गन्ना किसानों को राहत: गन्ने की खेती होगी आसान

               गन्ना किसानों को राहत: गन्ने की खेती होगी आसान

                                                                                                                                          डॉ0 आर. एस. सेंगर, डॉ0 रेशु चौधरी एवं आकांक्षा सिंह

“अद्भुत अब मशीन से होगी गन्ने की कटाई और छिलाई, किसान के खेत में हुआ ट्रायल”

देखने वाले रह गए दंग

                                                                            

गन्ना छीलने के लिए मजदूरों पर आश्रित गन्ना किसानों को गन्ना छीलने के झंझट से किसानों को मुक्ति मिलने वाली है। कहते हैं कि आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है, एक लम्बे समय से गन्ना किसान गन्ने को छीलने की समस्या से परेशान थे। इस कार्य के लिए किसानों को मजदूर नही मिल पाते थे। परन्तु अब गन्ना छीलने वाली मशीन किसानों की इस समस्या को हल करने वाली है।

मशीन से पहले गन्ना कटाई और फिर छिलाई दोनों ही कार्य होंगे। मुजफ्फरनगर के मंसूरपुर चीनी मिल क्षेत्र के गांव बोपाड़ा में इस मशीन ट्रायल भी किया जा चुका है। इसके ट्रायल के दौरान बड़ी संख्या में किसान भी मौजूद रहे।

खेती-बाड़ी में नित बढ़ते मशीनीकरण के इस युग में एक कदम और आगे बढ़ने जा रहा है। किसानों के लिए खेती किसानी सम्बन्धित कार्यो के लिए निरंतर कम होती मैन पावर के चलते अब मशीन से ही गन्ने की कटाई और छिलाई का कार्य सम्पन्न किया जाएगा। यह मशीनें एक दिन में पांच सौ क्विंटल तक गन्ने की छिलाई करने में सक्षम होती है। बोपाड़ा गांव के एक किसान के खेत में इस मशीन का ट्रायल देखने के लिए एक बड़ी संख्या में किसान पहुंचे।

                                                                             

मंसूरपुर शुगर मिल की ओर से गत सोमवार को गांव बोपाड़ा में खेतों से गन्ना काटकर छिलाई वाली इस मशीन का सफल ट्रायल किया गया। गन्ना महाप्रबंधक उत्तम कुमार वर्मा ने बताया कि यह मशीन गन्ने को जड़ से काटकर अलग करती है। खेत से गन्ना काटने के बाद दूसरी मशीन में इससे अगोले को अलग किया जाता है। इस प्रकार यह मशीन एक दिन में 500 क्विंटल गन्ने की कटाई और छिलाई कर सकती है।

महाप्रबन्धक वर्मा ने बताया कि अभी इस मशीन का ट्रायल ही चल रहा है और जल्द ही यह मशीन मार्केट में भी उपलब्ध हो जाएगी। इस मशीन के आ जाने से विशेष रूप से गन्ना किसानों को गन्ना कटाई और छिलाई करने वाले मजदूरों की समस्या अब नहीं रहेगी। ट्रायल के दौरान मुख्य कार्यकारी अधिकारी संदीप कुमार शर्मा, उपाध्यक्ष सुधीर कुमार, रविंद्र कुमार शर्मा, विकास कुमार, दिनेश कुमार, अनिल कुमार शर्मा आदि के अलावा बहुत से किसान भी उपस्थित रहे।

मशीन से प्राप्त होने वाले लाभ

                                                    

इस प्रकार की मशीनों से आने वाले सालों में गन्ने की खेती करने वाले किसान भाईयों को लाभ हो सकता है। असल में खेतों में काम करने वाले किसानों और मजदूरों की संख्या में तेजी के साथ कमी आती जा रही है। निरंतर कम होती जोत के कारण किसानों का खेती से पलायन हुआ है। ऐसे में फसल कटाई के दौरान बड़ा संकट खड़ा हो जाता है।

इस मामले में किसान की पूरी निर्भरता मजदूरों पर होती है। महंगाई के कारण किसान खुद को फंसा हुआ महसूस करता है। ऐसे में आने वाले सालों में इस तरह की मशीनों का प्रयोग खेती कार्यों को आसान बना सकता है।

चारा चाहने वाले किसानों के लिए होगी मुश्किल

                                                                                

यह मशीन एक दिन में लगभग पांच सौ क्विंटल गन्ने की कटाई और छिलाई करती है। जबकि इस जिले में पांच सौ क्विंटल की फसल वाले किसानों की संख्या कम है। ऐसे में छोटी जोत वाले किसान रोजाना पशुओं के लिए चारे का इंतजाम करने के लिए धीरे-धीरे गन्ने की छिलाई करना पसंद करते हैं। ऐसे में देखना यह है कि छोटी जोत वाले किसानों के लिए यह मशीन कितनी कारगर सिद्व होगी, यह आने वाले समय में ही पता चल सकेगा।

सोमवार दोपहर को मंसूरपुर में किसान के खेत में इस मशीन का ट्रायल किया गया तो देखने वालों की भीड़ उमड़ पड़ी। मौके पर मौजूद किसान भी अधिकारियों से इस मशीन की खूबियां पूछते नजर आए।

लेखकः प्रोफेसर आर. एस. सेंगर, निदेशक प्रशिक्षण, सेवायोजन एवं विभागाध्यक्ष प्लांट बायोटेक्नोलॉजी संभाग, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।