मुल्य सम्बर्धन विषय पर पॉच  दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन

मसाले वाली फसलों के कटाई उपरान्त प्रबन्धन एवं मुल्य सम्बर्धन विषय पर 5 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम उद्यान महाविद्यालय, कृषि विश्वविद्यालय मेरठ में प्रारम्भ किया उद्घाटन सत्रा की अध्यक्षता डा0 बी0 आर0 सिंह, कुलसचिव द्वारा की गई उद्घाटन सत्रा को सम्बोधित करते हुए डा0 आर0 एस0 सेंगर, निदेशक प्रशिक्षण एवं सेवायोजन द्वारा कहा गया कि छात्रा इस तरह के प्रशिक्षणों का उपयोग भविष्य में रोजगार प्राप्त करने के लिए ही नहीं करेगें अपितु अन्य लोगों को भी रोजगार प्रदान करायेंगें।
डा0 बी0 आर0 सिंह, कुलसचिव द्वारा कार्यक्रम के अध्यक्षीय सम्बोधन में कहा गया कि छात्रा अपना लक्ष्य निर्धारित करते हुए उसे पूर्ण करने का संकल्प लें।
डा0 बिजेन्द्र सिंह, अधिष्ठाता उद्यान महाविद्यालय बताया गया कि पॉच दिवसीय प्रशिक्षण में सभी मसाले वाली फसलों मे मूल्य सम्बर्धन का व्यवहारिक ज्ञान कराया जायेगा। 
डा0 सत्य प्रकाश कोर्स डायरेक्टर द्वारा बताया गया मसाले वाली फसलों के मूल्य सर्म्बधन का उद्देश्य यह है कि जब फसलों की कटाई होती है बाजार मूल्य कम होता है परन्तु मूल्य सम्बर्धन करके उनके मूल्य मे 4 से 5 गुना बढ़ोत्तरी की जा सकती है। 
उद्घाटन सत्रा कि बाद डा0 मनोज कुमार सिंह, सहप्राध्यापक उद्यान द्वारा लहसुन की उत्पादन तकनीकी ई0 सुरेश चन्द्रा, सहप्राध्यापक (पो0हा0) द्वारा लहसुन के मूल्य सम्बर्धन पर प्रशिक्षण देते हुए विभिन्न उत्पाद तैयार कराये गया डा0 पूजा वैज्ञानिक के0वी0के0 द्वारा लहसुन के अचार एवं अन्य उत्पाद भी तैयार कराये गये डा0 विपिन कुमार, सहप्राध्यापक द्वारा कार्यक्रम का संचालन किया गया। 

 
(बिजेन्द्र सिंह)
अधिष्ठाता उद्यान

 

कुलसचिव बीआर सिंह ने कहा कि देश के अंदर मसालों की मांग लगातार बढ़ती जा रही है कोरोना काल के बाद लोगों ने मसालों की तरफ ज्यादा ध्यान देना शुरू कर दिया है क्योंकि आयुर्वेदिक की दृष्टि से यह काफी महत्वपूर्ण होते हैं इसलिए जरूरी है कि इनका मूल्य संवर्धन करके इनको बाजार में बेचा जाए इस बात को ध्यान में रखते हुए इस प्रशिक्षण में छात्रों को प्रयोगात्मक रूप से सिखाया जाएगा

निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट प्रोफेसर आर एस सेंगर ने अपने संबोधन में कहा कि देश में मसालों की मांग और उपभोक्ताओं की संख्या तेजी से बढ़ी है जिसने कृषि के क्षेत्र में एक नए स्वरोजगार की संभावनाओं को पैदा किया है इसके लिए जरूरी है एक छात्र स्टार्टअप के रूप में मसालों का उत्पादन कर उसकी पैकेजिंग करें और मार्केट में कंपनी बनाकर स्वता ही भेजें जिससे बिचौलिए उनके बीच में नहीं होंगे और सीधा उत्पाद उपभोक्ता को मिलेगा और उसका सीधा लाभ खुद किसानों और स्टार्टअप कंपनी चलाने वालों को होगा इस प्रशिक्षण के दौरान छात्रों को इस क्षेत्र में दक्ष बनाने के लिए कई कंपनियों से रूबरू कराया जाएगा