अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान स्लीपिंग और कृषि विश्वविद्यालय के बीच हुआ एमओयू

अंतरराष्ट्रीय चावल शोध अनुसंधान संस्थान फिलीपींस के साथ सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के द्वारा एमओयू पर हस्ताक्षर किए जाने पर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर के के सिंह ने बताया विश्वविद्यालय का प्रयास है कि यहां के छात्रों और शिक्षकों को अंतरराष्ट्रीय मंचों से जोड़कर शिक्षण, शोध और प्रसार की गतिविधियों में और अधिक गुणवत्ता लाई जाए। अंतरराष्ट्रीय चावल शोध संस्थान से एमओयू के जाने के बाद धान के क्षेत्र में किए जाने वाले शोध कार्यों को और अधिक बढ़ावा मिल सकेगा। 
डॉक्टर के के सिंह ने बताया कि इस समय केवल पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ही नहीं अपितु पूरे देश में जल की भयंकर समस्या चल रही है और जल का स्तर लगातार गिरता जा रहा है। जल संरक्षण पर कार्य किया जाए और इसके साथ ही साथ पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसानों के द्वारा काफी क्षेत्रफल में बासमती धान तथा धान की अन्य प्रजातियों की खेती की जा रही खेती को और अधिक बढ़ावा मिल सके। इसके लिए अंतरराष्ट्रीय संस्थान के साथ कृषि विश्वविद्यालय द्वारा यह एमओयू किया गया है। उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में अंतरराष्ट्रीय संस्थान के साथ जोड़कर अब यहां के छात्र एवं शिक्षक कार्य कर सकेंगे।

अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान और कृषि विश्वविद्यालय के मध्य एम ओ यू- 

उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही की उपस्थिति में अंतरराष्ट्रीय चावल शोध संस्थान (इर्री) तथा उत्तर प्रदेश के प्रमुख कृषि विश्वविद्यालय के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। गोमती नगर के एक निजी होटल में आयोजित कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश में चावल आधारित कृषि-खाद्य प्रणाली को विकसित करने तथा गुणवत्ता और पोषकता से भरपूर चावल की खेती को विकसित करने के उद्देश्य से यह समझौता किया गया।

कृषि मंत्री की उपस्थिति में अंतरराष्ट्रीय चावल शोध संस्थान से सरदार बल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय की ओर से निदेशक अनुसंधान केंद्र डॉ अनिल सिरोही ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करते हुए पश्चिमी उत्तर प्रदेश में धान उत्पादन की समस्याओं एव शोध सम्भावनाओं से अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान के महानिदेशक को अवगत कराते हुए विश्वविद्यालय के शोध कार्य में सहयोग करने व गति देने का अनुरोध किया।

इस अवसर पर कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि यह समझौता ज्ञापन उत्तर प्रदेश की कृषि तथा किसानों के भविष्य को संवारने के लिए ऐतिहासिक सिद्ध होंगे। उन्होंने कहा कि यह समझौता फसल और प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन, तथा डिजिटल टूल्स में सहयोग बढ़ाने, वैज्ञानिकों तथा छात्रों का क्षमता निर्माण और ज्ञान का आदान-प्रदान करने से संबंधित हैं।

कृषि मंत्री ने अंतरराष्ट्रीय चावल शोध संस्थान के महानिदेशक डॉ. जॉन बेरी को आश्वस्त किया कि प्रदेश सरकार कृषि, कृषि शिक्षा तथा कृषि अनुसंधान के क्षेत्र में संपूर्ण सहयोग के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर अंतर्राष्ट्रीय चावल शोध संस्थान वाराणसी में वर्ष 2018 में क्षेत्रीय अनुसंधान केंद्र खोला है। यह केन्द्र उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि भारत तथा संपूर्ण दक्षिण एशिया के लिए चावल के क्षेत्र में विशेष अनुसंधान कर रहा है।

अंतरराष्ट्रीय चावल शोध संस्थान के महानिदेशक डॉ जॉन बेरी ने कहा कि कृषि किसी भी देश के ट्रांसफॉरमेशन का ग्रोथ इंजन है। भारत सरकार तथा उत्तर प्रदेश सरकार ने कृषि क्षेत्र की उन्नति के लिए कई उल्लेखनीय कदम उठाए जा रहे हैं, जो प्रदेश के किसानों तथा कृषि क्षेत्र से जुड़े लोगों के भविष्य को संवारने के लिए महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि कृषि की उन्नति के लिए आवश्यक है कि कृषि क्षेत्र में अनुसंधान को पर्याप्त बढ़ावा दिया जाय।

अपर मुख्य सचिव कृषि डॉ. देवेश चतुर्वेदी ने कहा कि जिन समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर हुए हैं वे प्रदेश के कृषि विश्वविद्यालय बीच एक मजबूत साझेदारी की नींव बनेंगे।

इस अवसर पर डॉ. सुधांशु सिंह निदेशक, आईएसएआरसी, ए.जे. पोंसिन स्टाफ पोर्टफोलियो विकास और प्रबंधन प्रमुख, आईआरआरआई, डॉ. अजय कोहली डिप्टी डायरेक्टर जनरल- अनुसंधान, आईआरआरआई, डॉ. संजय सिंह महानिदेशक, यूपीसीएआर तथा अन्य विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

लेखकः डाॅ0 आर. एस. सेंगर, सरदार बल्लभ भाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ के काॅलेज आॅफ एग्रीकल्चर में प्रोफेसर तथा कृषि जैव प्रौद्योगिकी विभाग के विभागाध्यक्ष हैं।