देसी नस्ल की इस खास गाय का करें पालन किसान Publish Date : 20/08/2024
देसी नस्ल की इस खास गाय का करें पालन किसान
साल में 275 दिन देती है दूध, हमारे पशु विशेषज्ञ से जानिए इसकी विशेषताएं
भारत की अधिकांश आबादी खेती पर निर्भर करती है। लोग खेती के साथ अपनी आय को बढ़ाने के लिए पशुपालन का काम भी पुराने समय से ही करते चले आ रहे हैं। किसान बकरी, मुर्गी, सूअर पालन के साथ ही गाय और भैंस का पालन करके अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। गौपालन धीरे-धीरे ग्रामीण भारत के साथ ही शहरी क्षेत्रों में बिजनेस का रूप ले रहा है। अब किसान के अलावा पढ़े-लिखे युवा भी इसमें अधिक रुचि दिखा रहे हैं।
हालांकि कुछ लोगों को गौपालन में नुकसान भी उठाना पड़ रहा है, इसका मुख्य कारण ज्ञान और तकनीक की कमी होना है। लोगों को ज्यादा दूध देने वाली गाय की नस्लों की जानकारी कम है। आज हम अपनी इस ब्लॉग पोस्ट के माध्यम से आपको गाय की एक खास नस्ल के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसका पालन करके किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
साल 275 दिन दूध देती है इस नस्ल की गाय
आपको बता दें कि हम बात कर रहे हैं गाय की देसी नस्ल रेड कंधारी के बारे में, जो दुग्ध उत्पादन के मामले में उन्नत नस्ल की गाय मानी जाती है। पशु विशेषज्ञ भी इस खास नस्ल की गाय पालने के लिए लोगों को प्रेरित करते रहते हैं। रायबरेली जिला के राजकीय पशु चिकित्सालय शिवगढ़ के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. इंद्रजीत वर्मा बताते हैं कि रेड कंधारी गाय भारत की एक दुधारू नस्ल की गाय मानी जाती है। इस नस्ल की गाय भारत में मुख्य रूप से कर्नाटक और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में पाई जाती है। रेड कंधारी नस्ल की गाय किसानों के लिए हीरे की खान से कम साबित नहीं होती है, क्योंकि यह गाय सर्वाधिक दूध देने वाली गाय है और यह गाय एक वर्ष में 275 दिन दूध देती है।
रेड कंधारी नस्ल की कैसे करें पहचान
प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. इंद्रजीत वर्मा ने बताया कि रेड कंधारी गाय की लंबाई लगभग 128 सेमी होती है। मध्यम आकार के इस नस्ल की गाय का माथा चौड़ा, कान लंबे और सींग घुमावदार होते हैं। वहीं रेड कंधारी बैल की लंबाई 138 सेमी होती है। साथ ही यह प्रति ब्यांत लगभग 600 किलोग्राम तक दूध देती है। इस गाय की एक खासियत यह भी है कि यह किसी भी वातावरण में आसानी से रह सकती है। वहीं अगर इसकी कीमत की बात की जाए तो इस गाय की कीमत 30 हजार रुपए तक होती है। इस गाय का पालन कर किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।