पैर के तलवों में जलन एवं बेचैनी के उपचार के लिए प्रभावी होम्योपैथिक दवाएं

पैर के तलवों में जलन एवं बेचैनी के उपचार के लिए प्रभावी होम्योपैथिक दवाएं

डॉ0 राजीव सिंह एवं मुकेश शर्मा

होम्योपैथिक दवाएं

                                                          

सल्फर- यदि मरीज पैरों को कपड़े से ढककर नही रख सकता यानि कि कपड़ा ढकने से मरीज की परेशानी अधक पढ़ जाती है तो इस स्थिति की सबसे अच्छी दवा सल्फर-30 है। आप सल्फर-30 को दिन में तीन बार ले सकते हैं। यह दवाई आपके पैरों की जलन को शांत कर आपकी अच्छी नींद को भी बहाल करेगी। यह दवाई पैरों में होने वाली बेचैनी का भी बहुत अच्छा प्रबन्ध करती है।

फॉस्फोरस-30:- डायबिटीज के कारण पैरों में होने वाली विभिन्न समस्याओं में फॉस्फोरस बहुत अच्छा कार्य करती है। जब आपके पैरों में बहुत अधिक जलन हो और आप इसके कारण ठीक से सो नही पा रहे हैं तो इस स्थिाति में आप फॉस्फोरस-30 का दिन में तीन बार सेवन कर अपनी इस समस्या से राहत पा सकते हैं।  

                                                                     

आर्सेनिक एल्बम- आर्सेनिक एल्बम के मरीज के पैर बाहर से तो ठण्ड़े रहते है, परन्तु अन्दर बहुत ज्यादा बर्निंग सेंशेसन होती है और मरीज का सिर भी गर्म रहता है। यह पेरशानी रात में बढ़ जाती है। मरीज इसके कारण सो भी नही पाता है तो आप इस स्थिति में आर्सेनिक एल्बम-30 दिन में तीन बार ले सकते हैं।

कैली फॉस- कैली फॉस का मरीज पैरों में जलन के चलते सो नही पाता है और उसे पैरों में झुरझुरी सी महसूस होती है। यह आपके नर्व डैमेज की ओर सकेत करता है तो आप इस स्थिति को ठीक करने के लिए कैली फॉस-6 एक्स ले सकते हैं। यह दवाई आपक पैरों की जलन को शांतकर आपके नर्व डैमेज को भी ठीक करेगी।

मेडोरीनम- मेडोरीनम का मरीज हर समय अपने पैरों में जलन महसूस करता है और वह पैरो पर पंखा चलाना चाहता है, यह दवाई मरीज को 200 या 1 एम पोटेंसी में ही दी जानी चाहिए।

साईलीशिया- एथलीट फूट की समस्या में सीलिशिया दवाई बहुत अच्छा काम करती है। मरीज जब अपने शूज उतारता है तो उसके पैरों में बहुत अधिक स्मेल (बदबू) रहती है। इस दवा के मरीज में पसीने के साथ जलन ज्यादा होती है।

पल्सेटिला नाइग्रा- जब मरीज के पैरों के ऊपरी भाग अर्थात तलवों के उपरी हिस्से में जलन होने समस्या के लिए बहुत ही कारगर दवा होती है। होम्योपैथिक की इस दवा का उपयोग पैर के तलवों की जलन में नही बल्कि तलवे के ऊपरी हिस्से में जलन होने पर उपयोग किया जाता है और यह बहुत ही उम्दा रिजल्ट्स देती है।

अन्य सहायक क्रियाएं-

  • पैरों के नीचे तकिया लगाएं।
  • पैर हमेशा धोकर ही सोना चाहिए। 

लेखक: मुकेश शर्मा होम्योपैथी के एक अच्छे जानकार हैं जो पिछले लगभग 25 वर्षों से इस क्षेत्र में कार्य कर रहे हे। होम्योपैथी के उपचार के दौरान रोग के कारणों को दूर कर रोगी को ठीक किया जाता है। इसलिए होम्योपैथी में प्रत्येक रोगी की दवाए दवा की पोटेंसी तथा उसकी डोज आदि का निर्धारण रोगी की शारीरिक और उसकी मानसिक अवस्था के अनुसार अलग.अलग होती है। अतः बिना किसी होम्योपैथी के एक्सपर्ट की सलाह के बिना किसी भी दवा सेवन कदापि न करें।

डिसक्लेमरः प्रस्तुत लेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के अपने हैं।