क्यों होती है अधिक मीठा खाने की इच्छा

                          क्यों होती है अधिक मीठा खाने की इच्छा

                                                                                                                                                                          डॉ0 आर. एस. सेंगर

                                                                                  

यदि आप अकेलेपन से जूझ रहे हैं और रात में अकेले बैठकर काफी देर तक कंप्यूटर या लैपटॉप या फिर मोबाइल पर अपना काम करते हैं तो इसका सीधा असर आपके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर होता है। इसके साथ ही खाने पीने को लेकर गलत तरीका भी पनपता है। एक नए अध्ययन में यह दावा किया गया है कि अकेलेपन के दौराने मीठा आहार लेने की भूख अधिक होती है और इससे मोटापा और मधुमेह जैसी बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है।

विशेष रूप से महिलाएं अकेले होने पर सहज ही मिलने वाले भोजन को खोजती हैं। जामा नेटवर्क ओपन में प्रकाशित एक अध्ययन के बारे में लॉस एजलेस की कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर अपर्णा गुप्ता ने कहा कि मैं अकेलेपन के एहसास से व्यवहार और दिमाग के बदलाव का पैटर्न देखना चाहती थी। प्रोफेसर अपर्णा यूनिवर्सिटी के जी ओपनहामर सेंटर फॉर न्यूरोबायोलॉजी ऑफ स्ट्रेस एंड रेसलिंग विभाग की निदेशक है। 93 प्रतिभागियों पर किए गए उक्त अध्ययन में पता चला कि अकेले रहने वाले लोगों के शरीर में वसा की मात्रा अधिक थी।

सामाजिक अलगाव का अहसास भी देती है यह बीमारी

शोध के अनुसार ऐसे लोगों में सामाजिक अलगाव और दूरी का अहसास होता है। इसमें खराब मानसिक स्वास्थ्य, नुकसानदेह वजन का बढ़ाना और पुरानी बीमारियों का खतरा अधिक हो सकता है। एमआरआई स्कैन के माध्यम से शोधकर्ताओं ने पाया कि अकेलेपन का सामना करने वाले प्रतिभागियों में मीठे को लेकर कुछ अधिक झुकाव था और उनको मीठा खाना बहुत पसंद था।

नकारात्मक सोच को बदलने का सुझाव

विशेषज्ञों ने अकेले रहने के कारण उत्पन्न नकारात्मक सोच को बदलने के लिए कुछ सलाह दी है। हालांकि यह काफी मुश्किल और जटिल काम है, इसके स्थान पर यह बोले कि मैं इस काम को अलग तरीके से पूरा कर लूंगा, मेरे पास कोई संसाधन नहीं है, ऐसे नकारात्मक विचारों के कि सोचें आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है।

लेखक: प्रोफेसर आर. एस. सेंगर, निदेशक प्रशिक्षण, सेवायोजन एवं विभागाध्यक्ष प्लांट बायोटेक्नोलॉजी संभाग, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।