अपनी रीढ़ की हड्डी को सुरक्षित बनाए रखने के उपाय

                                   अपनी रीढ़ की हड्डी को सुरक्षित बनाए रखने के उपाय

                                                                                                                                                        डॉक्टर दिव्यांशु सेंगर एवं मुकेश शर्मा

इस भाग दौड़ भरी जिंदगी और गलत लाइफस्टाइल के कारण आजकल युवाओं में भी बैक पेन की समस्या बहुत अधिक बढ़ रही है। ऑफिस में लंबे समय तक एक ही अवस्था में बैठे रहने और घर में सफाई करते समय चीजों को गलत तरीके से उठाने जैसे कई कारणों के चलते हमारी रीढ़ की हड्डी भी प्रभावित हो जाती है। ऐसे में स्पाइनल कॉर्ड और स्लिप डिस्क आदि की समस्या होना काफी आम हो गया है।

                                                                     

मुख्य तौर पर तीन प्रकार की मांसपेशियां हमारी रीढ़ की हड्ड़ी को सपोर्ट करती हैं, जिसमें पहली एक्सटेंशन मांसपेशी होती है, जो खड़े होने में हमारी मदद करती है। दूसरी होती है फ्लैक्सर मांसपेशी जो हमारे कूल्हे को मोड़ने का काम करती है और तीसरी होती है पब्लिक या रोटेटर मांसपेशी जो पेट की मांसपेशियों पर पकड़ बनाने का कार्य करती है। इन सभी का सही से काम करना बहुत जरूरी होता है और यदि इनमें से किसी एक में भी कोई समस्या होती है तो इससे हमको परेशानी हो सकती है।

क्या हो सकते हैं कारण

कमर दर्द का सबसे आम कारण है रीढ़ की मांसपेशियों में खिंचाव होना या मोच का आ जाना, जो कि कुछ लोगों में आनुवांशिक रूप से भी स्थानांतरित होता है। वहीं बहुत देर तक बैठे रहने, गलत तरीके से सोने और हील एवं गलत आकर के जूते पहनने के कारण से भी रीढ़ की हड्डी प्रभावित हो सकती है। कई बार चोट लगने पर भी स्पाइनल की समस्या होती है। इसके अलावा वजन बढ़ना, शरीर में विटामिन और कैल्शियम की कमी भी आपकी रीढ़ की हड्डी को नुकसान पहुंचा सकती है।

कैसे पहचाने कि आपकी रीढ़ की हड्डियां में है समस्या-

                                                                     

इसके मुख्य लक्षणों में मांसपेशियों में ऐंठन, खिंचाव, पीठ के निचले हिस्से में दर्द एवं जकड़न का होना और रात के समय अत्यधिक दर्द महसूस करना आदि शामिल होते है। इसके साथ ही जब आपको यह समस्या होने लगती है तो आपकी पीठ का यह दर्द कूल्हे तक फैल जाता है और आपके पैर सुन्न होने लगते हैं। ऐसा लगता है कि आप इसकी वजह से चल पाने भी परेशानी होती है और व्यायाम करने पर आपका यह दर्द अधिक बढ़ जाता है।

कैसे पाएं इस समस्या से निदान

रीढ़ की हड्डी में हल्का या तेज दर्द होने पर आप नरम या ठोस बिस्तर पर नही सोना चाहिए, क्योंकि इसकी वजह से ही लोगों में यह समस्या काफी बढ़ जाती है। इसके साथ ही नशीले पदार्थों का सेवन करने से भी रीढ़ की हड्डी में होने वाले रक्त का प्रवाह कम हो जाता है। ऐसे में रीढ़ के निचले हिस्से को पर्याप्त मात्रा में पोषण नहीं मिल पाता है। अतः हमे अपने खानपान का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

किन बातों का रखें ध्यान

                                            

अगर आपको पेट के बल सोने की आदत है तो इस आदत को तुरंत बदलें। स्ट्रेचिंग करें, योग एवं व्यायाम आदि फिजिकल एक्टीविटीज को पर्याप्त समय दें, एक्सरसाइज करने से रीढ़ की हड्डी को मजबूत होने में मदद मिलती है। देर तक बैठने से बचें और झुककर ना बैठे। अगर आपको लंबे समय तक एक जगह पर बैठे रहना पड़ता है तो पीठ के पीछे तकिया का उपयोग करें।

लोअर बैक पेन की समस्या के पीछे और भी कई कारण हो सकते हैं जैसे कि वजन बढ़ना, फिजिकल एक्टिविटी कम करना, लंबे समय तक बैठना और बैठने के पोस्चर का सही ना होना आदि। रीढ़ की हड्डी की समस्या महिलाओं को अक्सर अधिक होती है क्योंकि वह कई कामों को काफी लापरवाही से करती हैं।

आजकल इस समस्या के कारण प्रतिदिन सिर्फ डिस्क स्लिप की सर्जरी काफी तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में आपको अपना ध्यान खुद रखने की जरूरत है। इसके अन्तर्गत अपने वजन को नियंत्रित रखना, उठते बैठते समय अपने सही कोण पर ध्यान देना, विटामिन और कैल्शियम की कमी को पूरा करना और ज्यादा देर चलने एवं झुक कर बैठने से बचना चाहिए।

यदि आप इन बातों का ख्याल रखेंगे और अपने रोजमर्रा के जीवन में शरीर की हड्डी पर ध्यान देंगे तो आप डिस्क स्लिप तथा रीढ़ की हड्डी में होने वाले नुकसान आदि से बचे रहेंगे।

यदि आपकी रीढ़ की हड्डी मजबूत रहेगी तो आप अपने जीवन के रोजमर्रा के काम आसानी से कर सकेंगे, क्योंकि रीढ़ की हड्डी शरीर की सबसे जरूरी अंगों में से एक है। इसलिए इसको ठीक रखना और इस पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती ही है। मरीज की शारीरिक क्षमता कम होने से वह बहुत कमजोर हो जाता है।

लेखकः डॉ0 दिव्यांशु सेंगर, प्यारे लाल शर्मा जिला अस्पताल मेरठ के मेडिकल ऑफिसर हैं।