शिक्षण एवं शोध के क्षेत्र में वर्ष 2014 के बाद काफी बदलाव आएः डॉ0 सेामेन्द्र

                                        शिक्षण एवं शोध के क्षेत्र में वर्ष 2014 के बाद काफी बदलाव आएः डॉ0 सेामेन्द्र

    सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में दस वर्षीय चिजन डॉक्यूमेन्ट पर कार्याशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का आयोजन करते हुए कुलपति प्रोफेसर के के सिंह ने कहा कि आगामी दस वर्षों के लिए विश्वविद्यालय में शिक्षा एवं शोध और विकास कार्यों हेतु विजन डॉक्यूमेन्ट तैयार किया जा रहा है और नई शिक्षा नीति को लागू करने की तैयारी है।

    इस अवसर पर ऊर्जा राज्यमंत्री सोमेन्द्र ने कहा कि वर्ष 2014 के बाद शिक्षण एवं शोध के क्षत्र में व्यापक परिवर्तन आया है। नई शिक्षा नीति को जल्द से जल्द लागू किया जाना चाहिए। एमएलसी डॉ0 धर्मेन्द्र भारद्वाज ने सुझाव दिया कि बीेटेक एवं एमटेक की डिग्री को एकसाथ मिलाकर पाँच वर्ष कर दिया जाए तो इससे छात्रों का समय बचेगा। सपा के सरधना विधायक अतुल प्रधान ने विश्वविद्यालय के लिए पाँच लाख रूपये तक के कार्यों को अपनी विधायक निधि से कार्य कराने की घोषणा की। सुनील कुमार, सेठ पाल, गाजियाबाद से एनजीओ की संचालिका नीलम त्यागी, मनोहर सिंह तोमर आदि ने भी इस अपने विचार प्रस्तुत किए। इस अवसर पर डॉ0 अनिल सिरोही, डॉ0 बी आर सिंह एवं डॉ0 अर्चना आर्य आदि मौजूद रहे।

एआई के माध्यम से होगी चीनी उद्योग की मिठास में वृद्वि

         भारत विश्व का सबसे बड़ा चीनी उत्पादक देश और ब्राजील के बाद दूसरा सबसे बड़ा चीनी का निर्यातक देश है। भारत में चीनी उद्योग के लिए उत्पादन की प्रक्रिया में होने वाली हानि एवं एक समान चीनी के दाने नही बन पाने की समस्या बहुत बड़ी है।

    अब एआई के माध्यम से इस समस्या का हल भी खोज लिया गया है। कानपुर स्थित राष्ट्रीय शर्करा संस्थान (एनएसआई) के द्वारा एआई आधारित ऑटोमेशन एंड इन्स्टूमेंटेशन तकनीक का विकास किया जा रहा है। इससे चीनी मिलों की हानि कम होगी तथा उसकी गुणवत्ता भी बढ़ेगी।

इस तकनीक के कार्य करने का तरीका- एनएसआई के तकनीकी अधिकारी बृजेश सिंह के अनुसार चीनी मिलों में गन्ने की पेराई से लेकर चीनी का दाना बनाने की पूरी प्रक्रिया को अब एआई के माध्यम से ही नियन्त्रित किया जाएगा। इस तकनीक की सहायता से चीनी के उत्पादन की उन त्रुटियों को देर करने का प्रयास किया जा रहा है जो कि मानवीय भूल का हिस्सा हुआ करती थी। इस तकनीक ककसे अधिक रस प्राप्त करना सम्भव हुआ है।

कढ़ाई में लगे कैमरे- चीनी के दानों के निर्माण प्रक्रिया की सतत निगरानी के लिए कढ़ाई में हाई रिज्योल्यूशन युक्त कैमरों को लगाया गया है। इन कैमरो सं प्राप्त होने वाले डाटा का विशलेषण कर चीनी के उत्पादन में लगने वाला समय बचाया जा सकता है। असल में चीनी के दाने जितनी यार होते हैं, उतना ही नुकसान कम होता है।

    वहीं निर्माण प्रक्रिया में विलम्ब से उत्पादित चीनी का रंग पीला पड़ने लगता है और इसके दाने भी बड़े नही बन पाते हैं। इस समस्या का हल एआई और इंटरनेट ऑफ थिंग्स यानी आईओटी तकनीक के माध्यम से नियन्त्रित किया जा रहा है। इस नवीन तकनीक को देश के दो बड़े चीनी मिलों के समूहों डीसीएम श्रीीरम एवं डालमिया उपयोग सफलतापूर्वक कर रही हैं।

    देश में इस तकनीक का उपयोग करने से चीनी मिलों को बल मिलेगा। संस्थान ने चीनी उत्पादकों को आधुनिकीकरण पर निवेश करने की सलाह भी दी है। फिलहाल दो चीनी मिलों के द्वारा हमारी इस नई तकनीकी को लागू भी कर दिया गया है। अब इनकी देखादेखी कई अन्य चीनी मिलें भी इस तकनीक को लागू करने के लिए तैयार हैं।

नरेन्द्र मोहन, निदेशक, राष्ट्रीय शर्करा संस्थान, कानुपर, उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय शर्करा संस्थान, कानुपर, उत्तर प्रदेश।

                                                            ऑफिस में साड़ी लुक का प्रभाव

                                                     

    गर्मियों के दिनों में कामकाजी महिलाओं के लिए एक बड़ी समस्या है कि रोज.रोज ऑफिस में क्या पहन कर जाया जाएए जिससे कि उन्हें राहत भी प्राप्त हो और वे आरामदायक भी महसूस कर सकें। तो इसका एक सम्भावित जवाब हो सकता है कॉटन की साड़ी। जी हाँ, कॉटन की साड़ी बेहद आरामदायक होती है। कारण यह सिंपल दिखने के साथ ही एक स्टाइलिश लुक भी प्रदान करती है और आरामदायक तो होती ही हैं। अतः इसको पहनने के बाद ऑफिस में पूरे दिन कम्फटेबल महसूस किया जा सकता हैं

मुलायम होने के साथ ही हल्कीः. प्रिंटेड कॉटन साड़ी बेहद मुलायम और हल्की होती हैए इसलिए यह प्रत्येक आयुवर्ग की महिलाओं की पहली पसंद होती हैं। कॉटन की साड़ी को पहनने के बाद आप स्वयं को आराम महसूस तो करेंगी ही इसके साथ ही यह आपको एक आकर्षक लुक भी देता हैं।

    इसके लिए आपको केवल एक ब्लाऊज का चयन करना होगा जो कि आपकी साड़ी से मैच करता हो। सभी रंगों की अपेक्षा ऑफिस के लिए लाईट कलर की साड़ी को ही सर्वाधिक डिसेन्ट माना जाता है।

कलरफुलः. यदि आप कलरफुल लुक अपनाना चाहती हैं तो आप एक कलरफुल कॉटन साड़ी का चयन भी कर सकती हैं। यह आपको आकर्षक लुक प्रदान करेगी वेसे गर्मियो में लाइट कलर को ही प्राथमिकता देनी चाहिए। यदि साड़ी का कलर डार्क होगा तो आप स्वयं को कम्फर्ट महसूस नही कर सकेंगी। जबकि एक लाइट कलर कॉटन की साड़ी आपको कूल अहसास कराने में सक्षम है।

                                                           

प्लेन साड़ी में स्टाइलः. प्रायः महिलाएं कॉटन की साड़ी को सिंपल तरीके से ही कैरी करती हैंए जबकि इसमें भी स्टाइलिश लुक को कैरी किया जा सकता हैं आपको इसके लिए स्लीवलैस ब्लाऊज और लाइट मैकअप भी करना होगा। आप ऑफिस के लिए प्लेन कॉटन की साड़ी को थोड़ा अलग लुक में कैरी करेंगी तो वह भी आप पर खूब जचेगी।

प्रिंट्स चेक्सः. यदि आप अपने ऑफिस में अधिक स्टाइलिश लुक कैरी करना चाहती हैं तो आप प्रिंट्स चेक्स साड़ी का चयन कर सकती हैं। ऐसे में ध्यान रखें कि प्रिंटेड साड़ी के साथ प्रिंटेड काँन्ट्रास्टिंग ब्लाऊज का पेयर करें। लाइट मैकअप में यह कॉम्बिनेशन आपको बेहतर लुक प्रदान करेगा।

डार्क कलर का पैच.वर्क व्हाइट साड़ी भी आकर्षक लुक प्रदान करती है बैशर्ते उस पर किसी डार्क कलर का पैच वर्क किया गया हो तो यह अधिक अच्छा रहता है।

                                                              

    अब आपको यह तय करना है कि आप इसके साथ किस कलर के ब्लाऊज को कैरी करना चाहती हैं। यदि आप पैच.वर्क के कलर के ब्लाऊज पहनने के लिए चूज करती हैं तो यकीन मानिए कि आप अपने आपको बेहद आकर्षक महसूस करेंगी।

तांत कॉटनः. कॉटन में तांत साड़ीज भी स्टाइलिश लुक देती हैं। पश्चिम बंगाल में इस साड़ी का प्रचलन बेहद आम हैए क्योंकि इसे आसानी के साथ कैरी किया जा सकता है। विशेष रूप से गर्मियों में इसे पहनने का अर्थ है अपने आप में बेहद आरामदायक अहसास कराना हैए इसी कारण से इसे ऑफिस में भी पहन कर जाया जा सकता है। विशेष बात तो यह है कि यह साड़ी विभिन्न डिजाइनों में उपलब्ध है तो आप इसे पहनकर आप बोर भी नही होंगी।

लाइट वेट ब्लैकः. प्रत्येक अवसर पर स्टाइलिश लुक प्रदान करने वाली कॉटन की साड़ी को आप किसी पार्टी में भी पहन सकती हैं तो इसे पहन कर आप ऑफिस भी जा सकती हैं। यह गर्मियों में कम्फर्ट देने साथ ही आपको स्टाईलिश भी बनाती हैं।

                                                                 

    अधिकतर महिलाएं इस लुक को प्राथमिकता देती हैं क्योंकि यह लाइट वेट होती है। इस साड़ी के साथ लाइट कलर का ब्लाऊज कैरी किया जाना भी आवश्यक है। अत्याधिक मेकअप गैर जरूरी होता है।

लेखकः डॉ0 आरण् एसण् सेंगरए सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय स्थित कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर में प्रोफेसर एवं कृषि जैव प्रौद्योगिकी विभाग के अध्यक्ष हैं।