सर्जिकल ऑपरेशन के स्थान पर आप इन बीमारियों का उपचार (Homeopathy) के द्वारा करा सकते हैं-

सर्जिकल ऑपरेशन के स्थान पर आप इन बीमारियों का उपचार (Homeopathy) के द्वारा करा सकते हैं-

                                                                                                                                                        डॉ0 आर. एस. सेंगर एवं मुकेश शर्मा

क्या आप लोग इस बात को जानते हैं कि ट्यूमर तथा मोतियाबिन्द के जैसी गम्भीर बीमारियाँ होम्योपैथी के माध्यम से भी ठीक हो जाती हैं।

    कैंसर सहित कई अन्य गम्भीर बीमारियों जिनमें सर्जरी एक आवश्यक अंग है, परन्तु सर्जरी के बाद (Complications of Post-Surgery) आने वाली जटिलताओं को भी नजर अन्दाज नही किया जा सकता। इनमें संक्रमण से लेकर देर तक उपचार कराने तक ऑपरेशन की प्रक्रियाओं के विभिन्न साइड इफ्क्ट्स भी शामिल होते हैं। जबकि होम्योपैथी ऐस लोगों के लिए एक वरदान सिद्व हो सकती है, जो ऑपरेशन के बाद (Post-Opeeative) की जटिलताओं से बचना चाहते हैं। होम्योपैथी के विशेषज्ञ बताते हैं कि इन रोगों का ऑपरेशन कराने के स्थान पर आप होम्योपैथी का चुनाव कर ऑपरेशन और इसके बाद की जटिलताओं से आसानी के साथ बच सकते हैं। तो दोस्तो आईए जानते हैं उन बीमारियों के बारे में जिनका उपचार आपरेशन के स्थान पर होम्योपैथी के माध्यम से उनका उपचार किया जाना सम्भव हैः-

1.   ओवेरियन सिस्ट (Ovarian Cyst): यदि आप अपने गर्भाश्य की रसौली अर्थात (Ovarian Cyst) को हटाने के लिए ऑपरेशन अथवा किसी अन्य प्रोसीजर को अपनाने में विश्वास नही रखती हैं तो हौमयोपैथिक दवाओं का सहारा लेकर इसको हटा सकती हैं, जिसका खर्च भी बहुत कम होता है और इससे प्रभावित महिलाएं अपना आगे का जीवन सामान्य रूप से जी सकती हैं। ब्रिटिश होम्योपैथिक जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार ओवेरियन सिस्ट के उपचार में होम्योपैथिक दवाईयाँ बहुत ही असरकारक सिद्व होती हैं। यह अध्ययन 400 महिलाओं पर किया गया और इनमें से 90 प्रतिशत महिलाओं ने होम्योपैथिक दवाओं का सेवन कर इस समस्या से निजात पाई और इसी के साथ उन्हें अन्य कई लाभ भी प्राप्त हए।

                        

2.   मातियाबिन्द (Cataract): होम्योपैथिक उपचार के माध्यम से यह सिद्व किया जा चुका है कि (Cataract) भी एक सर्जिकल कंडीशन होने के बावजूद इसका ईलाज भी सफलतापूर्वक किया जा सकता है। बेहतर है कि इस रोग की पहिचान इसके शुरूआती चरण में ही कर ली जाए और उसका जल्द ही होम्योपैथिक उपचार शुरू कर दिया जाए। यह रोग भी बिना ऑपरेशन के ही ठीक किया जा सकता है। 

                                        

3.   एंडोमेट्रियोसिस (Endoetriosis): चिकित्सक अक्सर सिस्ट को हटाने के लिए लैप्रोस्कोपिक सर्जरी की सलाह देते हैं। अधिकतर मामलों में इस दर्दनाक स्थिति से बचने के लिए महिलाओं को हिस्टीरैटोमी (Hysterectomy) के दर्दनाक दौर से ही गुजरना पड़ता है। परन्तु जो लोग ऑपरेशन का सहारा लिए बिना ही इस समस्या का समाधान करने की चाह रखते हैं, ऐसे लोग होम्योपैथिक उपचार के एक विकल्प का चयन कर अपनी इस समस्या से निजात पा सकते हैं। होम्योपैथी का उपचार एंडोमेट्रियोसिस के दौरान बहुत प्रभावी पाया गया है, यह रोगिणी की शारीरिक दशा, मानसिक दशा तथा उसकी भावनात्मक दशा के अनुसार किया जाता है जिसका कोई साइड इफ्ेक्ट भी नही होता है। 

                                                           

4.   अंबिलिकल हार्निया (Umbilical Hernia): अमुमन बच्चों में यह समस्या अधिक पायी जाती है, जबकि इस बीमारी का शिकार व्यक्ति किसी भी आयु में हो सकता है। इस रोग में पेट में नाभि के नीचे वाले हिस्से की नसों में तेज दर्द की शिकायत रहती है और होम्योपैथिक उपचार से इस समस्या से बिना ऑपरेशन के ही बचा जा सकता है।

5.   पॉलीप्स (Polyp): व्यक्ति की नाक में होने वाली इस समस्या जिसे आम भाषा में नाक के मांस का बढ़ना कहते हैं। इसके दौरान प्रभावित व्यक्ति को सांस लेने में परेशानी होने लगती है। आमतौर पर इसका उपचार केवल ऑपरेशन के द्वारा ही किया जाता है, और ऑपेरशन करवाने के कुछ दिन बाद यह समस्या दोबारा परेशान कर सकती है, क्योंकि एक बार कटने के बाद यह नाक मांस फिर से बढ़ना शुरू कर देता है।

                                                     

जबकि होम्योपैथिक की दवाईयों का सेवन कर बिना किसी विशेष प्रक्रिया के ही इन पॉलीप्स को सुरक्षित और प्रभावी ढ़ंग से समाप्त किया जा सकता है, और इनके बाद में फिर से होने की सम्भावना भी नगण्य होती हैं।  

6.   यूटेराइन प्रोलेप्स (Uterine Prolapsed): आमतौर पर स्त्रियों के गर्भाश्य में होने वाली इस समस्या के समाधान के लिए स्त्रियों को ऑपरेशन का सहारा ही लेना पड़ता है। लेकिन वर्तमान में इस समस्या का समाधान भी बिना ऑपरेशन के ही होम्योपैथिक दवाओं के सेवन से ही किया जा सकता है, और ऑपेरेशन के बाद उत्पन्न होने वाली तमाम परेशानियों से आसानी से बचा जा सकता है।

                                                     

7.   कैंसर (Tumour): होम्योपैथिकी के जानकारों का कहना है कि यदि ट्यूमर का पहले से ही कोई ऑपरेशन नही किया गया है तो होम्योपैथिक दवाओं का सेवन करके इस समस्या से भी निजात पाना बिना ऑपरेशन के ही सम्भव है।

8.   बवासीर (Piles): यह रोग व्यक्ति के गुदा क्षेत्र को प्रभावित करने वाला होता है। यह रोग दो प्रकार का होता पहला बादी बवासीर तथा दूसरा होता खूनी बवासीर। एलोपैथी में इस रोग का एकमात्र इलाज ऑपरेशन ही हेता है। इसके विपरीत होम्योपैथी में इसका उपचार केवल दवाओं का सेवन करने से ही किया जा सकता है, और व्यक्ति पूर्णरूप से ठीक हो सकता है। फिर चाहे वह बवासीर किसी भी प्रकार की क्यों न हो।

9.   हार्निया (Hernia): वर्तमान में प्रचलित चिकित्सा पद्वति के अनुसार इस रोग का इलाज भी केवल ऑपरेशन ही हैं। हाम्योपैथी में इसका उपचार सफलतापूर्वक केवल दवाओं के सेवन से ही किया जाता है जिसके परिणाम भी अच्छे ही प्राप्त होते हैं।   

विशेषः मुकेश शर्मा होम्योपैथी के एक अच्छे जानकार हैं जो पिछले लगभग 25 वर्षों से इस क्षेत्र में कार्य कर रहे हे। होम्योपैथी के उपचार के दौरान रोग के कारणों को दूर कर रोगी को ठीक किया जाता है। इसलिए होम्योपैथी में प्रत्येक रोगी की दवा, दवा की पोटेंसी तथा उसकी डोज आदि का निर्धारण रोगी की शारीरिक और उसकी मानसिक अवस्था के अनुसार अलग-अलग होती है। अतः बिना किसी होम्योपैथी के एक्सपर्ट की सलाह के बिना किसी भी दवा सेवन कदापि न करें।

ऐसा भी हो सकता है कि आपकी दवा कोई और भी हो सकती है और कोई दवा आपको फायदा देने के स्थान पर नुकसान भी कर सकती है। अतः आपको सलाह इी जाती है कि बिना किसी चिकित्सीय परामर्श के किसी भी दवा का सेवन न करें। इससे आपको फायदा न होकर नुकसान भी हो सकता है।

डिसक्लेमरः प्रस्तुत लेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के अपने हैं।