जायद के मौसम में मूंगफली की खेती

                          जायद के मौसम में मूंगफली की खेती

                                                                                                                                                               डॉ0 आर. एस. सेंगर एवं डॉ0 वर्षा रानी

जायद की मूंगफली खरीफ की तुलना में अधिक उत्पादन देने की क्षमता रखती है क्योंकि उसे भरपूर प्रकाश तथा वातावरण मिलता है परंतु अब उसे लगाने का समय करीब-करीब समाप्त हो रहा है। जायद की मूंगफली पर विस्तार से सामग्री का प्रकाशन हो चुका है आपने पढ़ा भी होगा। फिर भी आपकी जिज्ञासा हेतु उत्पादन के प्रमुख बिन्दुओं का प्रकाशन किया जा रहा है। उन्नत जातियां जैसे डी. एच. 86. आर देनी चाहिए, तत्पश्चात इस मात्रा को प्रति एकड़ के हिसाब से दीमक प्रभावित क्षेत्र में बुवाई पूर्व इसका प्रयोग करें।

                                                                          

8808 प्रमुख हैं। बीज दर 90-100 किलो / है. की दर से डाला जाए। उर्वरकों में 40 किलो यूरिया, 250 किलो सिंगल सुपर फास्फेट तथा 60 किलो म्यूरेट ऑफ पोटाश है. इसके अलावा गोबर की खादू डालने से अतिरिक्त उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। बुआई का उचित समय फरवरी के आखिरी सप्ताह से मार्च का प्रथम सप्ताह। बीजोपचार 2 ग्राम थाइरम प्रति किलो बीज का करें। इसके अलावा राइजोबियम कल्चर 5 ग्राम/ किलो बीज द्वारा भी किया जाये। सिंचाई प्रत्येक सप्ताह में एक बार जरूरी है वो भी खरपतवार निकालने के बाद।

लेखकः प्रोफेसर आर. एस. सेंगर, निदेशक प्रशिक्षण, सेवायोजन एवं विभागाध्यक्ष प्लांट बायोटेक्नोलॉजी संभाग, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।