगों को कार्य विरत कर पाएगा जो कि इसके लिए तैयार नही हैं। वर्ल्ड इकोनोमिक फोरम के अनुसार, एआई के कारण वर्ष 2025 तक यदि 8.5 करोड़ नौकरियाँ बदल जाएंगी तो 9.7 करोड़ नई नौकरियों का अभ्युदय होगा। ऐसे में कुछ क्षेत्रों के प्रोफेशनल्स एआई में अपस्किलिंग करके रेस में जमें रह सकते हैं तो पेश है एआई के अन्तर्गत कुछ एंट्री लेवल मौको की राह-

यू एक्स डिजाइनर

   एक यूजर एक्सपीरियंस डिजानर किसी डिजिटल टूल के फीचर्स इस प्रकार से डिजाइन करता है कि उसका उपयोग करने में अधिक आसानी रहे। उदाहरण के लिए एक चैटबॉट का सॉफ्टवेयर इसकी संवाद प्रक्रिय को सहज बनाने और विजुअल अपील पर काम कर सकता है।

  • योग्यताः बीएससी, बीसीए, बीई, बीडीएस अंडरग्रेजुएट या समाान्तर पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री।
  • सैलरीः 5-6 लाख रूपये सालान।

डेटा साइंटिस्ट/एनालिस्ट

  एक डेटा साइंटिस्ट डेटा कैसे और कहाँ से एकत्र किया जाए इस पर अपने ध्यान को केन्द्रित करता है, तो वहीं एक डेटा एनालिस्ट प्राप्त डेटा से पैटर्न और निष्कर्ष निकालता है।

  • डेटा साइंटिस्ट के लिए मैथ्स या कम्प्यूटर साइंस में मास्टर्स डिग्री। इसके साथ ही माडर्न टूल्स जैसे स्पार्क, पिग एवं हाइव आदि में भी उसे दक्षता प्राप्त हो तथा मशीन लर्निंग भी सीखे। डेटा एनालिस्ट के लिए सीएस या मैथ्स में बैचलर डिग्री व माइक्रोसॉफ्ट एक्सेल और रिग्रेशन की जानकारी आदि से भी युक्त हो।
  • आयः डेटा साइंटिस्ट के लिए 7-8 लाख रूपये वार्षिक और डेटा एनालिस्ट के लिए 4-7 लाख रूपये वार्षिक तक मिल जाते हैं।

मशीन लर्निंग इंजानियर

                                                             

  एक मशीन लर्निंग इंजानियर पेशेवर एआई आधारित स्वचालित सॉफ्टवेयर का विकास करता है। यह सॉफ्टवेयर मुख्य रूप से वर्चुअल असिस्टेन्सचैट बोट्स, स्वचालित कार एवं ट्राँसलेशन एप्लीकेशन्स का कार्य करते हैं। ये डेटा एनालिस्ट के लिए सॉफ्टवेयर्स को कमांड के समझने के योग्य बनाते हैं।

  • योग्यताः इस क्षेत्र में कम्प्यूटर साइंस अथवा मैथ्स में मास्टर्स डिग्री या पीएचडी डिग्री को वरीयता प्रदान की जाती है। पायथन, आर, जावा एवं स्काला जैसी कम्प्यूटर लैंग्वजेज का ज्ञान होना भी आवश्यक है। न्यूरल नेटवर्क्स, मशीन लर्निंग एल्गेारद्म्स और प्रोग्रामिंग आदि की जानकारी का होना भी आवश्यक है।
  • आयः इस प्रोग्राम में 7-10 लाख रूपये वार्षिक तक की आय हो जाती है।

रिसर्चर एवं रिसर्च साइंटिस्ट

  रिसर्च से जुड़े पेशेवर किसी भी क्षत्र में कार्य करने में सक्षम होते हैं। एआई के लिए अपस्किल करें।

  • योग्यताः बी. टेक, बीई अथवा समकक्ष कोई डिग्रीधारी अभ्यर्थी। उच्च पदों के लिए साइंस, एप्लाइड साइंस, मेटीरियल साइंस, कम्प्यूटर साइंस या डिजाइन इंजीनियरिंग में डिग्री का होना आवश्यक है। रिसर्च साइंटिस्ट के लिए गणित या कम्प्यूटर साइंस में पीएचडी अथवा एडवांस मास्टर्स की होनी चाहिए। नैचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग (एनएलपी) और रोन्फोर्समेंट लर्निंग का हुनर का भी अनिवार्य रूप से होना चाहिए।
  • आयः एक रिसर्च साइंटिस्ट को 7-8 लाख रूपये सालाना मिल जाते हैं।

सॉफ्टवेयर इंजींनियर

  कम्प्यूटर इंजीनियरिंग, कम्यूटर साइंस या एआई में बैचलर डिग्री के साथ कम्यूटर प्रोग्रामिंग एवं सॉफ्टवेयर डेवलेपमेंट की जानकारी का होना भी आवश्यक है।

आयः प्रारम्भ में 6-7 लाख रूपये वार्षिक तक प्राप्त हो जाते हैं।

  अतः जिस क्षेत्र में भी अधिक रूचि हो, उसी में दक्षता प्राप्त करने पर अधिक ध्यान देना चाहिए। पहले इंटर्नशिपक रने से अधिक लाभ मिलता है।

लर्न एआई के स्किल्स

  एआई के बढ़े कदमों साथ कदमताल मिलाने के लिए इससे सम्बन्धित स्किल्स को अपग्रेड करना भी आवश्यक है इसके कुछ प्रमुख स्किल्स इस प्रकार से हैं-

  • प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेजः ऐसे तमाम क्षेत्र जिनमें कस्टमाइज्ड एआई सिस्टम के लिए एक एआई टीम होती है, उसमें प्रोग्रामिंग लैंग्वेज जैसे, पायथन, जावा, सी++, जूलिया, आर और स्काला आदि की जानकारी का होना भी आवश्यक है।
  • मशीन लर्निंग एल्गोरिदमः किसी भी एआई से सम्बन्धित कार्य में मशीन लर्निंग एल्गोरिदम एक बहुत ही आवश्यक अंग होता है।

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, सरदार वल्लभर्भा पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर में प्रोफेसर एवं कृषि जैव प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख हैं।