उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग 2022 की परीक्षा में शिखा शर्मा की सफलता की कहानियां उनकी जुबानी

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग 2022 की परीक्षा में मेरठ की शिखा शर्मा ने सफलता हासिल की है। एक चाय बेचने वाले की बेटी शिखा आज PCS अधिकारी बन चुकी है। बेटी की सफलता पर पिता श्री गोपाल शर्मा कहते हैं मैं तो हाईस्कूल फेल इंसान हूं, बेटी को वो संसाधन भी नहीं दे सका। जिसकी उसे पढ़ाई में जरूरत थी। फिर भी उसने अफसर बनकर मेरा मान बढ़ा दिया।मेरठ के साबुन गोदाम में शिखा का परिवार रहता है। परिवार में पिता श्री गोपाल शर्मा , मां पुष्पा शर्मा, भाई उदित और बहन प्रीति, हैं। भाई बहनों में दूसरे नंबर की शिखा है। शिखा के पिता 20 साल से चाय की दुकान चलाते हैं और उसी से परिवार का खर्च चलता है।

                                                    

शिखा ने अपने सिलेक्शन की स्टोरी दैनिक भास्कर के साथ शेयर की बताया कि पिता और भाई की प्रेरणा से ही यह चयन संभव हुआ।

सवाल- पढ़ाई और सफलता में चुनौतियां क्या थी?
जवाब- तैयारी के समय ऐसा कई बार हुआ जब मेरा हौसला टूटा। लगा अब सफल नहीं हो सकूंगी। तब मम्मी, पापा ने हिम्मत बंधाई। यही कहूंगी कि कितने भी उतार चढ़ाव क्यों न आएं , लेकिन हमें बीच रास्ते से वापिस नहीं होना चाहिए। थोड़ा फाइनेंशियल प्रॉब्लम भी थी। मैं खुद ट्यूशन पढ़ाकर अपनी फीस और किताबों का खर्च मैनेज करती
सवाल- आपका एकेडमिक बैकग्राउंड क्या रहा?
जवाब- मैंने अपनी पूरी पढ़ाई हिंदी मीडियम से की है। मेरठ के महावीर शिक्षा सदन से उन्होंने हाईस्कूल की, उसके बाद वीके माहेश्वरी कन्या इंटर कॉलेज से बारहवीं की पढ़ाई की । शहर के डीएन कॉलेज से बीएससी की। उसके बाद फिर मॉर्डन हिस्ट्री में मेरठ कॉलेज से एम ए किया। अमात्य कोचिंग से पीसीएस एग्जाम की तैयारी करी।
सवाल- आपके पिताजी क्या करते हैं
जवाब- मेरे पापा एक स्वीट सेलर है, चाय की दुकान चलाते हैं। उसी से हमारा घरखर्च चलता है। पढ़ाई का हर संसाधन जुटाना मेरे लिए आसान नहीं था। हम चार भाई बहन हैं। मम्मी होममेकर हैं। छोटे भाई बहन भी पढ़ते हैं। ऐसे में बहुत मुश्किल होता है कि हम महंगी पढ़ाई कर सकें। लेकिन मैंने हार नहीं मानी परिवार ने भी साथ दिया अपने पर्सनल खर्च बिल्कुल नहीं करती बल्कि उस पैसे को मैंने अपनी पढ़ाई में लगाया।

सवाल- तैयारी करने वाले युवाओं को क्या कहेंगी?

जवाब- इतना ही कहूंगी कि हिम्मत मत हारिए, मुश्किलें आती हैं बिना मुश्किल के सफलता नहीं मिलती। लेकिन उन मुश्किलों को हमें सामना करना है। अपना हौसला बनाए रखना है। सफलता जरूर मिलेगी।
पिता बोले बेटी अपनी मेहनत से अफसर बनी
शिखा के पिता शंकरदत्त शर्मा कहते हैं मैं तो हाईस्कूल फेल इंसान हूं। पढ़ाई के बारे में कुछ नहीं जानता। बेटी ने जो सफलता ली वो उसकी अपनी मेहनत है। क्योंकि चाय बेचकर मैं उसे इतने संसाधन नहीं दे सका जो उसकी जरूरत थे। मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता। कहते हैं कोविड टाइम में बेटी को पढ़ाई के लिए एंड्रायड मोबाइल चाहिए था। मैं उसके लिए बड़ी मुश्किल से फोन का इंतजाम कर सका ताकि उसकी पढ़ाई हो जाए।

 

लेखकः आर. एस. सेंगर, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी के प्रोफेसर तथा कृषि जैव प्रौद्योगिकी विभाग के विभागाध्यक्ष हैं।