अंडमान एवं नीकोबार सागर पहुँचा दक्षिण-पश्चिमी मानसून

                                                               अंडमान एवं नीकोबार सागर पहुँचा दक्षिण-पश्चिमी मानसून

                                                                                                                           डॉ0 आर. एस सेंगर, डॉ0 वर्षा रानी एवं मुकेश शर्मा

शुक्रवार को दक्षिणी पश्चिमी मानूसन बंगाल की खाड़ी, नीकोबार द्वीपसमूह और दक्षिणी अण्ड़मान सागर में प्रवेश कर गया, जिससे कृषि प्रधान देश भारत में चार महीने बरसात के मौसम के लिए माहौल तैयार होने लगा हैं।

    भारत के मौसम विभाग ने बताया कि दक्षिण-पश्चिमी मानसून ने दक्षिणी पूर्वी बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों, नीकोबार द्वाीपसमूह और अण्ड़मान सागर पर गरज बरस दिखाई है। गले तीन से चार दिनों में इन क्षेत्रों में दक्षिणी-पश्चिमी मानसून के आगे बढ़ने की आशा है।

    3.5 खरब डॉलर की भारी-भरकम अर्थव्यस्था में कृषि का बड़ा योगदान है। यहाँ अच्छे मानूसन से खेतो की सिंचाई से लेकर जल-संचय तक की विभिन्न समस्याों का समाधान होा है। अलनीनो के मौसम पैटर्न की आपा स्थिति को देखते हुए इस वर्ष मानसूनी बारिश को लेकर चिंताएं प्रदशित की जा रही है।

ध्यान रहे कि इस सप्ताह की शुरूआत में मौसम विभाग ने कहा था कि इस बार मानसून के आने में कुछ देर सम्भव है। क्योंक मानसून के केरल में देर से आने की सम्भावनाएं बन रही है, जबक आमौर पर मानसून एक जून को केरल के तटों को स्पर्श कर लेता है।

अलनीनो के प्रभाव से अमेरिका के समीप प्रशांत महासागर की सतह काफी गरम हो जाती है, जिसके कारण आस-पास का वाावरण प्रभावित होता है।

लेखकः डॉ0 सेंगर, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रोद्योगिकी विष्वविद्यालय के कृषि महाविद्यालय में प्रोफेसर एवं कृषि जैव प्रौद्योगिकी विभाग के अध्यक्ष हैं।