मौसम बदल रहा है रहे सावधान गले में खराश के साथ हो सकता है बुखार

मौसम बदल रहा है रहे सावधान गले में खराश के साथ हो सकता है बुखार

                                                                                                                                                                डॉ0 दिव्यांशु सेंगर एवं मुकेश शर्मा

मौसम में बदलाव के चलते लगभग प्रत्येक घर में बुखार और खांसी के रूप में इन्फ्लूएंजा नामक वायरस ने दस्तक दे दी है। इसका समय पर बेहतर तरीके से इलाज न करने और लापरवाही के बढ़ने पर बुखार का सीधा प्रभाव दिमाग पर पड़ रहा है। मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल की ओपीडी में हर दिन बड़ी संख्या में गले में खराश, बुखार और गर्दन में दर्द के मरीज आ रहे हैं, इसके अलावा 8 से 10 मरीज दिमागी बुखार से भी ग्रस्त यहां पहुंच रहे हैं, यह एक चिंता का विषय है।

                                                                        

इसके अलावा निजी डॉक्टर के क्लीनिक्स पर भी आने वाले अधिकतर मरीज तेज बुखार खांसी और गले की खराब से परेशान बताए जा रहे है। डॉक्टर इसके लिए मुख्य रूप से इन्फ्लूएंजा वायरस को ही जिम्मेदार मान रहे हैं। इस वायरस के कारण, पहले मरीज को तेज बुखार आता है और फिर पेट में दर्द एवं लूज मोशन आदि की समस्या भी होने लगती है। आजकल मौसम बदल रहा है, अतः आप सावधान रहें गले में खराश के साथ भी हो सकता है बुखार।

मरीज की शारीरिक रोग प्रतिरोधक क्षमता के कम होने से वह बहुत कमजोर हो जाता है और इसमें लापरवाही बरतने पर यह बुखार सीधा दिमाग पर अटैक कर रहा है। ऐसे में डॉक्टर भी सामान्य जांच के साथ ही कई मरीजों के सीने का एक्सरे भी करा रहे हैं, परन्तु अधिकतर मरीजों की रिपोर्ट सामान्य ही मिल रही है। कई मरीजों को सांस लेने में परेशानी होने पर उन्हें नेबुलाइजर करने के साथ ही ऑक्सीजन तक देने की जरूरत तक पड़ जाती है।

इस मौसम में इन बातों का रखें ख्याल

  • बुखार आने पर बेहतर व समय पर इसका उचित उपचार कराये।
  • किसी बीमार व्यक्ति से दूरी बनाकर ही रखे।
  • भीड़भााड़ वाले स्थान में जाने से बचें यदि किसी कारणवश जाना ही पड़ता है ऐसे में तो मास्क लगा कर ही घर से बाहर जाएं।
  • बिना डॉक्टर की सलाह लिए किसी भी प्रकार की दवा का सेवन कदापि न करें।
  • शारीरिक क्षमता को बढ़ाने के लिए नित्यपगति पौष्टिक आहार लेते रहें।
  • विटामिन सी से युक्त फलों का सेवन अधिक मात्रा में करें।

                                                   

जिला अस्पताल मेरठ के मेडिकल आफिसर डॉ दिव्यांशु सेंगर ने बताया कि इन्फ्लूएंजा वायरस के कारण इस मौसम में मरीजों की संख्या काफी बड़ी है तो वहीं लापरवाही बरतने पर यह बुखार मरीज के दिमाग तक भी पहुंच रहा है। बच्चों के चपेट में आने पर बच्चों में निमोनिया होने का खतरा बढ़ जाता है।

बुखार ठीक होने में लगभग 4 से 5 दिन का समय लग जाता है। इस समय वातावरण में कई तरह के वायरस मौजूद होते हैं और एक बार संक्रमण होने के बाद उसे ठीक होने में समय लगता है। इस समस्या से बचने के लिए मास्क लगाए और किसी बीमार व्यक्ति के सर्म्पक में आने से बचें। जिन लोगों को खांसी आ रही है, ऐसे मरीजों से उचित दूरी बनाकर रखें और जिन मरीजों को खांसी आती है वह अपने मुंह पर मास्क लगाकर रखें, जिससे दूसरे लोगों तक इन्फेक्शन ना पहुंच सके। यदि मौसम के इस कुप्रभाव से बचाना है तो सभी लोगों को अपने अपने स्तर पर सावधानी तो बरतनी ही होगी।

लेखकः डॉ0 दिव्यांशु सेंगर, प्यारे लाल शर्मा जिला अस्पताल मेरठ में मेडिकल आफिसर हैं।