गेहूँ के सुरक्षित भंडारण के देशी उपाय

गेहूँ के सुरक्षित भंडारण के  देशी उपाय

डॉ0 आर. एस. सेंगर

गेहूँ के सुरक्षित भंडारण के लिए हमारे किसानों ने अपने स्तर पर नया तरीका

गेहूँ भण्ड़ारण के इस तरीके मे प्रत्येक सेक्शन में लाइफबॉय साबुन, अगरबत्ती, नीम की पत्तियाँ और कपूर रख देते है, वैसे माचिस की तिल्लियाँ और लौंग भी गेहूँ भण्ड़ारण के लिए कारगर उपाय मानी जाती है। ऐसा करने से गेहूँ में लगने वाले खपरा बीटल के कारण गेहूँ के दाने खराब होने से बच जाते है।

कृषि वैज्ञानिक गेहूँ का भण्ड़ारण करने के लिए निम्न सुझाव देते है-

1.  खपरा बीटल से गेहूं का बचाव सबसे पहले गेहूं को धूप में अच्छी तरह से सुखा लना चाहिए। ध्यान रहे कि गेहूं में 10 प्रतिशत से ज्यादा नमी न रहे।

2. जिस स्थान पर गेहूं का भंडारण करना है, उस स्थान को भी उपचारित करना ज़रूरी होता है। इसके लिए मैलाथियान के एक भाग को लगभग 100 भाग पानी में मिला लें और इसका गेहूँ पर अच्छी तरह से छिड़काव कर दें।

3. गेहूं भंडारण वाला स्थान पक्का बना होना चाहिए। गोदाम में दरारें या छेद हैं, तो उन्हें सीमेंट से बंद कर देना चाहिए।

गोदाम को सबसे पहले अच्छी तरह साफ कर लें।

4. इसको सल्फास या फॉसराक्सीन के धुआं से उपचारित कर सकते हैं। अनाज की बोरियों को सीधे जमीन पर ही नहीं रखना चाहिए।

5.  अनाज रखने का प्लेटफॉर्म जमीन से कम से कम 10 से 12 इंच ऊपर होना चाहिए। गोदाम में अनाज भरने से पहले गोदाम को अच्छी तरह से साफ-सफाई करने के बाद उसे कीटाणुओं से मुक्त कर लेना चाहिए।

 

लेखकः प्रोफेसर आर. एस. सेंगर, निदेशक प्रशिक्षण, सेवायोजन एवं विभागाध्यक्ष प्लांट बायोटेक्नोलॉजी संभाग, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।