अपनी पहली नौकरी में अपनी व्यवहार कुशलता को बनाए रखें

          अपनी पहली नौकरी में अपनी व्यवहार कुशलता को बनाए रखें

                                                                                                                                                                                     डॉ0 आर. एस. सेंगर

पढ़ाई करते समय हमारे पास कितने सपने होते हैं जैसे कि जब मिलेगी पहली सेलरी तो हम यह करेंगे, वह करेंगे, यहां घूमने जाएंगे और न जाने क्या-क्या करेंगे। वहीं पहली नौकरी को लेकर हमारे मन में एक घबराहट सी भी रहती है। यह पहली नौकरी ही, हमारी उड़ान को तेज करने और ऊंची उड़ान भरने में मदद भी करती है। बस शर्त यह है कि इस दौरान हम कुछ विशेष बातों पर ध्यान रखें और पहले नौकरी तनाव मुक्त होकर करें, जिससे आप अपने करियर में और आगे बढ़ सके।

दूसरे लोगों से मार्गदर्शन लेना है बहुत जरूरी

पहली नौकरी में हम पर अपने आपको साबित करने का दबाव रहता है, इसलिए अक्सर महिलाएं अपने काम पर ढेर सारे सवाल उठने और काम की आलोचना होने के भय से इस तरह के सवालों के जवाब ढूंढते रहती हैं। ऐसे में काफी समय बर्बाद होता है, इसलिए जरूरी है कि लोगों की मदद से कुछ स्पष्ट होने पर सवाल पूछे। अपने काम का फीडबैक और मार्गदर्शन मांगने से आपको अधिक विकसित दृष्टिकोण मिल सकता है। इसके अलावा यह दूसरों को संकेत देता है कि आप उनके दृष्टिकोण की परवाह करती हैं।

व्यक्तित्व की गंभीरता को बनाए रखें

काम करना जितना जरूरी होता है उतना ही जरूरी यह भी होता है कि आप अपने लिए किस तरह का कैरियर चुन रहे या रही है। आपका कैरियर आपके व्यक्तित्व से मेल खाता हुआ होना बहुत जरूरी है अन्यथा कुछ समय बाद ही आपको काम करने में परेशानी आनी शुरू हो जाती है और नौकरी आपके ऊपर एक बार बन जाती है। आप अपने काम से तो स्वयं को साबित कर देंगे लेकिन साथ ही यह भी जरूरी है कि आप अपने ऑफिस के वर्क कल्चर को समझे। आप जिस किसी भी संस्थान से जुड़े हुए हैं, उसके कायदे कानून को अच्छी तरह समझ लें।

काम के समय अपने व्यक्तित्व में गंभीरता लाएं और कुछ समझ ना आने पर सवाल पूछे और कोशिश करें कि आप अपने काम में कम से कम गलतियां करें। इससे आप करियर में काफी आगे जा सकते हैं।

एक नोटबुक को सदैव रखें अपने साथ

कार्यालय में काम करने के दौरान आपको अपने पास एक नोटबुक और पेन रखना चाहिए, क्योंकि जब आप अपने बॉस या टीम लीडर या अपने से अधिक अनुभवी व्यक्ति से बात कर रही हो तो इससे आप सारी जरूरी बात नोट कर पाएंगे और जरूरत पड़ने पर दोबारा समझ पाएंगे। कई बार काम के दबाव के कारण दिमाग से कुछ जरूरी बातें निकल जाती हैं, ऐसे में एक नोटबुक आपके सबसे ज्यादा काम आ सकती है।

इसके साथ ही इसमें आप अपने प्राथमिक सामान्य और सबसे कम महत्वपूर्ण कामों की सूची भी बनाकर रख सकते हैं। इस सूची को सुबह ऑफिस पहुंच कर देखें और उसी हिसाब से अपने काम को सेट करें अर्थात जिस काम को प्राथमिकता देनी है, उसको सबसे पहले करें। यह तरीका आपको सही से काम करने और आगे बढ़ाने में मदद करेगा।

समस्या के समाधान पर विचार करें

किसी भी चीज का समाधान खोजने का पहला कदम समस्या की सही तरीके से पहचान करना होता है। लेकिन समस्या की पहचान करके उसे दूसरे पर कतई ना छोड़े। कई बार इस कारण आप अपने साथियों के बीच कामचोर नजर आने लगते हैं, इसलिए स्वयं ही इस समस्या का समाधान खोजने का प्रयास करें और जरूरत पड़ने पर अपने साथियों से मदद लें और समस्या का समाधान कर ले।

किसी भी कार्य से घबराएं नहीं

ऑफिस में सबसे अधिक जरूरी होता है एक समय सीमा के अंदर कार्य को पूरा किया जाए। लेकिन अगर इसमें कोई अड़चन आए तो घबराने की आवश्यकता नहीं होती। कई बार ऐसे में आपको दूसरे सहयोगी की मदद की जरूरत भी पड़ सकती है। ऐसी स्थिति में मदद मांगने में घबराहट होती है कि वह मदद करेगा या नहीं। इसके लिए बिना घबराए उससे मदद मांगे और उसका धन्यवाद दें। जब आप अपने साथियों से तारतम्य में बनाए रखेंगे तो निश्चित रूप से आपके सीनियर आपकी समस्या को समाधान करने में आपका भरपूर साथ देंगे।

अपने सहयोगियों से जुड़े रहे

कड़ी मेहनत करना जरूरी है लेकिन इसके साथ ही अपने सहयोगियों और टीम के सदस्यों के साथ जुड़े रहना भी अपने आप में महत्वपूर्ण है। इसलिए ऑफिस में कराई जाने वाली तमाम एक्टिविटीज में भाग ले। इस स्थिति में आप अपने सहकर्मियों को जान पाएंगे और उनसे दोस्ती भी कर पाएंगे। वहीं अगर वह आपसे चाय पीने या साथ में खाना खाने के लिए पूछते हैं तो उनके साथ में आप बैठ सकते हैं ना कि उन्हें आप मना क दें।

क्योंकि जब आपका उनसे मेल-जोल बढ़ेगा तो निश्चित रूप से आपको अपने कार्यालय में कार्य करने में आसानी भी होगी और जो भी आपको कार्य दिए जाएंगे उनका समाधान भी आप आसानी से कर सकेंगे। आपके सीनियर आपका मार्गदर्शन करने में आपका अपेक्षित सहयोग भी करेंगे।

लेखकः प्रोफेसर आर. एस. सेंगर, निदेशक प्रशिक्षण, सेवायोजन एवं विभागाध्यक्ष प्लांट बायोटेक्नोलॉजी संभाग, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।