होली के पर्व पर अपनी सेहत का रखें विशेष ख्याल

                  होली के पर्व पर अपनी सेहत का रखें विशेष ख्याल

                                                                                                                                                            डॉ0 दिव्यांशु सेंगर एवं मुकेश शर्मा

जीवन का उल्लास उठाना अच्छी सेहत के बिना अकल्पनीय है। इस उल्लास में जब होली जैसे पर्व जुड़ जाते हैं तो अच्छी सेहत का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है। ऐसे मौकों पर खान-पान में थोड़ी सी भी अनियमितता सेहत के लिए परेशानी बन सकती है। अगर किसी को डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर या हृदय संबंधी समस्याएं हैं तो उन्हें अतिरिक्त सतर्कता बरतने की जरूरत रहती है। अभी खा लेते हैं, जो होगा देखा जाएगा यह सच या प्रवृत्ति सही नहीं है। सजकता से होली नहीं खेलने पर त्वचा एवं आंख से जुड़ी समस्याएं भी बढ़ सकती है। सभी लोगों को प्रयास करना चाहिए कि वह हानिकारक रंगों से बचें और सजग रहे, ताकि सेहत को लेकर उनके साथ कोई जोखिम उत्पन्न ना हो।

                                                            रंग में ना हो भंग

                                                                         

होली के त्यौहार के दौरान अल्कोहल, गांजा और भांग आधिकता से प्रयोग होता है। ऐसे में भांग को तो एक सामान्य चीज ही मान लिया जाता है। खतरा तो ऐसे लोगों के साथ भी है जो किसी मानसिक समस्या की दवा ले रहे हैं। उनके लिए यह बड़ी परेशानी का कारण बन सकता है। नींद की कमी से चिड़चिड़ापन हो सकता है, अल्कोहल का अत्यधिक सेवन करने से अल्कोहल टॉक्सीसिटी का शिकार भी बन सकता है। जिससे सांस की परेशानी, चेतन की हानि और उल्टी आदि की समस्या भी हो सकती है।

                                                          बालों का हाल

                                                                         

आप अपने बालों को कृत्रिम रंगों और गुलाल आदि से बचने का प्रयास करें अन्यथा बाल रुखे और बेजान हो सकते हैं। इसके लिए कपड़े या टोपी से बालों को ढक लें। कुछ लोग बालों में तेल भी डाल लेते हैं तो यह भी एक तरीका अच्छा है क्योंकि इससे बालों में कलर का प्रभाव कम हो जाता है।

होली पर कैसा हो खानपान

होली के त्यौहार के दौरान बाजार की मिठाईयों या भोजन से दूर ही रहें। गुणवत्ता सही हो तो उसके बाद ही इनका सेवन करें।

लापरवाही से भरा खान पान व्यक्ति के पाचन तंत्र के लिए एक समस्या भी बन सकता है जिससे एसिडिटी की समस्या हो सकती है।

यदि आप डायबिटीज या उच्च रक्तचाप के मरीज हैं तो देखें की डायबिटीज और ब्लड प्रेशर नियंत्रित है अथवा नहीं।

खानपान में अनियमितता बढ़ने से आप हाइपरग्लिकेमिया के भी शिकार हो सकते हैं।

                                                       अपनी आंखों का भी रखें ख्याल

                                                                             

  • आंखों में रंग या गुलाब ना जाने पाए इसके लिए आप चश्मे का प्रयोग कर सकते हैं।
  • कृत्रिम रासायनिक रंग आंखों में चला जाए तो यह कॉर्निया को नुकसान पहुंचा सकता है।
  • आंखों में रंग या गुलाल चला जाए तो अपनी आँखों को तुरंत साफ पानी से धोएं और यदि अधिक परेशानी हो रही है तो आंख के चिकित्सक से सलाह अवश्य लें।
  • चोट के कारण खून निकलने लगे तो घबराएं नहीं पहले सूती कपड़े से आंखों को ढके और आँख की सफाई करें।

वायरस से बचकर कैसे रहें

सुखे और हर्बल रंगों का प्रयोग करें, अधिक देर तक गीले रंगों या पानी में रहने से बचें, इससे आपको बुखार भी हो सकता है।

वायरल संक्रमण होने पर विटामिन सी, विटामिन 12 की गोली ले सकते हैं। फिर भी अगर तकलीफ ज्यादा हो रही है तो तुरंत अच्छे चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए और उसके सुपरविजन में ही ट्रीटमेंट प्रारंभ करना चाहिए।

                                                        त्वचा को कैसे रखें सुरक्षित

                                                                      

  • होली खेलने से पूर्व त्वचा पर मॉइस्चराइजर क्रीम या नारियल का तेल लगा लें।
  • यदि धूप तेज है तो सनस्क्रीन लगाकर ही बाहर निकलें।
  • बचाव के लिए वाटर प्रूफ कपड़े पहन सकते हैं।
  • नाखूनों की सुरक्षा के लिए कुछ महिलाएं नेल पेंट लगती है यह तरीका अच्छा है।

कृत्रिम रंगों में ब्रोमाइड के अलावा आयरन सल्फाइड, जिंक, निकिल, ब्लैक लेड ऑक्साइड, क्रोमियम, आयोडीन, सिल्वर अल्युमिनियम, ब्रोमाइड, मर्करी एवं अमोनिया सहित अनेक हानिकारक तत्व और धातु मिले रहते हैं। इससे त्वचा की एलर्जी हो या सूजन आ गई हो तो ऐसी स्थिति में तुरंत ही चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए।

यदि यह रंग किसी तरह से मुंह के अन्दर चले जाते हैं तो तुरंत मुंह को साफ करें और ज्यादा देर इंतजार ना करें, क्योंकि यह पेट में पहुंचकर हानिकारक साबित होते हैं। इसलिए तुरंत कुल्ला करके अपने मुंह को साफ कर लें।

लेखक : डॉक्टर दिव्यांशु सेंगर, प्यारे लाल शर्मा, जिला अस्पताल मेरठ में मेडिकल ऑफिसर हैं।