यूटीआई संक्रमण से बचने के लिए आहार में करें बदलाव

                                                           यूटीआई संक्रमण से बचने के लिए आहार में करें बदलाव

                                                                                                                                                           डॉ0 दिव्यांशु सेंगर, एवं मुकेश शर्मा

हमारे शरीर में मूत्र प्रक्रिया में प्रमुख रूप से किडनी, ब्लैडर, यूरेटर्स और यूरेथ्रा शामिल होते हैं। यूटीआई यानी मूत्र मार्ग के किसी भी हिस्से में हुआ बैक्टीरियल इंफेक्शन कारण बनता है । माना जाता है कि यूटीआई से महिलाएं अधिक प्रभावित होती है, पर पुरुषों और बच्चों में भी इसके पर्याप्त मामले सामने आ रहे हैं।

                                                                    

सम्पूर्ण विश्व में प्रतिवर्ष लगभग 15 करोड़ लोग यूटीआई की समस्या से जूझते हैं। मूत्रपथ संक्रमण अर्थात यूटीआई के दौरान व्यक्ति को पेशाब करने में बहुत तेज जरूरत महसूस होती है, और उसे पेशाब के लिए बार-बार जाना पड़ता है।

पीड़ित के पेशाब में जलन और गंध महसूस होती है, कमर व पीठ के निचले हिस्से में दर्द के साथ थकान, बुखार, ठंड लगना, उल्टी और मानसिक धर्म के लक्षण भी मरीजों में देखने को मिलते हैं। बार-बार यूटीआई होना समस्या को अधिक गंभीर बना देता है।

यूटीआई का इलाज एंटीबायोटिक दवाओं से किया जाता है, पर कुछ लोगों में एंटीबायोटिक्स का असर कम हो जाता है अंदरूनी हिस्से की सफाई व सही खानपान पर जोर देना इस समस्या से बचाता है।

इंफेक्शन को कम करने के लिए इनका करें सेवन

                                                                       

करौंदा अर्थात कैन बेरी दुनिया भर में करौंदा को यूटीआई उपचार में सबसे अधिक प्रभावी माना जाता है, तो विभिन्न शोध भी इसकी पुष्टि करते हैं। एक हालिया शोध के अनुसार करौंदा से बने उत्पाद जैसे जो उस दवा या कैप्सूल यूटीआई को रोकने में काफी प्रभावी सिद्व होते हैं।

अधिक मात्रा में प्रोएंथोसा प्रोएंथोसाइएनिङिन पी एस तत्व मूत्र मूत्र मार्ग की दीवारों पर बैक्टीरिया जमा होने से रोकता है। अच्छी बात यह है कि यह पीएस तक तो एंटीबायोटिक दवाओं की तरह बैक्टीरिया को मारता नहीं है बल्कि मूल जड़ पर काम करते हुए संक्रमण को बढ़ने नहीं देता। इससे एंटीबायोटिक दवाओं कि कम जरूरत पड़ती है और आसानी से यूटीआई इनफेक्शन पर नियंत्रण पाया जा सकता है।

तरल पदार्थों का अधिक करें सेवन-

यूटीआई संक्रमण होने पर तरल पदार्थों का सेवन अधिक करना चाहिए तरल पदार्थ मूत्र मार्ग में बैक्टीरिया निकालने में मदद करते हैं। गुदा और गुर्दे की समस्याओं से पीड़ित लोग जो का पानी पीते हैं तो उनको काफी लाभ मिलता है।

इन बातों का भी रखें ध्यान

                                                                 

पाचन तंत्र को ठीक रखने के लिए पर्याप्त फाइबर का सेवन करें। नियमित मल त्याग ना होना मूत्र मार्ग पर दबाव बनाता है और मूत्र का उपयोग देता है इससे बैक्टीरिया के बढ़ने की आशंका बढ़ जाती है। 

एसेंशियल फैटी एसिड ओमेगा-3 मेनोपॉज के दौरान अंदरूनी हिस्सों की खुश्की कम करने में मदद करता है, इससे यूटीआई को रोकने में मदद मिलती है। अगर मांसाहारी हैं तो मछली को खाएं लेकिन यदि मांसाहारी नहीं है तो शाकाहारी लोग इसके लिए अखरोट और अलसी के बीजों का सेवन करें सुबह और शाम यदि अलसी के बीजों को भूल कर उसका पाउडर बनाकर पानी या दूध के साथ देते हैं तो राहत मिलेगी।

  • प्रोमैटिक्स पाचन मार्ग में पाए जाने वाले अच्छे बैक्टीरिया होते हैंए खमीर युक्त खाद्य पदार्थों में यह कुदरती पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होते हैं जैसे काजी और दही आदि इनका सेवन करें।
  • विटामिन सी युक्त चीजें जैसे संतरा, नींबू, स्ट्रॉबेरी और हरी पत्तेदार सब्जियां पेशाब को एसिड युक्त बना देते हैं जिससे बैक्टीरिया को रोकने में मदद मिलती है।

लेखक: डॉ दिव्यांशु सेंगर, मेडिकल ऑफिसर प्यारेलाल शर्मा जिला हॉस्पिटल मेरठ।