थकान का कारण, जानना भी आवश्यक है

                                                                       थकान का कारण, जानना भी आवश्यक है-

                                                                                                                                        डॉ0 दिव्याँशु सेंगर एवं मुकेश शर्मा

                                                          

थकान का होना अपने आप में कोई स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्या नही है, परन्तु जब यही थकान अधिक स्तर पर हमारे तन और मन पर हावी होने लगे और इसके कारण हमारे जीवन गुणवत्ता भी प्रभावित होने लगे तो यह खतरे का संकेत है। टोरन्टो स्थित सेंटर फॉर ग्लोबल हैल्थ रिसर्च के अनुसार, प्रत्येक पाँच में से एक व्यक्ति हर समय की थकान और प्रत्येक दस में से एक व्यक्ति लम्बे समय तक रहने वाली थकान से ग्रस्त रहता है।

  हर समय की थकान, व्यक्ति के पाचन तन्त्र और मस्तिष्क से लेकर उसके इम्यून सिस्टम पर बुरा प्रभाव छोड़ती है। हालांकि, किसी भी व्यक्ति को थकान होना अपने आप में सामान्य है, लेकिन यदि किसी व्यक्ति को हर समय थकान बनी रहती है तो यह अन्य किसी प्रकार की समस्या का संकेत भी हो सकता है।

  इस समस्या की सही जाँच एवं इसके उपचार के बारे में बात कर रहें हैं डॉ0 दिव्याँशु सेंगर, जो प्यारे लाल शर्मा जिला अस्पताल मेरठ में मेडिकल ऑफिसर हैं-

क्रॉनिक फटीग सिंड्रोम

  क्रॉनिक फटीग सिंड्रोम (सीएफएस), जिसको मयालजिक एनसेफैलोमायलिटिस भी का जाता है। थकान एक प्रकार से वह स्थिति होती है, जिसके बुरे प्रभव हमारे नर्वस सिस्टम, इम्यून सिस्टम और कार्य करने की क्षमता पर भी पड़ने लगते हैं और इस प्रकार की थकान कम से कम 6 महीनों तक निरंतर बनी रहती है और जब वह व्यक्ति तन-मन से सम्बन्धित कार्य करता है तो य लक्षण अधिक गम्भीर हो जाते हैं।

  इसके साथ ही उस व्यक्ति के आराम करने के बाद भी इन लक्षणों में कोई सुधार नही आता है। हालांकि, अभी तक सीएफएस के स्पष्ट कारणों ज्ञात नही हो पाए हैं, परन्तु विभिन्न कारक ऐसे हैं जो इस खतरे को  बढ़ा देते हैं। इन कारणों में आनुवांशिक कारण, बैक्टीरिया अथवा वायरस आद के माध्यम से होने वाला संक्रमण, शारीरिक या भावनात्मक ट्रॉमा एवं हॉर्मोन असंतुलन आदि प्रमुख होते हैं।

चिकित्सक से सम्पर्क करने का समय

  • बिना किसी स्पष्ट कारण के मानसिक एवं शारीरिक स्तर लम्बे समय तक बनी रहने वाली वाली बहुत अधिक थकान।
  • जब प्रभावित व्यक्ति की सोचने एवं समझनें की क्षमता भी प्रभावित होने लगे।
  • ऐसे चक्करों का आना, जो लेटने एवं बैठने के समय अधिक गम्भीर हो जाते हैं।
  • सम्बन्धित व्यक्ति की मांसपेशियों अथवा जोड़ों में दर्द होना।
  • प्रभावित व्यक्ति नींद के पूरी होने के बाद भी वह अपने आप को फ्रेश/तरोताजा अनुभव नी कर पाता है।

इसके सम्बन्ध में डॉक्टर प्रभावित व्यक्ति के पेशाब एवं खून की जाँच करते हैं और मरीज के लक्षणों के आधार पर उपचार किया जाता है। दवाएँ, न्युट्रीशनल सप्लीमेंट्स और व्यायाम आदि विभिन्न तरीकों से मरीज का उपचार किया जाता है। जिस समस्या के चलते थकान हो रही है, उसका निदान करने से इन लक्षणों में कमी आती है।

यह किसी गम्भीर समस्या का संकेत भी हो सकता है-

 

  • रक्ताल्पता अर्थात एनीमिया।
  • मधुमेह अर्थात डाइबिटीज।
  • थॉयरॉइड।
  • गठिया।
  • मल्टीपल स्केलेरोसिस।
  • हार्ट अथवा लीवर से सम्बन्धित समस्याएं।
  • अस्थमा।
  • पेट अथवा छाती का संक्रमण।
  • उच्च रक्तचॉप।

बच्चों और युवाओं में बढ़ती थकान

  बिस्तर से नही उठ पाना, हर समय उनींदापन एवं थकान का अनुभव करना और अपनी क्षमता के अनुरूप काम नही कर पाना जैसे लक्षण बच्चों एवं युवाओं में भी अब खूब दिखाई पड़ रहे हैं, जो बच्चों में उदासी भी उत्पन्न कर रहा है।  जंक फूड्स का बढ़ता चलन भी थकान के बढ़ने एक महवपूर्ण कारक है। जंक फूड्स का ग्लाईमेमिक ंडेक्स बहु अधिक होता है, जिससे रक्त में शुगर का स्तर तेजी के साथ बढ़ता है, परन्तु यह उतनी ही तेजी से कम भी हो जाता है और शर्करा के स्तर में उतार चढ़ाव थकान पैदा करता है।

  इन सभी कारकों के अतिरिक्त वर्तमान में विभिन्न प्रकार के गैजेट्स का उपयोग भी मन को थका रहा है। लगातार स्क्रीन के समीप रहने के कारण शरीर की सर्केंडियन रिद्म में गड़बड़ हो जाती है और इससे भरपूर नींद नही आ पाती है। हावर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हैल्थ के अनुसार, अकेलापन एवं तनाव भी हमारी ऊर्जा के स्तर को प्रभावित करते हैं।

विशेषज्ञों के अनुसार, कड़े परिश्रम वाले व्यायामक रने वाले लोगों में उचि पोषण की कमी भी थकान एवं उनके चौटिल होने की आशंका को बढ़ावा देता है। स्टेरॉयड युक्त प्रोटीन सप्लीमेन्ट्स, विभिन्न प्रकार के एनर्जी ड्रिंक्स, कैफीन युक्त पेय पदार्थ थोड़े समय के लिए ही हमारे शारीर में ऊर्ज के स्तर में वृद्वि करते हैं, परन्तु इनके दुष्प्रभाव से हमारी मांसपेशियाँ कमजोर पड़ जाती हैं और हमारा शरीर थकने लगता है।

बिना किसी विशेषज्ञ की सलाह के मल्टी-विटामिन्स की गोलियों का सेवन नी करना चाहिए, क्योंकि यह एक सामान्य सी बात है कि जहाँ तक सम्भव हो हमें अपने खान-पान के माध्यम से ही अपने पोषण की आवश्कताओं की पूर्ति करनी चाहिए।

तत्काल ऊर्जा प्रदान करने वाले कुछ उपाय-

  • केवल सादे पानी का सेवन करें, यदि थकान के साथ भूख भी लग रही है तो केले का सेवन करें और थोड़ी सी देर के लिए किसी शान्त स्थान पर विश्राम करें।
  • पानी में थोड़ा सा नमक, चीनी और नींबू को मिश्रित कर पिएं। इसका सेवन करने से शरीर का इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस सही अनुपात में रहता है।
  • डार्क चॉकलेट का सेवन करें, क्योंकि इसमें थियोब्रोमाइन होता है, जो ऊर्जा को तत्काल उत्प्रेरित करने की क्षमता से युक्त होता है।
  • सीमित मात्रा में स्ट्रेचिंग करें, इससे रक्त संचार बेहतर होता है और इसके साथ ही मांसपेशियों में ऑक्सीजन के संचार में वृद्वि होती है।

थकान के सामान्य कारण-

  • शरीर के भार का सामान्य से अधिक अथवा कम होना।
  • कैफीन और अल्कोहल अधिक मात्रा में सेवन करना।
  • निरन्तर कई घण्टों तक बैठे रहना।
  • भरपूर निंद्रा की कमी।
  • क्षमता से अधिक मानसिक एवं शारीरिक श्रम करना।
  •   विभिन्न दवाओं के साइड-इफ्ेक्ट जिनमें विशेष रूप से माइग्रेन, डिप्रेशन एवं उच्च रक्तचॉप रोधी दवाएं।
  • कुपोषण अर्थात मिनरल्स एवं विटामिन्स की कमी।
  • अत्याधिक मानसिक एवं शारीरिक दबाव का सामना करना।

लेखकः डॉ0 दिव्याँशु सेंगर, प्यारे लाल शर्मा जिला अस्पताल मेरठ में मेडिकल ऑफिसर हैं।