अब पीएचडी में प्रवेश नेट परसेंटाइल के स्कोर पर निर्धारित होगा, नया नियम शैक्षणिक सत्र 2024-25 से लागू होगा

अब पीएचडी में प्रवेश नेट परसेंटाइल के स्कोर पर निर्धारित होगा, नया नियम शैक्षणिक सत्र 2024-25 से लागू होगा

                                                                                                                                                                              डॉ0 आर. एस. सेंगर

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के नए नियमों के अनुसार, अब पीएचडी में प्रवेश यूजीसी नेट परीक्षा के स्कोर अर्थात परसेंटाइल के आधार पर किया जाएगा। अभी तक असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर भर्ती और जूनियर रिसर्च फैलोशिप हेतु यूजीसी नेट परीक्षा आयोजित की जाती थी, जबकि पूर्व में दाखिले के लिए विभिन्न विश्वविद्यालय द्वारा प्रवेश परीक्षा ली जाती थी। इन्हीं जटिलताओं के दृष्टिगत यूजीसी ने शोध से जुड़ी समस्त गतिविधियों को एक प्लेटफार्म पर लाने और छात्रों पर पड़ने वाले वित्तीय भार को कम करने के लिए नेट परीक्षा के स्कोर के आधार पर पीएचडी में प्रवेश देने का निर्णय लिया है।

नया नियम क्या है

नए नियमों के तहत अब नेट क्वालीफाई छात्र पीएचडी में आसानी से दाखिला ले सकते हैं। छात्रों को वर्ष 2024-25 से पीएचडी में दाखिले के लिए नेट परीक्षा देना अनिवार्य है। बता दें यह नियम जून 2024 में होने वाली नेट परीक्षा से लागू होगा।

पात्रता की तीन श्रेणियां

यूजीसी नेट परीक्षा में नए नियमों के अनुसार जून 2024 से यूजीसी नेट योग्य उम्मीदवारों की पात्रता तीन कैटेगरीज में विभाजित की गई है।

  • पहली क्रांतिकारी के अंतर्गत उच्चतम नेट स्कोर प्राप्त करने वाले छात्र एचडी, सीआरएफ और असिस्टेंट प्रोफेसर तीनों के लिए योग्य पात्र होंगे और उन्हें पीएचडी के दाखिले के लिए केवल इंटरव्यू ही देना होगा।
  • दूसरी कैटेगरी में उच्चतम परसेंटाइल वाले छात्र, सीआरएफ के बिना पीएचडी में प्रवेश और सहायक प्रोफेसर के रूप में नियुक्त के पात्र होंगे।
  • तीसरी कैटेगरी में छात्र केवल पीएचडी में एडमिशन के पात्र होंगे। यह छात्र सीआरएफ या असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में नियुक्त के पात्र नहीं होंगे।

कैसे मिलेगा अंको का वेटेज

क्रांतिकारी दो और तीन में नेट परीक्षा उत्पन्न करने वाले उम्मीदवारों को पीएचडी प्रोग्राम में दाखिले के लिए नेट स्कोर का वेटेज 70 प्रतिशत और इंटरव्यू के लिए 30 प्रतिशत का वेटेज तय किया गया है। इन दोनों को जोड़कर मेरिट के आधार पर विश्वविद्यालय द्वारा एडमिशन लिया जाएगा। क्रांतिकारी दो और तीन के लिए नेट स्कोर 1 साल के लिए ही मान्य होगा और 1 वर्ष के बाद छात्र इसके लिए अयोग्य हो जाएगा और यदि उसे पीएचडी में एडमिशन लेना है तो उसे पुनः नेट परीक्षा देनी होगी तभी वह उसके लिए एलिजिबल हो सकेगा।

पात्रता एवं पाठ्यक्रम क्या होगी

यूजीसी नेट परीक्षा में आवेदन करने के लिए अभ्यर्थियों को स्नातकोत्तर या समकक्ष योग्यता में न्यूनतम 55 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। नेट परीक्षा का पाठ्यक्रम पीजी स्तर का ही होता है, लेकिन विभिन्न विश्वविद्यालय में अलग-अलग पाठ्यक्रम होने के कारण यूजीसी ने समानता के लिए प्रत्येक विषय का पाठ्यक्रम निर्धारित किया है।

कृषि विश्वविद्यालयों में अभी यह नियम नहीं है लागू

देश में स्थित विभिन्न कृषि विश्वविद्यालयों में आईसीआई द्वारा नेट की अलग से परीक्षा कराई जाती है, जिसके आधार पर छात्रों को फैलोशिप मिलती है और वह पीएचडी में दाखिला भी ले सकते हैं। इसके अलावा विभिन्न विश्वविद्यालयों के द्वारा अपने स्तर पर तथा प्रदेश स्तर पर भी प्रवेश परीक्षाओं का आयोजन किया जाता है। इसलिए कृषि विश्वविद्यालय में पीएचडी में दाखिला लेने वाले छात्रों के लिए अभी यह नियम लागू नहीं हो सका है, क्योंकि इसके लिए भारतीय   कृषि अनुसंधान परिषद अलग से निर्णय लेगी और उसके उपरांत ही कृषि विश्वविद्यालय में नई शिक्षा नीति के अनुसार निर्णय किया जा सकेगा।

करियर की राह कैसी होगी

भारत शोध के क्षेत्र में चीन, अमेरिका और यूके के बाद चौथे स्थान पर आता है। पीएचडी करने के बाद छात्र विभिन्न कॉलेजों में प्रोफेसर, कंसलटेंट, विभिन्न सरकारी एवं कारपोरेट क्षेत्र, बैंकिंग और फाइनेंस व्यापार आदि के क्षेत्र में अपना करियर बना सकते हैं।

लेखकः प्रोफेसर आर. एस. सेंगर, निदेशक प्रशिक्षण, सेवायोजन एवं विभागाध्यक्ष प्लांट बायोटेक्नोलॉजी संभाग, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।