भारतीय सैनिकों के दल ने कृषि विश्वविद्यालय में नई टेक्नोलॉजी का अवलोकन किया

भारतीय सैनिकों के दल ने कृषि विश्वविद्यालय में नई टेक्नोलॉजी का अवलोकन किया

कृषि विविधीकरण तथा नई तकनीक को अपनाकर बढ़ सकेगी किसानों की आय कुलपति डॉक्टर के के सिंह-

                                                                        

सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में एमएसएमई प्रौद्योगिकी विकास केंद्र, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से चल रहे प्रशिक्षण कार्यक्रम के अन्तर्गत भारतीय सेना में तैनात विभिन्न प्रदेशों के सैनिक कृषि से संबंधित तथा वर्मी कंपोस्ट उत्पादन तथा इसके व्यवसायीकारण पर प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। भारतीय सेना के इन जवानों ने आज कृषि विश्वविद्यालय में चल रही विभिन्न किसानो उपयोगी परियोजनाओं तथा कृषि के विविधीकरण द्वारा कृषि की नवीनतम तकनीक के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की।

भारतीय सेना के जवानों को संबोधित करते हुए कृषि विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर के के सिंह ने कहा कि कृषि भी एक अच्छा विज्ञान है, जिसके अन्तर्गत छात्र-छात्राएं शिक्षा ग्रहण करने के पश्चात् रोजगार तथा स्वरोजगार की अपार संभावनाओं की तलाश कर सकते हैं। यही कारण है कि अब भारतीय कृषि की तरफ काफी बड़ी संख्या में लोग आकर्षित होने लगे हैं।

                                                                            

उन्होंने कहा कि भोजन की आवश्यकता तो ऐसी है कि जो प्रत्येक मनुष्य को हमेशा होती ही रहेगी। इसलिए यह क्षेत्र छोटे-छोटे उद्योग लगाने के लिए काफी उत्तम है। कुलपति प्रोफेसर के के सिंह ने सैनिकों को संबोधित करते हुए कहा कि वह कृषि विविधीकरण को अपनाकर अपनी आय को आसानी से बढ़ा सकते हैं। इस मौके पर उन्होंने बताया फल, फूल तथा सब्जी आदि की खेती करने के अलावा किसान मोटे अनाज की खेती कर उनके विविध उत्पाद तैयार कर यदि बाजार में बेचेंगे तो उनको इसके फलस्वरूप अच्छा पैसा मिल सकता है। कुलपति महोदय ने कहा कि खाद्यान्न सुरक्षा के साथ-साथ अब हमें पोषण सुरक्षा पर भी उतना ही ध्यान देने की आवश्यकता है।

कार्यक्रम के दौरान निर्देशक ट्रेनिंग एवं प्लेसमेंट प्रोफेसर आर एस सेंगर ने टिशु कल्चर विधि के द्वारा गन्ने की खेती, केले की खेती तथा बांस की खेती के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की।

प्रोफेसर अरविंद राणा ने स्ट्रॉबेरी की खेती और हाई डेंसिटी के द्वारा अमरूद की खेती, पॉली हाउस में खीरे की खेती एवं ड्रैगन फ्रूट का उत्पादन कैसे हो के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी प्रदान की।

प्रोफेसर कमल खिलाड़ी ने विभिन्न में फसलों में लगने वाले  निमेटोड की बीमारियों तथा उनसे फसलों के बचाव के उपाय बताएं।

                                                                               

प्रोफेसर गोपाल सिंह ने मशरूम उत्पादन कैसे करें जिससे किसा की आए में बढ़ोतरी हो सके के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने प्रयोगशाला में चल रहे शोध कार्यों का गहनता से अवलोकन भी किया।

इस शैक्षिक भ्रमण के दौरान निदेशक ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट प्रोफेसर आर एस सेंगर, जॉइंट डायरेक्टर प्रोफेसर सत्य प्रकाश, प्रोफेसर डी वी सिं,ह प्रोफेसर कमल खिलाड़ी, प्रोफेसर गोपाल सिंह, प्रोफेसर अरविंद राणा, एस राघव, दिनेश सैनी तथा भारत के विभिन्न प्रदेशों यथा तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, बिहार, राजस्थान एवं उत्तर प्रदेश के सम्मनित सैनिकगण उपस्थित रहे।