प्राकृतिक रंगों से खेले होली रासायनिक रंगों का प्रयोग करने से बचें

      प्राकृतिक रंगों से खेले होली रासायनिक रंगों का प्रयोग करने से बचें

                                                                                                                                                            डॉ0 दिव्यांशु सेंगर एवं मुकेश शर्मा

                                                          

होली सिर्फ त्यौहार नहीं है बल्कि यह बुराइयों को खात्मे का संदेश भी देती है। लेकिन बुराइयों पर अच्छाइयों की जीत के इस पर्व को मनाने के साथ-साथ हमारी कुछ जिम्मेदारियां भी हैं। इन जिम्मेदारियां को समझते हुए और होली खेले होली खेलते समय कुछ सावधानियां भी बरतनी होती हैं, जिससे आपको कोई नुकसान ना हो क्योंकि इसमे जरा सी चुप भी आपको बीमार बना सकती है। होली के अवसर पर रासायनिक रंगों का प्रयोग करने से बचें।

इससे त्वचा में एलर्जी, खुजली और दाने आदि की समस्या भी हो सकती हैं, यह रंग सेहत के लिए नुकसानदेह भी हो सकते हैं। अतः हर्बल और प्राकृतिक रंगों का उपयोग अधिक से अधिक करें। हर्बल रंगों का प्रयोग करने से आपकी त्वचा को कोई हानि नहीं होगी और आप सुरक्षित रहेंगे। रासायनिक रंगों की वजह से त्वचा में छोटे-छोटे लाल दाने पड़ जाते हैं और इसे चिकित्सीय भाषा में एलोपेशिया कहते हैं।

ऐसे बनाएं प्राकृतिक रंग

                                                                     

प्राकृतिक रंग स्वास्थ्य के लिए पूरी तरह से सुरक्षित हैं इन्हें अपना कर इको फ्रेंडली होली खेलनी चाहिए। हल्दी और बेसन मिलाकर पीला गुलाल, नारंगी रंग के लिए गुलाब जल, एवं चंदन पाउडर, आटा और हल्दी मिलाएं। लाल रंग बनाने के लिए चंदन पाउडर, चुटकी भर कथा, हल्दी, पानी और सूखा रंग पानी में मिलाएं। काला रंग बनाने के लिए लोहे की कढ़ाई में सूखा आंवला रात भर भिगोकर रखें।

टेसू के फूल रात भर गर्म पानी में भिगोकर रखने से पीला रंग बनता है। इस प्रकार आप घर पर ही प्राकृतिक रंग बनाकर उनसे होली खेल सकते हैं, जो कि त्वचा के लिए ठीक रहते हैं और उसे किसी भी प्रकार की हानि नहीं पहुंचाते हैं।

इन रंगों से होता है खतरा

                                                          

  • काले रंग से गुर्दों को नुकसान पहुँचता है।
  • हरे रंग से आंखों में संक्रमण होने का खतरा होता है।
  • सिल्वर रंग से कैंसर का खतरा बढ़ता है।
  • लाल रंग से आंखें कमजोर होने का खतरा रहता है।

होली खेलते समय क्या रखें सावधानी

  • नशे में गाड़ी ना चलाएं
  • चश्मा पहने
  • होली खेलते समय फुल आस्तीन के कपड़े पहने
  • गीले रंग से होली खेलने से बचे
  • कोई रंग लगाए तो अपनी आंखों को बंद रखें
  • आपके हाथों में रंग लगा होने पर आप आंखों को मसल या रगड़े नहीं
  • ताली भूनी वस्तुओं के अत्यधिक सेवन से बचें
  • गुब्बारे आंखों को नुकसान पहुंचा सकते हैं इसलिए इनसे बचकर रहे
  • हर्बल रंग खेले केमिकल युक्त रंग खेलने से बचे
  • सांस के रोगी रखें अपना खास ध्यान

डॉक्टर दिव्यांशु सेंगर मेडिकल ऑफिसर के अनुसार केमिकल रंग और गुलाल उड़ने से एलर्जी अस्थमा और सांस संबंधी दूसरी परेशानियां हो सकती है। रंग भरे गुब्बारे का प्रयोग ना करें, क्योंकि गुब्बारा आंख, कान में लगने से पर्दे को क्षतिग्रस्त कर सकता है। इसके अलावा सीने पर लगने से हार्ट को भी खतरा हो सकता है। त्योहार का मजा किरकिरा ना हो और खुशियां बनी रहे इसके लिए कुछ ऐतिहात बरतनें की आवश्यकता होती है। यदि आप सुरक्षित रहते हुए होली खेलेंगे तो आपका जीवन और स्वस्थ भी सुरक्षित ही बना रहेगा।

कांटेक्ट लेंस पहनकर नहीं खेली होली

                                                                   

विशेषज्ञ बताते हैं कि रंग खेलते समय चेहरे व आंखों को छूने से बचे। आंखों में रंग जाने पर साफ तुरंत ही साफ पानी से आंखें धोए, इससे संक्रमण का खतरा नहीं रहेगा। आंखों में खतरनाक रंगों के पड़ जाने से आंखों में खुजली और जलन हो सकती है, रोशनी भी कम हो सकती है। रंग खेलते समय कॉन्टैक्ट लेंस ना पहने, चश्मा लगा कर रखें। इससे आपकी आंखें सुरक्षित रहेगी।

लेखक : डॉ0 दिव्यांशु सेंगर, प्यारे लाल शर्मा जिला चिकित्सालय मेरठ में मेडिकल ऑफिसर हैं।