हैल्थ पॉलिसी कब और कैसे लें

                                हैल्थ पॉलिसी कब और कैसे लें

                                                                                                                                                      प्रोफेसर आर. एस. सेंगर एवं सरिता सेंगर

हैल्थ पॉलिसी लेते समय किन बातों का ध्यान रखना सब से ज्यादा जरूरी होता है क्योंकि अधिकतर लोग हैल्थ पॉलिसी लेते समय कुछ जरूरी बातों को नजरअंदाज कर जाते हैं। इसके बारे में बात करे है हम आज की अपनी इस पोस्ट में-

हैल्थ इंश्योरैंस लेने से पहले अपनी जरूरतों को समझें

                                                                 

हैल्थ पॉलिसी लेते समय ध्यान रखने योग्य बातें

जब भी आप हैल्थ पॉलिसी लेने के बारे में विचार करें तो सबसे पहले अपने परिवार की जरूरतों को ध्यान में रखें। परिवार के सदस्यों की संख्या और उनकी आयु पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है। यदि आपकी यंग फैमिली है तो आप बेसिक 5 लाख वाली पॉलिसी खरीद सकते हैं, जिसके अन्तर्गत पैरेंट्स व 2 बच्चों का कवर होता हैं। इसका प्रीमियम ₹16,840 के आसपास रहता है।

इसके साथ कई कंपनियां अतिरिक्त 150 प्रतिशत का रीफिल अमाउंट भी प्रदान करती हैं जैसे कि यदि आप ने ₹5 लाख की पॉलिसी ली है तो आप इसके माध्यम से ₹7 लाख 50 हजार रूपये का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। लेकिन वहीं यदि परिवार में माता और पिता भी हैं तो बड़े फ्लोटर कवर वाली पॉलिसी लें, ताकि बड़ी बीमारी आने पर आप की जेब पर बोझ न पड़ें। यहां इस बात का भी ध्यान रखें कि आप जो भी पॉलिसी ले रहे हैं, उस का प्रीमियम अदा करने में आप सक्षम हों।

  1. क्लेम प्रोसैस आसान होना चाहिए

आप जब भी कोई हैल्थ पॉलिसी खरीदें तो क्लेम प्रोसैस के बारे जरूर जानकारी प्राप्त करें जैसे कि क्लेम को कितने घंटों में अप्रूवल मिल जाता है, इस पॉलिसी के पैनल में कितने हॉस्पिटल आते हैं और अगर पैनल के बाहर के हौस्पिटल में ट्रीटमैंट कराना पड़ता है तो रीइंबर्स कितने दिनों में हो जाता है। यह सारी जानकारी उन की साइट्स पर जा कर भी प्राप्त कर सकते हैं। आमतौर पर क्लेम को 3 से 9 घंटों में अप्रूवल मिल जाता है और लगभग 20 से 25 दिनों में रीइंबर्स आ जाता है। इसलिए आसान क्लेम प्रोसैस वाली पॉलिसी का चयन करने में ही समझदारी होती है।

क्या जानना जरूरी

पूछें कि क्या डे वन से ऐक्सिडेंटल डैमेज कवर होगा या नहीं, सीजनल बीमारियां इसमें कब से कवर होंगी, पॉलिसी लेने के कितने दिनों बाद गंभीर बीमारियां कवर होंगी. कुछ कंपनियां शुरुआत से ही प्लान्ड सर्जरी जैसे स्टोन, गालब्लैडर आदि को इसमें शामिल करती हैं। अतः इस बात की पूरी जानकारी पहले ही प्राप्त कर लेनी चाहिए।

लाइफटाइम रिनूअल

इस सम्बन्ध में आप एक ऐसी हैल्थ पॉलिसी लें, जो लाइफटाइम रिनूअल की सुविधा प्रदान करती हो, क्योंकि यह किसी को नहीं पता होता कि वह कब बीमार पड़ जाए, ऐसे में सही पॉलिसी का चयन जीवनभर सुरक्षा प्रदान करता है।

फ्री मैडिकल चौकअप की सुविधा

                                                     

आपको ऐसी पॉलिसी लेनी चाहिए, जिस में फ्री मैडिकल चैकअप की सुविधा उपलब्ध हो। कुछ कंपनियों के अपने ’डायग्नोस्टिक सेंटर्स एवं पैनल हॉस्पिटल होते हैं, उन्हीं में चैकअप कराया जाता है, तो कुछ कंपनियां यह सुविधा भी देती हैं कि आप पैनल के बाहर से टेस्ट करा कर रीइंबर्स करा सकते हैं।

प्री ऐंड पोस्ट हॉस्पिटलाइजेशन

ऑपरेशन करवाने से पहले व बाद में डाक्टर को दिखाने एवं टैस्ट कराने के नाम पर ही ढेरों रुपए खर्च हो जाते हैं। ऐसे में पॉलिसी लेते समय यह जरूर पूछ लें कि इस में प्री ऐंड पोस्ट हॉस्पिटलाइजेशन की सुविधा है या नही।. इस से आप को लाइफटाइम की सुविधा रहेगी। कंपनी की शर्तों के बंधन में न बंधे

कुछ कंपनियों की पॉलिसी में यह स्पष्ट होता है कि आप को हॉस्पिटल में भरती होने पर रूम का किराया तय रुपयों से ज्यादा नहीं मिलेगा। अगर पॉलिसी में ऐसी कोई शर्त है तो ऐसी पॉलिसी को न लें, क्योंकि आप को नहीं पता कि किस बीमारी की स्थिति में आप को उस के लिए कितना देना पड़ेगा।

पुरानी बीमारियों को न छिपाएं

हैल्थ बीमा प्रदान करने वाली कंपनियां चाहती हैं कि उसे कस्टमर्स की ओर से बीमारियों व हैबिट्स के बारे में प्रत्येक बात स्पष्ट हो, जैसे उनका लाइफस्टाइल कैसा है, मैडिकल हिस्ट्री आदि। जिससे कि कंपनी को आप को बीमा राशि देने में कोई दिक्कत न आए। इसलिए आप अपनी बीमारी एवं अपन हैबिट्स के बारे में कंपनी को सही जानकारी दें, इसके लिए भले ही आपको थोड़ा ज्यादा प्रीमियम ही क्यों न देना पड़े।

महिलाओं के लिए पॉलिसी की जरूरत ज्यादातर घरों में

                                                                        

गृहिणियां ही गृहस्थी चलाने के लिए घर खर्च का हिसाब रखती हैं, ऐसे में घर के किसी सदस्य को अचानक कोई बीमारी घेर ले या फिर वे खुद गर्भवती हो जाएं तो घर का सारा बजट गड़बड़ा जाना स्वाभाविक ही है।

ऐसे में हैल्थ इंश्योरेंस बेहद काम आता है. हाल ही में एक सर्वे में यह बात सामने आई है कि ज्यादातर भारतीय गृहिणियां अपना रैग्युलर हैल्थ चौकअप नहीं करातीं, जिस की वजह से उन की छोटी से छोटी हैल्थ प्रॉब्लम्स बड़ा रूप ले लेती हैं और फिर हौस्पिटल जाने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचता। ब्रैस्ट कैंसर, यूटरस कैंसर इत्यादि महिलाओं में आम समस्याएं होती हैं। हैल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी मैटरनल हैल्थ के साथसाथ इन सभी समस्याओं के इलाज पर होने वाले खर्च को भी कवर करती है।

वर्तमान समय में भविष्य और कैरियर के प्रति महिलाओं में सजगता काफी बढ़ी है। कामकाजी महिलाएं निवेश और अलग अलग तरह की इंश्योरेंस पॉलिसियों की जरूरत को समझते हुए समय रहते जरूरी कदम भी उठा रही हैं। गृहिणियों को भी इंश्योरेंस पॉलिसी के महत्त्व को समझना चाहिए खासतौर पर हैल्थ पॉलिशीज के बारे में।

महिलाओं के लिए हैल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के मुख्य लाभः

                                                                    

आर्थिक मजबूतीः बीमारी पर होने वाला खर्च जब बचेगा तो यह स्वाभाविक है कि आप का बजट भी मजबूत ही रहेगा, जिस से आप अपने परिवार और बच्चों के साथ ही साथ स्वयं के लिए भी अच्छा भविष्य प्लान कर पाएंगी।

क्रिटिकल इलनैसः बदलती जीवनशैली से सब से ज्यादा महिलाएं प्रभावित हो रही हैं। ब्रैस्ट कैंसर, ओवेरियन कैंसर और वैजाइनल कैंसर इत्यादि समस्याएं दिन प्रति दिन बढ़ती ही जा रही हैं। इन के इलाज पर एक बड़ी रकम खर्च करनी पड़ती है। हैल्थ इंश्योरेंस ऐसे समय में आप का आर्थिक आधार बन आप के बोझ को कम करता है।

मैटरनिटी पर होने वाला खर्चः यह जीवनशैली के बदलाव का ही नतीजा है कि आजकल मैटरनिटी पर होने वाला खर्च भी काफी बढ़ गया है। डिलिवरी के पहले और बाद में मां को काफी शारीरिक बदलावों से गुजरना पड़ता है। ऐसे में हॉस्पिटल में ऐडमिट होने के अलावा डिलिवरी से पहले और बाद में खर्चों का बिल काफी ज्यादा हो जाता है, जो कि मध्यमवर्ग के परिवार का बजट बिगाड़ने के लिए काफी होता है। ऐसे में हैल्थ इंश्योरेंस लेते समय मैटरनिटी कवर के बारे में भी पूरी जानकारी लें, ताकि मां बनने के एहसास आप खुल कर जी सकें।

टैक्स बैनिफिट्सः यदि आप एक कामकाजी महिला हैं तो हैल्थ इंश्योरेंस के टैक्स बैनिफिट्स आप को मिलेंगे और यदि आप एक गृहिणी हैं तो आप के पति को। इसलिए यदि आप हैल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेती हैं तो अपने बजट को बेहतर तरह से मैनेज करने में आप को सहायता मिलेगी। इसलिए इंश्योरेंस पॉलिसी सोच समझ कर और अपनी जरूरतों को ध्यान में रख कर ही लेना चाहिए।

पॉलिसी लेते समय तुलना जरूर करें

हैल्थ इंश्योरेंस चुनने से पहले आप 3-4 कंपनियों के प्लान्स चैक अवश्य ही कर करें. इस से आप को पता चल जाएगा कि किस प्लान में क्या सुविधा मिल रही है और क्या नहीं। ऐसे में ध्यान रखें जिस प्लान में बहुत ज्यादा शर्तें हों उसे खरीदने से बचें। हैल्थ पॉलिसी के हर क्लॉज पर बारीकी से नजर डालें।

लेखकः प्रोफेसर आर. एस. सेंगर, निदेशक प्रशिक्षण, सेवायोजन एवं विभागाध्यक्ष प्लांट बायोटेक्नोलॉजी संभाग, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।