होली पर पांच संकल्प लेकर जीवन में घोलें स्वास्थ्य और समृद्धि के रंग

   होली पर पांच संकल्प लेकर जीवन में घोलें स्वास्थ्य और समृद्धि के रंग

                                                                                                                                                                                    डॉ0 आर. एस. सेंगर

                                                                     

होली सिर्फ त्यौहार नहीं है बल्कि यह बुराइयों को खात्मे का संदेश भी देती है लेकिन बुराई पर अच्छाई की जीत के इस पर्व को मनाने के साथ-साथ ही हमारी कुछ जिम्मेदारियां भी बनती है। इन जिम्मेदारियों को हम सभी लोगों को समझना होगा जैसे आज हमारे सामने पर्यावरण और पानी का संकट बढ़ता जा रहा है।

इसके साथ ही समाज नफरत और नशे जैसी बुराईयां बढ़ती ही जा रही है। इन बुराइयों को खत्म कर ही हम अपने और अपनी आने वाली पीढियों के जीवन में स्वास्थ्य और समृद्धि के रंग घोल सकते हैं। इसलिए हम सभी लोगों को कोशिश करनी चाहिए कि इन पांच संकल्पों को होली पर लें। जिससे हम बुराइयों को खत्म कर सकेंगे, यह संकल्प इस प्रकार से हैं-

पर्यावरण एवं जल संरक्षण का संकल्प

                                                                     

इस समय पूरी दुनिया पर्यावरण और पानी के संकट से जूझ रही है। ग्लोबल वार्मिंग तो मानव सभ्यता पर ही खतरा बन रही है। विश्व मौसम विज्ञान संगठन की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2023 में हीट वेव, बाढ़, सूखा, जंगल की आग और चक्रवातों ने तबाही मचाई और लाखों लोग इससे प्रभावित हुए। एजेंसी ने तपती धरती को लेकर रेड अलर्ट जारी किया है तो वहीं संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट कहती है कि दुनिया भर में 2.3 अरब आबादी पानी की कमी के संकट से जूझ रही है। अतः इस होली के अवसर पर हमें इन दोनों ही चीजों के संरक्षण का संकल्प लेना चाहिए।

अपनी फिटनेस का ले संकल्प

                                                                   

पत्रिका लैसेंट में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार भारत में 5 से 19 वर्ष तक की उम्र के 1.25 करोड़ अत्यधिक वजन की समस्या से ग्रस्त हैं। वयस्कों में भी मोटापा तेजी से बढ़ रहा है। रिपोर्ट के अनुसार 4.4 करोड़ महिलाएं और 2.6 करोड़ पुरुष मोटापे से ग्रस्त है। पूरी दुनिया में आठ में से एक व्यक्ति मोटापे से पीड़ित है। ऐसे में फिटनेस पर ध्यान देने की शपथ लेना बहुत जरूरी है।

भोजन की बर्बादी पर रोक लगाने का संकल्प

                                                                        

भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण के अनुसार भारत में एक तिहाई खाना खाने से पहले ही बर्बाद हो जाता है। भारत में घरेलू खाद्य अपशिष्ट प्रति व्यक्ति वार्षिक लगभग 50 किलोग्राम है। संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन के अनुसार हर साल दुनिया भर में 1.6 अब टन खाना बर्बाद हो जाता है। जिसमें से 1.3 अरब टन खाना खाने के योग्य होता है। इतनी अधिक मात्रा में भोजन की बर्बादी से प्रतिवर्ष लगभग 750 अरब डॉलर का नुकसान होता है। इसलिए हम सभी लोगों को भोजन की बर्बादी को रोकने का भी संकल्प लेना चाहिए।

नशे की बुराई से दूर रहने का ले संकल्प 

                                                                          

भारत सरकार के आंकड़ों के अनुसार देश में 10 से 17 साल की उम्र के 1.58 करोड़ बच्चे मादक पदार्थों के आदी हैं। सबसे अधिक 16 करोड लोग शराब का सेवन करते हैं, 5.7 करोड़ से अधिक लोग हानिकारक नशे की लत से प्रभावित है। डब्ल्यूएचओ का अनुमान है कि दुनिया भर में 3.5 करोड़ लोग नशीली दवाइयों के उपयोग से संबंधित विकारों से पीड़ित है। इस होली पर हमें इस बुराई से दूर रहने की शपथ और संकल्प लेना चाहिए।

नफरत को दूर करने का ले संकल्प

एससीआरबी की ताजा रिपोर्ट के अनुसार बीते दो सालों में भारत में नफरत फैलाने वाले भाषण और अन्य कृतियों से संबंधित मामलों में 45 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। वर्ष 2021 में ऐसे 993 मामले थे, जबकि 2022 में यह बढ़कर 1445 हो गए इसलिए। नफरत को दूर करने का सभी को संकल्प लेना होगा।

लेखकः प्रोफेसर आर. एस. सेंगर, निदेशक प्रशिक्षण, सेवायोजन एवं विभागाध्यक्ष प्लांट बायोटेक्नोलॉजी संभाग, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।