पहली बार मेडिकल कॉलेज मेरठ में रोटा एबलेशन विधि द्वारा खोली गई लेफ्ट कोरोनरी आर्टरी

पहली बार मेडिकल कॉलेज मेरठ में रोटा एबलेशन विधि द्वारा खोली गई लेफ्ट कोरोनरी आर्टरी

                                                                         डॉ0 दिव्यांशु सेंगर एवं मुकेश शर्मा

 

मेडिकल कॉलेज के मीडिया प्रभारी डॉक्टर वी डी पांडे ने बताया की मेडिकल कॉलेज का हृदय रोग विभाग नित नए सफल ऑपरेशन कर कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। कुसुम लता, उम्र 54 साल, निवासीनी किला परीक्षित गढ़, जनपद मेरठ शुक्रवार को सीने में तेज दर्द होने की शिकायत पर मेडिकल कालेज मेरठ के आपातकालीन विभाग में ह्रदय रोग विभाग के डॉक्टर धीरज सोनी, सह आचार्य एवम विभागाध्यक्ष, हृदय रोग विभाग के अधीन भर्ती कराया गया। डॉक्टर धीरज सोनी ने मरीज की गम्भीर स्थिति को देखते हुए मरीज को तुरंत एंजियोग्राफी जांच कराने की सलाह दी गई।

एंजियोग्राफी जांच से पता चला कि मरीज के हृदय की दो नसें बंद है तथा जिनमे से दाहिने तरफ की नस 99% तक बंद हो चुकी थी तथा बाईं कोरोनरी आर्टरी में कैल्शियम के अधिक जमा हो जाने के कारण इस तरह से बंद थी कि उससे वायर और बैलून क्रॉस नहीं हो पा रहा था। डॉ0 धीरज ने मरीज के तीमारदारों को रोटा एबलेशन तकनीक से बंद नली को खोलने के बारे में बताया तो उन्होंने इसके लिए अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी उसके बाद डॉ0 धीरज सोनीए डॉ0 सी बी पाण्डेय एवम उनकी टीम ने रोटा एबलेशन विधि द्वारा जमा कैल्सियम तोड़.तोड़ कर निकाला गया तथा बालूनिंग करके स्टंट लगाया गया। मरीज के सीने का दर्द अब बंद हो गया है मरीज को रविवार को डिर्स्चाज कर दिया जएगा।

                            

    डॉ0 धीरज सोनी एवं उनकी टीम ने बताया कि मरीज दीन दयाल उपाध्याय कैशलेस योजना की लाभार्थिनी हैं इसलिए उनकी निःशुल्क एंलियोप्लास्टी की गई तथा बिना चीरा लगाएं वायर के माध्यम से मरीज के पैर की खून की एक बड़ी नस द्वारा हृदय तक पहुंच कर बंद पड़ी दोनों नसों को स्टंट लगाकर चालू कर दिया गया। बंद पड़ी हुई बाईं कोरोनरी आर्टरी को रोटा एबलेशन तकनीक से खोला गया। मरीज अब बिल्कुल स्वस्थ है कल उनकी छुट्टी कर दी जाएगी।

डॉक्टर धीरज सोनी ने यह भी बताया की यह एक तरह का बहुत ही जटिल ऑपरेशन था मरीज की जान भी जा सकती थी हमारी पूरी टीम ने सूझबूझ के साथ इस चुनौती को स्वीकार किया और हम सफल रहे। इस तरह का ऑपरेशन मेरठ मेडिकल कालेज तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पहली बार किया गया है।

                                                   

मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ0 आर सी गुप्ता ने इस तरह के जटिल ऑपरेशन की सफलता पर हर्ष व्यक्त किया तथा पूरे हृदय रोग विभागए डॉक्टर धीरज सोनी एवम उनकी पूरी टीम को बधाई दी।

नवजात शिशु मृत्यु दर को कम पर बाल रोग विभाग में दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन

मेडिकल कॉलेज मेरठ के बाल रोग विभाग में दो दिवसीय आर आर टी सी (क्षेत्रीय संसाधन प्रशिक्षण केंद्रद्) कार्यशाला का प्रशिक्षण प्रारंभ हुआ। इस प्रशिक्षण में विभिन्न जनपदों से आए हुए चिकित्सकों को नवजात शिशुओं एवं उसकी देखभाल के लिए किए जाने वाले कार्यों से प्रशिक्षित किया गया जिससे नवजात शिशु मृत्यु दर को कम किया जा सके।

कार्यशाला का शुभारंभ प्रधानाचार्य मेडिकल कॉलेज मेरठए डॉ0 आर सी गुप्ता द्वारा किया गया उन्होंने बताया की इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम मेडिकल कॉलेज में समय.समय पर आयोजित किए जाते रहे हैं।

 

    बाल रोग विभाग अध्यक्ष डॉ नवरत्न गुप्ता ने बताया की यह प्रशिक्षण 2 दिनों का है और इस प्रशिक्षण के उपरांत संबंधित चिकित्सक अपने जिले के चिकित्सालय में उक्त कार्य को करेंगे तथा अपने अधीन कार्यरत चिकित्सकों को भी प्रशिक्षित करेंगे।

 

नोडल अधिकारी डॉक्टर अनुपमा वर्मा ने बताया की इस प्रकार के प्रशिक्षण प्रत्येक माह आयोजित किए जाते हैं, जिसका नोडल सेंटर मेडिकल कॉलेज मेरठ को बनाया गया है। उक्त प्रशिक्षण में मुजफ्फरनगर, बागपत, हापुड़, बुलंदशहर, बिजनौर आदि जिलों से बाल रोग विशेषज्ञ एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ उपस्थित रहे।

 

    इस अवसर पर डॉ आर सी गुप्ताए डॉ नवरत्न गुप्ता, डॉ अनुपमा वर्मा, डॉ अभिषेक सिंह, डॉ विकास अग्रवाल एवं मेडिकल कॉलेज मेरठ के मीडिया प्रभारी डॉ बी0 डी0 पांडे आदि उपस्थित रहे।

 

मेडिकल कालेज मेरठ में हुआ विधिक साक्षरता शिविर एवम जन जागरूकता कार्यक्रम

 

मेडिकल कालेज के मीडिया प्रभारी डा वी डी पाण्डेय ने बताया कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली व राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ द्वारा दिए गए निर्देश के अनुपाल में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मेरठ द्वारा दिनांक 19ध्04ध्23 को लाला लाजपतराय स्मारक मेडिकल कॉलेज मेरठ में निम्न विषयों. लैंगिक न्यायए घरेलू हिंसाए मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी एक्ट 1971 तथा पूर्व गर्भाधान और प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम 1994 पर  संवेदीकरण एवम जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया।

 

कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री विनोद शर्मा ;जजद्ध सचिवए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मेरठ ने की। कार्यक्रम का संयोजन डा वन्दना धामा तथा संचालन डा वी डी पाण्डेय ने किया।

 

श्री मति ममता तिवारी एडवोकेट ने एक्ट्स के लीगल पहलू पर प्रकाश डाला।

 

    श्री बलराज सिंह एडवोकेट लैंगिक न्याय, घरेलू हिंसा के कारण और इसके दण्ड के अधिनियम में उल्लेखित प्रावधानों को विस्तार से बताया।

 

पैनल एडवोकेट श्री मति पूनम ढिल्लन ने मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी एक्ट 1971 पर प्रकाश डाला।

 

मेडिकल कालेज के स्त्री एवम प्रसूति रोग विभाग की आचार्य डा वन्दना धामाए जो को पी सी पी एन डी टी एक्ट मेडिकल कालेज मेरठ की नोडल अधिकारी हैं, उन्होंने नित्य प्रति मेडिकल प्रैक्टिस, जांच, डैगनॉस्टिक में होने वाले प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम 1994 के अनुपालन का महत्व बताया। डा वन्दना ने कहा कि प्रसव पूर्व लिंग निर्धारण एक कानूनी अपराध है इसमें कठोर सजा का प्रावधान है। सभी चिकित्सकों को सतर्क होकर मां के गर्भ में पल रहे बच्चे के विकास की जांच कराना चाहिए तथा संबंधित फॉर्म को सावधानी पूर्वक जरूर भरना चाहिए तथा संबंधित प्रपत्र मरीज से ले कर फॉर्म में संलग्न कर देना चाहिए।

 

    श्री विनोद कुमार शर्मा (जज), सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मेरठ ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि सभी चिकित्सकों, स्वास्थ्य कर्मियों को सभी संबंधित अधिनियम का अक्षरशः पालन करना चाहिए जिससे कोई भी बाद चिकित्सक एवम मरीज के मध्य विवाद न हो सके। उन्होंने सभी चिकित्सकों एवम छात्र छात्राओं को संविधान द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकारों के विषय में जागरूक होने की भी शिक्षा दी तथा कहा कि मिनिमम लीगल नॉलेज सभी नागरिकों को होनी चाहिए।

आप मेडिकल चिकित्सकीय ज्ञान के साथ थोड़ा कानूनी ज्ञान भी अवश्य अर्जित करें जिससे आप अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हो सकेंगे एवम आपको कोई भी मूर्ख नहीं बना सकता है।

 

मेडिकल कालेज के प्रधानाचार्य डॉ आर सी गुप्ता ने कार्यक्रम के सफल आयोजन हेतु डा वन्दना धामा एवम डा वी डी पाण्डेय को बधाई दी।

 

इस अवसर पर डॉ रचना चौधरी, डॉ कपिल, डॉ शिखा, डॉ निर्मल सिंह, डॉ चंकी कुमार, डा सारस्वत, स्त्री एवम प्रसूति रोग, रेडियोलॉजी विभाग के जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर, एम बी बी एस, रेडियोलॉजी टेक्निीशियन टेकनीसियन के छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

 

मेडिकल कॉलेज के हृदय रोग विभाग ने बंद बाईपास ग्राफ्ट खोलकर मरीज की बचाई जान

 

मेडिकल कॉलेज के मीडिया प्रभारी डॉक्टर वी डी पांडे ने बताया की मेडिकल कॉलेज का हृदय रोग विभाग नित नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। कपिल देव उम्र 59 साल निवासी जनपद मेरठ को 2009 से दिल की बीमारी थी। 2010 में उनकी एंजियोग्राफी जांच हुई थी जिससे पता चला कि उनके हृदय के तीनों खून की नसें बंद है। जिस कारण उनकी 2010 में ओपन हार्ट बायपास सर्जरी हुई थी। 2 माह पूर्व मरीज की छाती में फिर से दर्द होना शुरू हुआ और 2 दिन पहले उनको उनकी छाती में असहनीय दर्द हुआ।

मरीज ने मेडिकल कॉलेज मेरठ के हृदय रोग विभाग की ओपीडी में डॉक्टर धीरज सोनी, सह आचार्य एवम विभागाध्यक्ष, हृदय रोग विभाग से परामर्श लिया। डॉक्टर धीरज सोनी ने मरीज के ब्लड प्रेशर की जांच की तो पता चला कि सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर मात्र 90 एम एम एच जी है मरीज को हार्ट अटैक हुआ था आपात स्थिति थी मरीज को तुरंत एंजियोग्राफी जांच कराने की सलाह दी गई। एंजियोग्राफी जांच से पता चला कि मरीज के हृदय की तीनों नसें बंद है तथा दो बायपास ग्राफ्ट भी बंद हो चुके हैं मात्र एक ग्राफ्ट ही काम कर रहा था।

डॉ धीरज सोनी एवं उनकी टीम ने एनजीओप्लास्टि की तथा बिना चीरा लगाएं वायर के माध्यम से उनके खून की एक बड़ी नस द्वारा हृदय तक पहुंच कर बंद पड़े बायपास ग्राफ्ट में जमा खून के थक्के को निकालाए ग्राफ्ट की सफाई की तथा स्टंट लगाकर ग्राफ्ट को पुनः चालू कर दिया। मरीज अब बिल्कुल स्वस्थ है उनके ब्लड प्रेशर में भी काफी सुधार है। कल उनकी छुट्टी कर दी जाएगी।

 

    डॉक्टर धीरज सोनी ने बताया की यह एक तरह का बहुत ही जटिल ऑपरेशन था मरीज की जान भी जा सकती थीए हमारी पूरी टीम ने पूरी सूझबूझ के साथ इस चुनौती को स्वीकार किया और हम सफल रहे। इस तरह का ऑपरेशन मेरठ में दूसरी बार हो रहा है। पहली बार भी इस तरह का ऑपरेशन मेडिकल कॉलेज मेरठ में सफलतापूर्वक ह्रदय रोग विभाग मेडिकल कॉलेज मेरठ में ही किया गया था।

 

मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ आर सी गुप्ता इस तरह के जटिल ऑपरेशन की सफलता पर हर्ष व्यक्त किया तथा डॉक्टर धीरज सोने उनकी पूरी टीम को बधाई दी।

लेखकः डॉ0 दिव्यांशु सेंगर, प्यारे लाल शर्मा जिला अस्पताल मेरठ, में मेडिकल ऑफिसर हैं।