भीषण गर्मी का भी अधिक प्रभाव नही पड़ेगा आम के उत्पादन पर

       भीषण गर्मी का भी अधिक प्रभाव नही पड़ेगा आम के उत्पादन पर

आईसीएआर-सीआईएसएच के निदेशक के अनुसार इस वर्ष आम का उत्पाउन बढ़कर लगभग 24 मिलियन टन होने की सम्भावना है।

हाल ही में मौसम विभाग के द्वारा अप्रैल से लेकर जून तक पूरे देश में भीषण गर्मी पड़ने और लू चलने की सम्भावना जारी गयी है, लेकिन देश के आम उत्पादन पर इसका कोई खास असर पड़ने की सम्भावनाएं बेहद क्षीण हैं। आईसीएआर-केन्द्रीय उपोष्ण कटिबन्धीय बागवानी संस्थान के निदंशक टी दामोदरन ने सम्भावना व्यक्त करते हुए कहा कि इस बार आम के उत्पादन में 14 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी होगी, जिससे आम का उत्पादन बढ़कर तकरीबन 24 मिलियन टन तक हो सकता है।

                                                                               

दरअसल, आईएमडी ने भीषण गर्मी के बीच 10 से 20 दिनों के तक हीटवेव की भविष्यवाणी भी की है। इसका प्रभाव दक्षिण प्रायद्वीप के अधिकतर भागों, मध्य भारत, पूर्वी भारत और उत्तर-पशिचमी भारत के मैदानी क्षेत्रों में होने की सम्भावना है। दामोदरन ने कहा कि जलवायु का प्रभाव आम के बौर के आने और फल लगने में विशेष होता है। इस प्रकार से देखा जाए तो इस वर्ष में अभी तक मौसम काफी अनुकूल होने के चलते आम की फसल के लिए अभी काफी अच्छी सम्भावनाएं विद्यमान हैं। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष 21 टन के मुकाबले इस बार फसल वर्ष 2023-24 (जून से जुलाई) के दौरान आम का उत्पादन बढ़कर 24 मिलियन टन के स्तर तक जा सकता है।

देश में आम को फलों के राजा के विश्लेषण से नवाजा जाता है। पूरे देश के कुल आम उत्पादन का लगभग 70 प्रतिशत भाग 06 राज्य करते हैं।

समय के साथ ही आने लगा बौर

                                                          

आईसीएआर-सीआईएसएच के निदेशक दामोदरन के अनुसार, आम में फूल आने की प्रँिया फल लगने का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। अभी तक मौसम अधिक गर्म नही रहा है, जिससे आम के पेड़ों पर आने वाले फल जल नही पाया है और इसी के साथ ही इसका परागण भी सामान्य ही रहा है और अब समय के साथ ही अब इसमें बौर भी आने लगा है। दामोदरन ने बताया कि सामान्य गर्मी की यह लहरें आम की पैदावार को प्रभावित नही करती हैं, बल्कि इससे अप्रत्यक्ष रूप से फसल को बढ़ावा ही मिलता है।

इस वर्ष दक्षिण भारत में आम के अधिक उत्पादन की सम्भावना

इस वर्ष दक्षिण भारत में बंपर उत्पादन होने की सम्भावना है, जो देश के कुल आम उत्पादन का 50 प्रतिशत भाग पैदा करता है। वर्ष 2022-23 में मौसम की गड़बड़ियों के चलते दक्षिण भारत के राज्यों में आम के उत्पादन में 15 प्रतिशत की कमी देखी गई थी, जबकि दामोदर ने बताया कि इस बार स्थितियाँ अधिक अनुकूल हैं। दामोदरन ने बताया कि अधिक गर्मी में किसानो को सिंचाई अधिक करनी चाहिए, क्योंकि इससे फलों के गिरने की समस्या काफी कम हो जाती है।

आम का उत्पादन राज्य अनुसार

1. देश के कुल उत्पादन में अकेला उत्तर प्रदेश 20.85 प्रतिशत भाग का उत्पादन करता है, जिसका दश्हरी और लंगड़ा आम पूरी दुनिया में प्रसिद्व है।

2. आन्ध्र् प्रदेश में देश के कुल उत्पादन का 20.04 प्रतिशत भाग का उत्पादन किया जाता है। आन्ध्र प्रदेश का बंगनापल्ले नामक आम काफी मश्हूर है।

3. बिहार, देश के कुल आम उत्पादन का 11.19 प्रतिशत भाग आम का उत्पादन करता है और यहाँ के भागलपुर का उदाँतु नामक आम काफी प्रसिद्व है।

4. कर्नाटक राज्य में देश के कुल आम उत्पादन का 6 प्रतिशत आम उत्पादित किया जाता है तथा कर्नाटक का बादामी आम प्रसिद् है।  

5. तमिलनाडु में देश के आम उत्पादन का 5.65 प्रतिशत आम होता है और यहाँ के नीलम और तोतापुरी नामक आम प्रसिद् है।

6. गुजरात में देश के आम उत्पादन का 5.53 प्रतिशत आम का उत्पादन किया जाता है तथा यहाँ का केसर आम प्रसिद् है।

7. बाकी का 30 प्रतिशत आम का उत्पादन देश अन्य राज्यों में किया जाता है।