बैल्स पैल्सी के लिए नेचुरल होम्योपैथिक उपचार

                                                                             बैल्स पैल्सी के लिए नेचुरल होम्योपैथिक उपचार

                                                                              बैल्स पैल्सी के लिए नेचुरल होम्योपैथिक उपचार

                                                                                                                                                                        डॉ0 आर. एस. सेंगर एवं मुकेश शर्मा

                                                                        

बैल्स पैल्सी जैसी कुछ बीमारियों ने अचानक ही शुरूआत की है, इसके अर्न्तगत एक पल पहले तक तो सबकुछ ठीक होता और अगले ही पल रोगी को अपना आधा चेहर लटका हुआ प्रतीत होता है। बैल्स पैल्सी एक वायरस संक्रमण है जो एक ही ओर के चेहरे का अस्थाई पक्षाघात का कारण बनता है।

हालांकि इसे सही कारण अभी तक ज्ञात नही है, परन्तु इस वायरस का सम्बन्ध हरपीज वायरस के साथ होता है, इस स्थिति की अचानक शुरूआत के चलते सम्बन्धित व्यक्ति को यह विश्वास हो सकता है कि उसे स्ट्रोक का सामाना करना पड़ा है तथा यह स्थिति कई महीनों के लिए रह सकती है।

इसी कारण से साधारणतः लोग 100 प्रतिशत ठीक नही हो पाते हैं। एक सुस्त प्रकार की सनसनी, रोगी का अपने होठ और पलकों पर नियंत्रण कम हो जाता है, चेहरे का एक तरफ झुकाव और आपकी स्माई या पलकों के झपकाने की असमर्थता आदि कुछ लक्षण इस स्थिति में उत्पन्न हो जाते हैं।

होम्योपैथी के द्वारा बैल्स पैल्सी के विभिन्न केसों में सफल उपचार किया जा सकता है। जहाँ तक परिणाम की बाती की जाए तो इसके परिणाम प्रति व्यक्ति अलग-अलग होते हैं जो कि तंत्रिका के क्षतिगस्त होने की सीमा के अनुसार ही इसके परिणाम आते हैं।

होम्योपैथिक उपचार केवल दिखाई देने वाले लक्षणों पर आधारित नही होता है अपितु यह सम्बन्धित व्यक्ति के सम्पूर्ण शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य के सापेक्ष किया जाता है। चूँकि होम्योपैथिक दवाओं के साइड-इफ्ेक्ट्स न के बाराबर होते हैं इसलिए यह बच्चों और व्यस्कों के लिए समान रूप् से उपकारी होता है।

चेहरे के एक तरफ लकवा मार जाए तो हो सकता है ये बड़ा कारणए जानें कैसे होगा ठीक-

बेल्स पाल्सी के बारे में शायद ही ज्यादातर लोग जानते हों। बेल्स पाल्सी को फेशियल पाल्सी और आम भाषा में श्चेहरे का लकवाश् भी कहते हैं। यह एक ऐसी स्थिति हैए जब अचानक से चेहरे की एक तरफ की मांसपेशियां सख्त हो जाती हैं और इनमें लकवा मार जाता है।

इसमें व्यक्ति के चेहरे का एक हिस्सा हिलता नहीं है। प्रभावित हुए हिस्से पर मुस्कुराने या अपनी आंखें बंद करने में भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। मांसपेशियों में आई कमजोरी लारए आंसू उत्पादन और स्वाद की भावना को भी प्रभावित कर सकती है। इसका कारण चेहरे की मांसपेशियों को नियंत्रित करने वाली तंत्रिका में सूजन को माना गया है।

                                                                                        

बहुत से लोग इसे स्ट्रोक मान बैठते हैं, लेकिन अगर कमजोरी या लकवा केवल चेहरे को प्रभावित कर रहा है, तो यह बेल्स पाल्सी का संकेत है। 5000 में से एक व्यक्ति हर साल बेल्स पाल्सी से ग्रसित होता है। ज्यादातर मामलों में बेल्स पाल्सी अस्थाई होती है।

लगभग 6 महीनों के भीतर पूरी तरह से ठीक होने के साथ लक्षणों में आमतौर पर कुछ हफ्तों के भीतर ही सुधार होना शुरू हो जाता है। हालांकि बेल्स पाल्सी किसी भी उम्र में हो सकती हैए फिर भी यह स्थिति 16 से 60 वर्ष के लोगों में होना ज्यादा आम है। यह समस्या चिंताजनक है, लेकिन ज्यादतर लोग पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं। तो आइए जानते हैं बेल्स पाल्स के कारण, लक्षण और इलाज के बारे में। बैल्स पैल्सी के लिए होम्योपैथी के कुछ उपचारों का वर्णन अग्रलिखित हैं-

1. एकोनाइट + कॉस्टिकम:     बैल्स पैल्सी के आरम्भिक चरणों के दौरान एकोनाइट की संस्तुति की जाती है विशेष रूप से जब इस पक्षाघात के कारण ठण्ड़ के सर्म्पक में आना रहा हो। जिन रोगियो का चेहरा एक ओर से झुकाव लिए होता है और साथ में सनसनी भी होती है ऐसे मरीज एकोनाइट का सेवन कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं। वहीं चेहरे दूसरी ओर के झुकाव के लिए कॉस्टिकम की संस्तुति की जाती है।

2. हाइपेरिकम: तंत्रिका में चोट आने के कारण उत्पन्न हुई बैल्स पैल्सी के दौरान उपचार के लिए यह दवा प्रथम स्थान रखती है। बैल्स पैल्सी के लक्ष्णों के अतिरिक्त रोगी के चेहरे का प्रभावित हिस्सा अनेक प्रकार की संवेदनाओं और जलन की अनुभूति भी होती है यदि आपका रोगी प्रभावित भाग में जलन की शिकायत भी करता है तो आप यह दवा दे सकते हैं।

3. इग्नेशिया: बैल्स पैल्सी किसी दुःख के कारण भी उत्पन्न हो सकती है, ऐसे मामलों में इग्नेशिया काफी हितकारी एवं प्रभावकारी सिद्व होती है। रोगी बात करते हुए और कुछ भी निगलते हुए लार का उत्पादन अधिक मात्रा में करता है इसके साथ ही रोगी अपनी जीभ अथवा गाल को भी काट लेता है।

4.      कैडमियम-सल्फ:  अचानक से उत्पन्न हुई हेमोरेजिक स्थिति कं फलस्वरूप विकसित बैल्स पैल्सी का उपचार कैडमियम के माध्यम से किया जा सकता है। इन मामलों में रोगी का चेहरा पूरी तरह से विकृत हो सकता है और उसे सही प्रकार से उच्चारण करने एवं भोजन आदि को निगलने के दौरान भी कठिनाईयों का सामना करना पड़ सकता है। यहाँ तक कि वह अपने चेहरे के प्रभावित हिस्से पर नजर रखने में भी असमर्थ हो सकता है।

                                                                     

5.      बेसिलिनम + कॉस्टिकम: चेहरे के विस्फोटों के दमन द्वारा ट्रिगर के चलते बेल की पाल्सी के मामलों में दवाएं निर्धारित की जाती हैं. यदि आप किसी विशिष्ट समस्या के बारे में चर्चा करना चाहते हैं, तो आप होम्योपैथ से परामर्श ले सकते हैं।

6.      Agricus:    This remedy may be indicated in Bell's palsy when the facial muscles on one side are stiff, and grimacing or twitching occurs in other parts of the face. People who need this remedy are often excitable, with senses that are overacute. Many people who need this remedy have deep anxiety about their health.

7. Cadmium sulphuratum: Facial paralysis (usually left-sided) that starts after exposure to wind, and is accompanied by chilliness or overwhelming weakness, suggests a need for this remedy. The person's mouth may look distorted, and completely closing one of the eyes often is impossible. 

8.      Causticum: This remedy can be helpful when facial paralysis has developed gradually (most often on the right side). Opening and closing the mouth can be difficult, and the person may accidentally bite the tongue or the inside of the cheek. The person may be weak but restless, and tends to feel best when keeping warm.

9.      Cocculus: One–sided facial paralysis (more often on the left) in a person who is irritable, impatient, and hypersensitive to odors, sounds, and light may indicate a need for this remedy. Cramping and constricting feelings may be felt, and problems may be worse from cold.

10.    Nux Vomica: One–sided facial paralysis (more often on the left) in a person who is irritable, impatient, and hypersensitive to odors, sounds, and light may indicate a need for this remedy. Cramping and constricting feelings may be felt, and problems may be worse from cold.  

11.    Platina (also called Platinum):      This remedy may be indicated for painless paralysis of the face, with facial distortion that raises one eyebrow or creates a "haughty" look. The person may also experience numbness in the lips and cheeks, or other body parts.

12.       Other Remedies Dulcamara: This remedy may be indicated when a person has one-sided facial paralysis that makes it difficult to speak. Dulcamara is indicated in many conditions that develop after exposure to cold and dampness, especially after chills in rainy weather. People who need this remedy are often inclined toward sinusitis, allergies, and back pain.

विशेषः मुकेश शर्मा होम्योपैथी के एक अच्छे जानकार हैं जो पिछले लगभग 25 वर्षों से इस क्षेत्र में कार्य कर रहे हे। होम्योपैथी के उपचार के दौरान रोग के कारणों को दूर कर रोगी को ठीक किया जाता है। इसलिए होम्योपैथी में प्रत्येक रोगी की दवाए दवा की पोटेंसी तथा उसकी डोज आदि का निर्धारण रोगी की शारीरिक और उसकी मानसिक अवस्था के अनुसार अलग.अलग होती है। अतः बिना किसी होम्योपैथी के एक्सपर्ट की सलाह के बिना किसी भी दवा सेवन कदापि न करें।

इसमें ऐसा भी हो सकता है कि आपकी दवा कोई और भी हो सकती है और कोई दवा आपको फायदा देने के स्थान पर नुकसान भी कर सकती है। अतः बिना चिकित्सीय परामर्श के किसी भी दवा का सेवन न करें।

डिसक्लेमरः प्रस्तुत लेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के अपने हैं।