अवसाद/तनाव का होम्योपैथिक उपचार

                         अवसाद/तनाव का होम्योपैथिक उपचार

                                                                                                                                                                     डॉ0 राजीव सिंह एवं मुकेश शर्मा

तनाव और अवसाद की समस्या आजकल एक आम बात हो गई है और अब यह बच्चों में भी दिखाई देने वाली समस्या बन चुकी है। जरूरत से ज्यादा काम और आगे बढ़ने की ललक में लोग इतना तनाव में रहने लगे हैं कि यह समस्या बीमारी का रूप ग्रहण कर रही है। जब इस बीमारी से रोजमर्रा के काम में बाधा पहुंचने लगे तो जरूरी है कि इस समस्या का सही ढ़ंग से उपचार कराया जाए।

                                                                       

तनाव की समस्या होने पर नींद कम आना, सांस फूलना, भूख कम लगना जैसी समस्याएं भी होने लगती है। ऐसे में तुरंत ही किसी मनोचिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए। लेकिन अगर आप किसी मनोचिकित्सक के पास नहीं जाना चाहते हैं, तो होम्योपैथी चिकित्सा पद्वति में इसका पूरा उपचार संभव है। आज के अपने इस लेख में हम कुछ होम्योपैथिक दवाओं के बारे में जानकारी दे रहें हैं जो कि तनाव/अवसाद आदि का प्रबन्णन करने में महत्वपूर्ण कार्य करती है-

होम्योपैथी पद्वति से है इसका उपचार संभव

होम्योपैथी चिकित्सा पद्वति के माध्यम से मानव शरीर में लगने वाली विभिन्न बीमारियों का प्रभावी उपचार संभव है। अगर किसी व्यक्ति को तनाव और अवसाद की समस्या हो रही है तो उसे होम्योपैथी से राहत मिल सकती है। तनाव के दौरान उत्पन्न होने वाले अलग-अलग लक्षणों के लिए अलग दवाईयां निर्धारित की गई हैं। तो आइए जाने ऐसी कौन-कौन सी दवाईयां है जिसका सेवन करने  से प्रभावित व्यक्ति को लाभ मिल सकता है।

                                                                   

एकोनाइट

एकोनाइट होम्योपैथी की प्रमुख दवाओं में से एक है । इस दवा का उपयोग तनाव या अवसाद की वजह से होने वाले अचानक पड़ने वाले दौरे के लिए किया जाता है।

अर्जेंटम नाइट्रीकम

जब अवसाद से घिरे किसी व्यक्ति को ऊंचाई से डर लगता है या फिर रोज के कार्यों को सम्पन्न करने के दौरान उसे दिक्कतों का सामना करना पड़ता है तो ऐसे में होम्योपैथी में एक बहुत ही कारगर दवा है अर्जेंटम नाइट्रीसियम। कुछ समय तक लगातार इस दवा का सेवन करने से मरीज को आराम मिलता है।

आर्सेनिक एल्बम

                                                                

तनाव होने या अवसाद से घिरे इंसान को अलग-अलग तरह की परेशानियों का अनुभव भी हो सकता है। जैसे अगर रोगी अकेलेपन से डरता है या उसे लगता है कि वो कुछ भी काम ठीक ढ़ंग से नहीं कर सकता है तो उसे आर्सेनिक एल्बम की खुराक देनी चाहिए। इससे रोगी को अपेक्षित आराम मिलेगा।

जेल्सीमियम

होम्योपैथ में एक दवा होती है जेल्सीमियम। इस दवा का सेवन उन मरीजों को करना चाहिए जिनको अपनी कमियों की वजह से तनाव हो जाता है और वह अपने आपको डरपोक समझने लगता हैं। इस स्थिित के लिए जेल्सीमियम एक बहुत ही कारगर दवाई है।

क्या कहते है शोध परिणाम

हालांकि विभिन्न शोधों का दावा है कि होम्योपैथी पद्वति से तनाव या अवसाद जैसी समस्या से राहत नहीं मिलती। लेकिन होम्योपैथी के एक जर्नल में छपे शोध में ये दावा किया गया था कि चूहों पर किए प्रयोग में पल्सेटिला नामक दवा का असर तनाव को कम करने में मददगार रहा था। इन दवाओं का असर भले ही जानवरों पर सटीक बैठ रहा हो, लेकिन इंसानों के लिए इसे सही कहा जा सकता है या नही अभी तक स्पष्ट नही है।

डॉक्टर्स कहिन

                                                                  

डॉक्टरों का दावा है कि तनाव या अवसाद जैसी गंभीर बीमारी में हमेशा होम्योपैथी असरकारक हो यह कोई जरूरी नहीं है। अगर किसी मरीज को थोड़ा बहुत तनाव या स्ट्रेस है तो इसमें होम्योपैथी का प्रयोग किया जा सकता है। वैसे भी इन दवाओं का कोई साइड इफ्ेक्ट भी नही होता है।

लेखक: मुकेश शर्मा होम्योपैथी के एक अच्छे जानकार हैं जो पिछले लगभग 25 वर्षों से इस क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं। होम्योपैथी के उपचार के दौरान रोग के कारणों को दूर कर रोगी को ठीक किया जाता है। इसलिए होम्योपैथी में प्रत्येक रोगी की दवाए दवा की पोटेंसी तथा उसकी डोज आदि का निर्धारण रोगी की शारीरिक और उसकी मानसिक अवस्था के अनुसार अलग.अलग होती है। अतः बिना किसी होम्योपैथी के एक्सपर्ट की सलाह के बिना किसी भी दवा सेवन कदापि न करें।

डिसक्लेमरः प्रस्तुत लेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के अपने हैं।