कीटनाशक बनाने वाली 7000 कंपनियों के पंजीकरण रद्द

कीटनाशक बनाने वाली 7000 कंपनियों के पंजीकरण रद्द

फसलों के लिए जारी कर रही थी नकली दवाएं

कंपनियों ने सभी उत्पाद जब्त करने के राज्य सरकारों को दिए निर्देश

                                                           

देशभर में नकली पेस्टीसाइट और खेतों में लगाई जाने वाली दवाइयों को लेकर चल रहे फर्जीवाड़े पर सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए, 7 हजार से अधिक कंपनियों के पंजीयन रद्द कर दिए है और इनके सभी पेस्टीसाइट और अन्य प्रोडक्टस जब्त करने को लेकर राज्य सरकारों के लिए निर्देश जारी कर दिए गये है। केंद्र सरकार ने देशभर में पेस्टीसाइड्स का काम करने वाली सभी कंपनियों को अपने प्रोडक्ट के साथ केवायसी किए जाने के निर्देश दिए थे, जिसमें कई बिंदुओं पर बनाए जा रहे पेस्टीसाइट की जानकारी प्रदान करनी थी। अब जांच के बाद सामने आया कि अब देश में 2584 कंपनियां ही पेस्टीसाइड्स के बनाने के काम को कर पाएंगी।

खेतों और घरों में नुकसान पहुंचाने वाले कीटों को मारने को लेकर देशभर में 10 हजार से अधिक कंपनियां पंजीकृत थी, जो कीटनाशक का उत्पादन करती थी। इनमें से यह एक बड़ी संख्या में कंपनियां नकली कीटनाशक भी बनाकर बाजार में बेच रही थी। इससे कई बार किसानों की फसलों को भारी नुकसान भी उठाना पड़ रहा था। अवैध रूप से नकली कीटनाशक बनाकर बेचे जा रहे थे। इसी को लेकर सरकार ने करीब दो माह पहले सभी कंपनियों को शिकायत आने के बाद अपनी पूरी जानकारी (केवायसी) देने के साथ बनाए जा रहे फीटनाशक के बारे में भी जानकारी चाही थी।

                                                                      

परन्तु सरकार के आदेश के बाद भी देश में पेस्टीसाड्स का निर्माण कर रही 7 हजार कंपनियों ने इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी। जबकि इनमें से कई केपनी तो नकली कोटनाशक बनाकर कारोबार कर रही थी। इस समय पूरे देश में 946 फार्मूलों पर आधारित कीटनाशक बनाए जाते हैं। इन सभी कंपनियों में बनाए गए पेस्टीसाइट एक्ट का भी पालन नहीं किया जा रहा था। अब सरकार ने बड़ी कार्यवाही करते हुए इन सभी कंपनियों के लाइसेंस और पंजीकरण रद्द करते हुए राज्य सरकारों को निर्देशित किया है कि इन कंपनियों के सभी प्रोडक्ट बाजार से जब्त किए जाए।