अश्वगंधा की खेती वैज्ञानिक विधि से

                       अश्वगंधा की खेती वैज्ञानिक विधि से

                                                                                                                                                               डॉ0 आर. एस. सेंगर एवं डॉ0 वर्षा रानी

- जाने किस तरह करे इसकी खेती

                                                       

अश्वगंधा की खेती करने से किसान बढ़ा सकते है अपनी आय और इससे वे जल्द ही हो जाएंगे मालामाल, हमारे कृषि विशेषज्ञ बता रहें हैं कि किस तरह करे इसकी खेती। जैसा की आपको पता है की अश्वगंधा हम सभी के लिए बहुत ही आवश्यक है और इसका उपयोग कर अन्य बहुत सी औषधियां बनाने में किया जाता है। अश्वगंधा का उपयोग शरीर को ऊर्जा प्रदान करने के लिए, इम्यूनिटी बूस्ट करने के लिए पर्याप्त मात्रा में किया जाता है। अपने औषधीय गुणों के कारण से मार्केट में इसकी सदैव ही डिमांड बनी रहती है। मार्केट में आप इसके फलों के साथ साथ इसके पत्तों को भी बेच सकते है, और जिससे आप बहुत अच्छा पैसा कमा सकते है।

मिटटी जिसमें इसकी खेती सफलतापूर्वक की जा सकती है-

                                                         

विशेषज्ञ बताते है कि वह कौनसी मिट्टी है जिसमें इसकी खेती की जा सकती है, इसके लिए आपको बता दे की अश्वगंधा की खेती के लिए बलुई दोमट और लाल मिट्टी काफी उपयुक्त माना जाता है। अश्वगंधा की खेती के लिए मिट्टी पीएच मान 7.5 से 8 के बीच होना चाहिए। मिट्टी का पीएच मान पता करने के लिए आप अपने खेत की मिट्टी की जांच नजदीकी कृषि विभाग कार्यालय से संपर्क करते हुए सुगमता से करा सकते हैं।

उपजाऊ और अर्ध उपजाऊ भूमि पर भी इसकी खेती सफलतापूर्वक की जा रही है। पर्वतीय क्षेत्रों में जहां उपजाऊ भूमि का मात्रा बहुत कम होती है, उस मिट्टी में भी इसकी खेती आसानी से की जा सकती है, आप ऐसी किसी भी जगह पर इसकी खेती कर सकते है।

अश्वगंधा की खेती करने का उचित समय

                                                                   

अब आपको बता हैं कि कौन से महीने में इसकी खेती उत्तम होती है।  इस सम्बध में आपको बता दे की इसकी बुआई का श्रेष्ठ समय जुलाई और अगस्त का महीना होता है। इसकी बुआई के लिए 10 से 12 किलोग्राम बीज प्रति हेक्टेयर भूमि के लिए उपयोग करना उचित रहता है। अश्वगंधा का बीजोपचार के लिए डाएथेन एम-45 से उपचारित करें। बीजोपचार करते समय 1 किलोग्राम बीज के लिए 3 ग्राम डाएथेन एम-45 का खर्च आता है। अतः 10 किलो बीज के लिए 30 ग्राम के लगभग डाएथेन एम-45 लगेगा। इस तरह से खेती करने पर आपको बहुत अच्छा मुनाफा आपको प्राप्त होने वाला है।

कितना होगा मुनाफा

                                                             

आप अगर अश्वगंधा की खेती वैज्ञानिक तरीके से करते है तो आप मार्केट में अच्छा खासा पैसा कमा सकते है। आपको बता दे की अश्वगंधा का मार्केट रेट 600 रुपए किलोग्राम तक होता है। पतंजलि का 100 ग्राम पैकिंग वाला अश्वगंधा भी करीब 60 रुपए में मिलता है। किसानों को 350 से 400 रुपए प्रति किलो बीज का बिक्री रेट आसानी से मिल जाता है। अगर आपको भी लाखो रुपए कमाना है तो आप इसकी खेती से लाखो रुपए तक पैसा कमा सकते है।

खेती-बाड़ी एवं नई तकनीकी से खेती करने हेतु समस्त जानकारी के लिए हमारी वेबसाईट किसान जागरण डॉट कॉम को देखें। कृषि संबंधी समस्याओं के समाधान एवं हेल्थ से संबंधित जानकारी हासिल करने के लिए अपने सवाल भी उपरोक्त वेबसाइट पर अपलोड कर सकते हैं। विषय विशेषज्ञों द्वारा आपकी कृषि संबंधी जानकारी दी जाएगी और साथ ही हेल्थ से संबंधित सभी समस्याओं को आप लिखकर भेज सकते हैं, जिनका जवाब हमारे डॉक्टरों के द्वारा दिया जाएगा।

लेखकः प्रोफेसर आर. एस. सेंगर, निदेशक प्रशिक्षण, सेवायोजन एवं विभागाध्यक्ष प्लांट बायोटेक्नोलॉजी संभाग, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।