फरवरी और अप्रैल माह में कृषि निर्यात में कमी

                        फरवरी और अप्रैल माह में कृषि निर्यात में कमी

                                                                                                                                                                                 डॉ0 आर. एस. सेंगर

कृषि निर्यात वित्तीय वर्ष 2023-24 में अप्रैल फरवरी के दौरान 8.8 प्रतिशत कम होकर 43.7 अरब डालर का रहा। इसका मुख्य कारण लाल सागर संकट, रूस यूक्रेन युद्ध और चावल, गेहूं, चीनी तथा प्याज जैसी आवश्यक वस्तुओं पर लगाए गए घरेलू प्रतिबंध आदि रहे है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में फरवरी और अप्रैल की अवधि के दौरान कृषि निर्यात 47.5 अरब डॉलर का रहा था। इसके साथ ही देश के कृषि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में भी महत्वपूर्ण गिरावट देखने को मिली है।

यह वर्ष 2023 से 24 में केवल 0.7 प्रतिशत ही बढ़ा, जो कि 2023-2024 में 4.7 प्रतिशत थी। आपदा, कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादन निर्यात विकास प्राधिकरण, बास्केट में 719 अनुसूचित कृषि उत्पादों का निर्यात पिछले वित्त वर्ष के 11 महीना के दौरान 6.5 प्रतिशत कम होकर 22.4 अरब डालर रहा। जबकि अप्रैल से फरवरी 2022-23 में यह 24 अरब डॉलर का रहा था। बास्केट में शामिल 24 प्रमुख वस्तुओं में से 17 में इस दौरान सकारात्मक वृद्धि देखी गई। इसमें ताजा फल, भैंस का मांस, प्रसंस्कृत सब्जियां, बासमती चावल और केला आदि शामिल है।

मूल के संदर्भ में बासमती चावल का निर्यात 22 प्रतिशत बढ़कर अप्रैल से फरवरी 2023-24 में 5.2 अरब डालर का रहा। जबकि यह अप्रैल फरवरी 2022-23 में 4.02 अरब डालर का रहा था।

सरकार निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कार्य योजना कर रही है तैयार

सरकार केला, आम, आलू और बेबी कॉर्न के सहित 20 कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एक कार्य योजना तैयार कर रही है। वाणिज्य विभाग में अतिरिक्त सचिव राजू अग्रवाल ने मंगलवार को कहा कि इनमें से प्रत्येक उत्पादन के लिए कार्य योजना अगले तीन से चार महीनों में तैयार होने की संभावना है।

अग्रवाल ने कहा कि जिन 20 उत्पादों की पहचान की गई है, उनका वर्ष 2022 में वैश्विक व्यापार 405. 4 अरब डॉलर का था, जिसमें भारत का कुल निर्यात 9.023 अरब डॉलर रहा था।

टॉप बोरर कीट के अंडे

अण्डे (एगमास) की पहचान - एक मादा 250-400 अंडे देती है और यह अंडे बालों के नारंगी गुच्छे से ढंके होते हैं, जो पत्तियों की निचली सतह पर मध्य शिरा के समीप पाये जाते हैं। 7-10 दिन के बाद इनसे छोटी-छोटी सूंडी (लारवा) पत्ती की मध्य शिरा में घुसकर सुरंग बनाते हुए गन्ने की गोफ में घुस जाते हैं।

                                                                                 

                                                                                      एगमास का चित्र

तितली की पहचान - इसकी तितली (एडल्ट) चांदी की तरह सफेद रंग की होती है और मादा तितली के पिछले भाग पर बादामी रंग के बाल होते हैं।

                                                                             

                                                                                   चित्र: गन्ने की तितली

                                                                               

प्रस्तुति: प्रोफेसर आर. एस. सेंगर, निदेशक प्रशिक्षण, सेवायोजन एवं विभागाध्यक्ष प्लांट बायोटेक्नोलॉजी संभाग, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।