पेाटाश खाद घर में ही तैयार करने का तरीका      Publish Date : 17/09/2024

                               पेाटाश खाद घर में ही तैयार करने का तरीका

                                                                                                                 प्रोफेसर आर. एस. सेंगर एवं डॉ0 वर्षा रानी

पोटाश खाद घर में बनायें, केमिकल वाले खाद में फालतू के पैसे नहीं करें खर्च, जानें पोटाश फ्री में कैसे बनेगी

                                                                

फसलों में पोटाश खाद का इस्तेमाल बहुतायत रूप से किया जाता है। बाजार में मिलने वाले केमिकल वाली पोटाश का फसलों के लिए, पेड़ पौधों के लिए हानिकारक होती है। इसलिए आज हम अपनी इस पोस्ट में पोटाश खाद घर पर ही बनाने के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे, जिसको बनाने में किसानों को ₹1 का भी खर्चा नहीं आएगा। पोटेशियम सभी फसलों के लिए प्रमुख पोषक तत्वों में से एक माना जाता हैं और किचन गार्डनिंग करने वाले भी पोटाश खाद का इस्तेमाल करते हैं और बाजार से पोटाश खाद खरीदते हैं।

पोटाश घर पर ही कैसे बनाएं

                                                            

यदि आप पोटाश खाद घर पर बनाना चाहते हैं तो यह बहुत ही आसान है। पोटाश खाद बनाने के लिए केले के छिलके का का उपयोग किया जाता है। जैसा कि हम सभी लोग जानते है कि केला हमारी सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है और इसका छिलका भी कई तरह के पोषक तत्व से भरपूर होता हैं। केले के छिलके से पोटाश खाद बनाने के लिए आपको छांव में करीब 10 दिनों के लिए केले के छिलकों को रखना है। जब छिलका अच्छी तरह से सूख जाए और तोड़ने में वह कड़क हो, तब आप मिक्सर ग्राइंडर में इसको पीस लें। फिर एक जगह आप इसे बढ़िया से पैक करके रख लें और पौधों पर इसका उपयोग करें।

इसको उपयोग कैसे करें-

केले के छिलके से बनी पोटाश खाद का इस्तेमाल आपको सही मात्रा में ही करना होता है। जैसे कि माना एक पौधा जिसकी ऊँचाई 6 से 8 इंच है तो उसमें आपको 1 से 2 चम्मच पोटाश खाद का ही प्रयोग करना होता है। पोटाश खाद आपको पौधों की जड़ों के पास वाली मिट्टी में मिलाना है और उसमें पानी डाल देना है। इस तरह आप घर पर पोटाश खाद बना सकते हैं और केमिकल वाले पोटाश में पैसे खर्च होने वाले खर्च को भी से बचा सकते हैं।

लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल   कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।