हरित क्रेडिट प्रोग्राम

                                      हरित क्रेडिट प्रोग्राम

                                                                                                                                                               डॉ. आर. एस. सेंगर

आजकल पूरी दुनिया जलवायु परिवर्तन और इसके दुष्प्रभावों को लेकर बहुत चिंतित है। वैश्विक स्तर पर इस पर मंथन भी लगातार किया जा रहा है। इसी क्रम में दुबई में जलवायु परिवर्तन से संबंधित में 250वां अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन चल रहा है, जो 12 दिसम्बर तक चलेगा। इस सम्मेलन में दुनिया भर के देश जलवायु परिवर्तन से संबंधित चुनौतियों और इससे सम्बन्धित पूर्व सम्मेलनों में लिए गए फैसलों में हुई प्रगति की समीक्षा के साथ-साथ वैश्विक मंथन कर रहे हैं।

अभूतपूर्व पहल

                                                                    

भारत सरकार के वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने हरित क्रेडिट कार्यक्रम (ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम) के प्रारूप को अधिसूचित किया है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य स्वस्थ और पर्यावरण अनुकूल जीवन शैली को बढ़ावा देने के लिए प्रत्येक व्यक्ति एवं समुदाय को प्रोत्साहित करना है। वर्तमान में कार्बन क्रेडिट आधारित प्रोत्साहन योजनाएं अनेक देशों में क्रियान्वित की जा रही हैं। संबंधित बाजार आधारित योजनाओं के अंतर्गत ऊर्जा, उद्योग, वनीकरण, कृषि एवं अन्य भूमि उपयोग संबंधित क्षेत्र पर लागू किए गए हैं। सभी योजनाएं कार्बन बाजार पर ही आधारित हैं तथा इनका लाभ प्राप्त करने की कोशिशें भी की जाती रही हैं।

                                                                            

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तो विकासशील देशों को जलवायु पर परिवर्तन की चुनीतियों से निपटने में सक्षम बनाने के लिए पर्याप्त जलवायु वित्त पोषण और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण का आह्वान भी किया है। उन्होंने जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को भी दोहराया है। हाल ही में भारत की अध्यक्षता में हुए जो 20वें शिखर सम्मेलन में भी जलवायु परिवर्तन शीर्ष प्राथमिकताओं में ही शामिल रहा था। जलवायु प्रक्रिया अपने आप में बहुत ही जटिल प्रक्रिया है। हरित क्रेडिट कार्यक्रम की परिवर्तन को चुनौतियों से निपटने के लिए भारत ने हाल के परिकल्पना पर्यावरण सकारात्मक एवं अनुकूल वर्षों में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई ठोस पहल की हैं और परिस्थितियों का लाभ बहुत ही सरल प्रक्रिया पर आधारित किए हैं। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में पर्यावरण संरक्षण होगा। अतः सामान्य व्यक्ति, सामुदायिक संगठन और उद्योग आदि जलवायु परिवर्तन से संबंधित प्रयासों के विषय में भारत की इस सरल प्रक्रिया को अपनाने के लिए प्रोत्साहित होगे। भारत इसमें खुद को एक वैश्विक नेतृत्व के अगुवा के रूप में स्थापित करेगा। कार्यक्रम के अंतर्गत हरित क्रेडिट के लिए प्रतिस्पर्धी बाजार का गठन किया गया है। गौरतलब है कि बीते साल अक्टूबर माह में आधारित आयामों को प्रोत्साहन देकर विभिन्न हितधारकों प्रधानमंत्री मोदी ने ‘मिशन लाइफ’, (लाइफ फॉर को स्वेच्छा से पर्यावरण अनुकूलन गतिविधियों को अपनाने) की शुरुआत की थी जिससे कि विसश्प् के प्रत्येक इंसान को इसके लिए प्रोत्साहित किया सके। इस आंदोलन को आगे बढ़ने के क्रम में उद्देश्य पर्यावरण सकारात्मक क्रियाओं को प्रोत्साहित करना है, जिससे पर्यावरण संरक्षण एवं जलवायु परिवर्तन का सामना आसानी से किया जा सके।

लेखकः प्रोफेसर आर. एस. सेंगर, निदेशक प्रशिक्षण, सेवायोजन एवं विभागाध्यक्ष प्लांट बायोटेक्नोलॉजी संभाग, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।