
फसलों में सल्फर के उपयोग के लाभ Publish Date : 27/02/2025
फसलों में सल्फर के उपयोग के लाभ
प्रोफेसर आर. एस. सेंगर
फसलों में उपयोग किए जाने वाले 16 मुख्य पोषक तत्वों में से एक होता है सल्फर। सल्फर का उपयोग फसलों में न केवल एक पोषक तत्व के रूप में अपितु कीटनाशक और कवकनाशी के रूप में भी इसका उपयोग किया जाता है। फसल के बेहतर विकास और भरपूर उत्पादन के लिए भी सल्फर बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, क्योंकि प्रकाश संश्लेषण की क्रिया में सल्फर शानदार भूमिका निभाता है।
फसलों में सल्फर के उपयोग से प्राप्त होने वाले लाभ
फसल की गुणवत्ता में सुधारः सल्फर का उपयोग करने से फसल की गुणवत्ता में व्यापक सुधार आता है। सल्फर का उपयोग करने से फसलों में तीखापन, तेल की मात्रा, सुगंध, प्रोटीन और चीनी की मात्रा को बढ़ाने के लिए किया जाता है।
अन्य पोषक तत्वों की उपलब्धता में सहायताः फसलों को नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, जिंक, बोरॉन और लौह जैसे आवश्यक पोषक तत्वों को बेहतर तरीके से ग्रहण करने की क्षमता में वृद्वि करता है।
फसल को पाले के प्रकोप से बचाता हैः ठंड़ के मौसम में शीतलहर और पाले का प्रभाव सीधेतौर पर फसल के उत्पादन पर पड़ता है। विशेष रूप से फूल एवं फल के बनने के समय पाले से फसल बहुत अधिक प्रभावित होती हैं और इससे उपज के कम होने का खतरा बना रहता है। सल्फर का उपयोग करने से फसलों का इस समस्या से प्रभावी बचाव होता है।
मटर, चना, अलसी और सरसों के जैसी विभिन्न फसलों पर पाले का बहुत गम्भीर प्रभाव पड़ता है, जबकि अरहर, गन्ना, गेंहूँ और जौ आदि के जैसी फसलों पर पाले का प्रभाव अपेक्षाकृत रूप से कुछ कम होता है।
लेखकः डॉ0 आर. एस. सेंगर, निदेशक ट्रेनिंग और प्लेसमेंट, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ।