अधिक देर तक इयर फोन का प्रयोग कर रहा है बहरेपन का शिकार

          अधिक देर तक इयर फोन का प्रयोग कर रहा है बहरेपन का शिकार

                                                                                                                                                                                    डॉ दिव्यांशु सेंगर

आजकल जीवन शैली में लगातार बदलाव हो रहा है। इसी व्यवस्था के चलते लोग एयरफोन के अत्यधिक प्रयोग से हो रहे हैं। बहरेपन के शिकार एयर फोन या हेडफोन से बहुत तेज आवाज में सुनने की आदत आपको भारी पड़ सकती है इसे गंभीर रूप से श्रवण ह्रास हो जाता है। नॉइस इंड्यूस्ड हियरिंग लॉस की समस्या होती है, गेमिंग में लगातार घंटे तेज आवाज से बच्चों में भी कान की समस्या हो रही है। डिवाइस का वॉल्यूम हमेशा ऐसे स्तर पर रखना चाहिए, जिससे कानों पर दबाव न पड़े।

                                                                               

ध्यान रखें 60:60 का नियम

हमें 60:60 के नियम का पालन करना चाहिए अर्थात दिन भर में 60 मिनट से अधिक एयरफोन का प्रयोग ना करें। आवाज 60 डेसिमल से अधिक ना हो और डिवाइस के 60:60 तक की वॉल्यूम लिमिट में ही सुन तो आप अपने कानों को सुरक्षित रख सकते हैं यदि इसका अनुपालन नहीं करेंगे तो आप बहरेपन के शिकार हो जाएंगे।

तेज आवाज से किस तरह की होती है परेशानी

                                                                        

इससे मुख्य रूप से क्लीयरिंग यानी सुनने की क्षमता में गिरावट होती है। अगर पेशेवर कार्यों में लंबे समय तक डिवाइस का प्रयोग करने की बढ़ता है तो भी 60:60 के नियम का पालन करना चाहिए, बीच-बीच में विराम लेने से भी राहत मिल जाती है।

कुछ उपयोगी सुझाव जिनका करें अनुपालन

शोर शराब से बचने का प्रयास करना चाहिए

कुछ लोग पेंसिल पेन गाड़ी की चाबी से कानों को खुजलाने लगते हैं यह जोखिम कारक है

कानू की खुद से सफाई करने से परदों का नुकसान हो सकता है और वह फट सकते हैं समस्या महसूस हो तो ईएनटी सर्जन से संपर्क करें हमेशा सतर्क और जागरूक रहे तभी आप अपने कानों को सुरक्षित रख पाएंगे

 

लेखक: डॉ0 दिव्यांशु सेंगर, हंस हॉस्पिटल मेरठ मे मेडिकल ऑफिसर हैं।