प्रकृति के द्वारा प्रद्वत सबसे मीठा तोहफा है गन्ना

                           प्रकृति के द्वारा प्रद्वत सबसे मीठा तोहफा है गन्नाः

                                                                                                                                                          डॉ0 आर. एस. सेंगर एवं मुकेश शर्मा

                                                                     

गन्ना लिवर, किडनी की बीमारियों में लाभकारी, डायबिटीज को ठीक एवं मैनेज करने में सहायता प्रदान करता है।

भारत में हर खुशी के मौके पर मिठाइयां खाने और खिलाने की सदियों पुरानी परंपरा है। त्योहार हो या कोई शुभ कार्य, हर किसी का पहला रिएक्शन होता है- ‘कुछ मीठा हो जाए।’

निश्चित ही प्रकृति ने भी खुशी का कोई बड़ा मौका देखा होगा, जब इंसान को सबसे मीठे तोहफे के रूप में गन्ना प्रदान किया। लेकिन प्रकृति के दिए इस मीठे और हमारी मिठाई के मीठे में बहुत बड़ा अंतर है।

हम जो मिठाई अक्सर खाते हैं, वह किसी का भी ब्लड शुगर लेवल शूट अप कर सकती है, साथ ही यह हमें बीमार भी कर सकती है। लेकिन वहीं गन्ना धरती पर प्रकृति का एक वरदान है। यह स्वादिष्ट होने के साथ-साथ बेहद गुणकारी भी होता है। अतः गन्ने का रस लिवर, किडनी की कई बीमारियों में भी लाभकारी सिद्व होता है।

यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के एंडोक्रोनोलॉजी विभाग में प्रोफेसर और मेटाबॉलिकल जैसी रेवोल्यूशनरी किताब लिखने वाले डॉ. रॉबर्ट लस्टिग अगस्त, 2011 में गूगल के ऑफिस में लेक्चर दे रहे थे। एक सवाल के जवाब के दौरान उस कमरे में मौजूद लोगों से उन्होंने पूछा, “प्रकृति के द्वारा प्रदान की गई सबसे मीठी चीज कौन सी है?” ऐसे में यह एक जाहिर सी बात है, कि सबका एक ही जवाब था- और वह था “गन्ना।”

                                                                                

फिर डॉ. लस्टिग ने पूछा, “आपको पता है गन्ने में कितना मीठा होता है।” गूगल में काम कर रहे दुनिया के टॉप मोस्ट माइंड्स ने जवाब में कहा, 100 प्रतिशत।.

इस जवाब पर डॉ. लस्टिग हंसने लगे, और बोले- “नहीं। यह केवल 15 प्रतिशत ही है। बाकी तो सब फाइबर होता है। क्योंकि नेचर बहुत इंटेलीजेंट होती है। उसने जो सबसे मीठी चीज बनाई, उसमें मीठे से ज्यादा फाइबर दिया है, क्योंकि प्रकृति में किसी भी चीज में कोई भी चीज अतिरेक नहीं होती है। उसे पता है कि आपके शरीर को किस चीज कितनी की जरूरत होती है।”

इसलिए आज ‘किसान जागरण डॉट कॉम’ में हम बात करेंगे गन्ने के बारे में। साथ ही जानेंगे कुछ प्रश्नों के उत्तर जैसे कि-

  • क्या शुगरकेन यानी गन्ने में शुगर के अलावा और भी कुछ उपलब्ध होता है?
  • क्या यह किडनी, लिवर के साथ अन्य कुछ बीमारियों के लिए लाभदायक होता है?
  • क्या डायबिटिक लोग भी गन्ने का रस का सेवन कर सकते हैं?
  • गर्मियों में कोल्ड ड्रिंक्स के स्थान पर सेवन करें गन्ने का जूस

जब कभी चिलचिलाती धूप में हमारा गला सूखता है तो मन करता है कि कुछ ऐसा मिल जाए, जिससे गला तर हो जाए। ज्यादातर लोग कोल्ड ड्रिंक्स या कोई अन्य शुगरयुक्त ड्रिंक्स ही खोजते हैं, लेकिन यह सब आर्टिफिशियल ड्रिंक्स आपको बीमार कर आपकी सेहत को नुकसान भी पहुँचा सकते हैं।

तो इस सबसे बचने के लिए इस बार गर्मियों में तय करें कि गले के सूखने पर हम गन्ने का जूस ही पिएंगे। इससे आपको इंस्टेंट एनर्जी तो मिलेगी ही, साथ ही आपकी बॉडी भी हाइड्रेट रहेगी। इसकी सबसे अच्छी बात तो यह है कि ताजे गन्ने के जूस के लिए आपको बहुत अधिक पैसे भी नहीं खर्च करने होते हैं।

नीचे दिए गए कुछ तथ्यों के माध्यम से समझते हैं गन्ने के जूस से प्राप्त होने वाले लाभ

गन्ने में शुगर के साथ फाइबर भी होता है

गन्ना इतना मीठा होता है कि ज्यादातर लोग सोचते हैं कि इसमें सिर्फ शुगर होती है, जबकि यह एक मिथ है। सच तो यह है कि गन्ने में लगभग 70-75 प्रतिशत तक पानी होता है, 10 से 15 प्रतिशत तक फाइबर होता है और सुक्रोज के रूप में शुगर सिर्फ 13 से 15 प्रतिशत तक ही होती है।

गन्ने के रस में उपलब्ध होते हैं पॉवरफुल एंटीऑक्सीडेंट्स

                                                                          

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में पब्लिश एक रिसर्च के अनुसार गन्ने के रस में फेनलिक और फ्लेवोनॉयड जैसे पॉवरफुल एंटीऑक्सीडेंट भी उपलब्ध होते हैं। ये एंटीऑक्सीडेंट ही हैं जो कि गन्ने के रस को इतना लाभकारी बनाते हैं।

गन्ने के रस को दूसरे शुगरी ड्रिंक्स की तरह प्रोसेस नहीं किया जाता है। यह प्राकृतिक होता है। इसलिए इसमें विभिन्न प्रकार के विटामिन और मिनरल्स भी उपलब्ध होते हैं।

लिवर की बीमारी में है अतिलाभदायक है

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में पब्लिश एक स्टडी के अनुसार गन्ने का रस विटामिन, मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होने के चलते लिवर के कामकाज में सहायक बनता है और उसे स्वस्थ भी रखता है।

इसमें मौजूद एल्केलाइन शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स का संतुलन बनाए रखते हैं, जो पीलिया की बीमारी रोकने अथवा ठीक में मददगार साबित होता है।

हम जानते हैं कि आयुर्वेदिक और यूनानी चिकित्सा पद्धतियों में गन्ने के रस को पीलिया के इलाज के लिए लंबे समय से प्रयोग किया जाता रहा है।

गन्ने का रस पाचन तंत्र को सही रखने में भी सहायता करता है

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में पब्लिश एक स्टडी के अनुसार गन्ने के रस में मौजूद पोटेशियम हमारे पेट के पीएच लेवल को संतुलित करता है। इसमें पर्याप्त मात्रा में फाइबर भी होता है। इसलिए यह हमारे पाचन तंत्र के कामकाज में मदद करता है।

किडनी की सेहत के लिए लाभकारी है

                                                   

गन्ने के रस में डाइयूरेटिक होता है, जो खूृन से टॉक्सिन्स और इन्फेक्शन आदि को बाहर निकालने में किडनी की मदद करता है। इसमें उपलब्ध पानी किडनी स्टोन निकालने में भी मददगार होती है। अगर इसमें थोड़ा सा नींबू का रस भी मिला दिया जाए तो यह अधिक गुणकारी होकर किडनी के लिए सबसे फायदेमंद ड्रिंक बन जाती है।

इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है

गन्ने में मौजूद विटामिन-सी और एंटीऑक्सीडेट्स हमारे इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं। पॉवरफुल एंटीऑक्सीडेंट्स फ्लेवनॉयड्स और फेनोलिक कैंसर सेल्स के विकास को भी रोकते हैं।

प्रेग्नेंसी में भी होता है फायदेमंद

गन्ने का रस न्यूट्रीशन से भरपूर होने के चलते यह महिलाओं के लिए उनकी प्रेग्नेंसी में बेहद लाभकारी सिद्व होता है। इसमें प्रेग्नेंट महिला की आवश्यकता के अनुसार फोलिक एसिड, बी-कॉम्प्लेक्स, कैल्शियम और एंटीऑक्सीडेंट्स उपलब्ध होते हैं। इसलिए यह किसी भी पैक्ड जूस से कहीं अधिक बेहतर होता है।

गन्ने के रस में एंटी एजिंग गुण भी होते है

                                                                    

गन्ने के रस में मौजूद पॉवरफुल एंटी ऑक्सीडेंट्स इसे एंटी एंजिंग भी बनाते हैं। इसके अलावा यह आपको हाइड्रेट बनाए रखता है, जिससे आपकी स्किन मॉइश्चराइज्ड और सॉफ्ट बनी रहती है। इसमें मौजूद ग्लाइकोलिक एसिड स्किन का रेडिएंस मेंटेन रखता है।

सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉक्टर राकेश सिंह सेंगर बताते हैं कि गन्ने के एंटी एजिंग गुणों के चलते ही इसे आयुर्वेद में जवां बनाए रखने वाला रस भी कहा जाता है।

डायबिटीज से ग्रस्त है तो कम मात्रा में पिएं गन्ने का रस                                                                                                                   

अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार एक दिन में एक पुरुष को अधिकतम 9 चम्मच और महिला को 6 चम्मच से ज्यादा मीठा नहीं खाना चाहिए। जबकि अमेरिका के एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट के मुताबिक एक कप (240 मिली) गन्ने के रस में केवल 50 ग्राम शुगर होती है। यह लगभग 12 चम्मच चीनी के बराबर होती है।

गन्ने का रस फाइबर का एक अच्छा स्रोत होता है। इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी कम होता है, लेकिन गन्ने का ग्लाइसेमिक लोड अधिक होता है। इसलिए ब्लड शुगर लेवल तेजी से बढ़ सकता है। यही कारण है कि डायबिटिक लोगों को गन्ने का रस कम मात्रा में सेवन करने की सलाह दी जाती है।

हालांकि हाल ही में की गई कुछ स्टडीज डायबिटीज पेशेंट्स के लिए गन्ने के रस के सेवन करने को कोई बहुत अधिक नुकसानदायक नहीं मानती हैं। लेकिन डायबिटिक पेशेंट्स को इसे पीने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर ले लेनी चाहिए।

खेती-बाड़ी एवं नई तकनीकी से खेती करने हेतु समस्त जानकारी के लिए हमारी वेबसाईट किसान जागरण डॉट कॉम को देखें। कृषि संबंधी समस्याओं के समाधान एवं हेल्थ से संबंधित जानकारी हासिल करने के लिए अपने सवाल भी उपरोक्त वेबसाइट पर अपलोड कर सकते हैं। विषय विशेषज्ञों द्वारा आपकी कृषि संबंधी जानकारी दी जाएगी और साथ ही हेल्थ से संबंधित सभी समस्याओं को आप लिखकर भेज सकते हैं, जिनका जवाब हमारे डॉक्टरों के द्वारा दिया जाएगा।

लेखकः प्रोफेसर आर. एस. सेंगर, निदेशक प्रशिक्षण, सेवायोजन एवं विभागाध्यक्ष प्लांट बायोटेक्नोलॉजी संभाग, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।